हमारा हर कार्य विवेक सम्मत हो: गणिवर्य ज्ञान रत्न - JALORE NEWS
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हमारा हर कार्य विवेक सम्मत हो: गणिवर्य ज्ञान रत्न - JALORE NEWS
जालौर ( 19 नवम्बर 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदीश्वर द्वीप जैन तीर्थ में जैन रत्न से सम्मानित चम्पालाल भंडारी परिवार की ओर से आयोजित आध्यात्मिक चातुर्मास के तहत रविवार को आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए गणिवर्य श्री ज्ञान रत्न विजय जी महाराज साहब ने विवेक को व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी बताया।
चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी के मुताबिक गणिवर्य श्री ज्ञान रत्न विजय जी ने कहा कि उचित समय पर ,उचित प्रकार से ,उचित क्रिया ,करना ही विवेक कहलाताहमारा हर कार्य विवेक सम्मत हो: गणिवर्य ज्ञान रत्न - JALORE NEWS है। हमें अपने जीवन का हर कार्य विवेक पूर्ण करना चाहिए। हमारी किसी भी क्रिया एवं आराधना से किसी को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो । इसे औचित्य कहा जाता है। औचित्य सदैव विवेक से एक कदम आगे रहता है। प्रभु महावीर का यह धर्म हमें जीवन में दया और करुणा की शिक्षा देता है। जियो और जीने दो एक शाश्वत एवं सार्वभौमिक शाश्वत सत्य हैं। हमें किसी भी प्राणी का जीवन छीनने का कोई हक नहीं है।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री आनंद मंगल विजय जी ने कहा कि प्रभु महावीर का धर्म और उसकी शरण ही इस संसार का सत्य है। प्रभु महावीर के शासन में ज्ञान की परंपरा अद्वितीय और अलौकिक हैं। ज्ञान हमारे
जीवन में विवेक और चेतना का संचार करता है। बिना ज्ञान के हम अपने जीवन में भटक जाते हैं। ज्ञान हमें भटकाव से बचाता है।
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