एसोससिएशन ने फिर दी हड़ताल की चेतावनी, सरकार ने देर रात बनाई कमेटी, एक बार फिर बंद पेट्रोल पम्प
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एसोससिएशन ने फिर दी हड़ताल की चेतावनी, सरकार ने देर रात बनाई कमेटी, एक बार फिर बंद पेट्रोल पम्प
जयपुर ( 29 सितम्बर 2023 ) राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की मांग ने एक बार फिर से जोर पकड़ा है. पिछली बार हाईपावर कमेटी बनाने की शर्त पर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल वापस ली थी. अब उन्होंने गहलोत सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. एसोसिएशन ने एक बार फिर से हड़ताल शुरू कर दी है. हालांकि देर रात सरकार ने वैट की गणना के लिए कमेटी का गठन कर दिया, लेकिन एसोसिएशन ने हड़ताल चालू रखी है. डीलर्स ने गुरूवार रात 8 बजे से 10 बजे तक सभी पेट्रोल पंप बंद रखने का एलान किया है. वहीं, एक अक्टूबर से सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र भाटी ने कहा है कि अगर सरकार तब भी नहीं मानी तो दो अक्टूबर से एक बार फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.
इन मुद्दों पर बनी थी सहमति
राजस्थान पेट्रोलियम एसोसिएशन और सरकार के बीच 15 सितंबर को हुई बातचीत में तीन मुद्दों पर सहमति बनी थी. प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने मध्यस्थता की थी. मुद्दों में पंजाब के समान वैट दर करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने और हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर में पेपर डिपो बनाना था.
इसके अलावा यह भी सहमति बनी कि राजस्थान सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल कराने के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंसा पत्र लिखेगी. सरकार की ओर से बनने वाली कमेटी अगले 10 दिन में प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की बिक्री के आंकड़ों का विश्लेषण करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी. इस कमेटी में राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के तीन पदाधिकारी, राज्य सरकार और ऑयल कंपनी के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
तब राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने कहा था कि हमारी हड़ताल 10 दिन के लिए सिर्फ स्थगित हुई है. अगर 10 दिन में दिए गए आश्वासनों पर काम नहीं हुआ तो हमारी मुहिम चालू रहेगी.आज एसोसिएशन के पदाधिकारी और सरकार में हुई बातचीत को 14 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन कमेटी बनाने के अलावा और किसी मांग पर काम नहीं हुआ है. इसीलिए डीलर्स एक बार फिर से हड़ताल की राह पर हैं.
महंगे पेट्रोल-डीजल के कारण बंद हो गए 270 पंप
भाटी का दावा है कि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने के कारण प्रदेश में 270 पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं. वहीं, दो हजार पंप ऐसे हैं जिनकी रोजाना की बिक्री 50-100 किलोलीटर ही है. ऐसे में ये पंप संचालक घाटे में हैं और पंप बंद करने की सोच रहे हैं. इसीलिए हमारी मांग है कि राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट पंजाब के बराबर किया जाए.
पहले भी दो दिन 8-8 घंटे सांकेतिक हड़ताल हुई
13 और 14 सितंबर को पेट्रोल पंप संचालकों ने सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक पंप बंद रखे। 8-8 घंटे की इस सांकेतिक हड़ताल के बाद सरकार ने वार्ता का कदम उठाया था। अब एसोसिएशन ने वार्ता में किए गए वादों को तोड़ने का आरोप लगाया है। इसी आधार पर 29 और 30 सितंबर को 12-12 घंटे तक पंप बंद रखने का आह्वान किया गया है।
15 सितंबर को मंत्री के आश्वासन पर स्थगित हुई थी हड़ताल
इस महीने 15 सितंबर शुक्रवार को राजस्थान सरकार और पेट्रोल पंप संचालकों के बीच वार्ता हुई थी। सरकार की ओर से मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन को आश्वासन दिया। इसके बाद सचिवायल में मंत्री ने प्रेस वार्ता के जरिए जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की पांच सूत्री मांगों और वैट के आंकलने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी 10 दिन में रिपोर्ट देगी। इसी आश्वासन के बाद पेट्रोल पंप संचालकों ने हड़ताल 10 दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी।
हालांकि भाटी का कहना है कि कल देर रात में सरकार ने कमेटी बनाई. जबकि कमेटी 25 सितंबर तक ही बन जानी चाहिए थी. अब हमें डर है कि यह कमेटी आचार संहिता की भेंट ना चढ़ जाए! इसके अलावा हमारी अन्य मांगों पर भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
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