कौन हैं भजनलाल शर्मा जो राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे? मजबूत बाह्मण चेहरे में होती है इनकी गिनती - JALORE NEWS
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कौन हैं भजनलाल शर्मा जो राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे? मजबूत बाह्मण चेहरे में होती है इनकी गिनती - JALORE NEWS
जयपुर ( 12 दिसंबर 2023 ) Rajasthan NeW CM : राजस्थान के निए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा होंगे. भजनलाल शर्मा राजस्थान में एख मजबूत बाह्मण चेहरा हैं. भजन लाल शर्मा जयपुर की सांगानेर विधानसभा से पहली बार विधायक चुने गए हैं. बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक अशोक लौहाटी का टिकट काट कर भजन लाल शर्मा को दिया था. भजन लाल शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से शिकस्त दी है.
भरतपुर के रहने वाले है भजन लाल शर्मा
भजन लाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले है. सांगानेर विधानसभा से चुनाव लड़ने के दौरान उनके उपर बाहरी होने का भी आरोप भी कांग्रेस ने लगाया था. हालांकि, इसके बाद भी भजन लाल शर्मा ने बड़े अंतर के साथ सांगानेर में जीत दर्ज की है. भजन लाल शर्मा संघ और संगठन दोनों के करीबी माने जाते हैं. राजस्थान में सामान्य वर्ग के रूप में एक मजबूत चेहरे को तौर पर राजनीति पंडित उन्हें सीएम की रेस में मान कर चल रहे थे.
भजन लाल शर्मा पर मुकदमा है लंबित
एक मीडिया रिपोर्ट की मानें को भजन लाल शर्मा के ऊपर अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-4, जयपुर में एक मामला लंबित चल रहा है. भजन लाल शर्मा के ऊपर यह मामला आईपीसी की धारा 353, 149 के तहत दर्ज है. इस मामले में 04 दिसंबर 2015 को भजन लाल शर्मा ऊपर आरोप तय किए गए थे.
सांगानेर विधानसभा सीट से लड़े थे चुनाव
राजस्थान की सांगानेर विधानसभा सीट से बीजेपी ने भजन लाल शर्मा को और कांग्रेस ने पुष्पेंद्र भारद्वाज को उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी के भजन लाल शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेन्द्र भरद्वाज को 48 हजार से अधिक मतों से हराया है. इस सीट पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था और 70.3% वोट पड़े थे. इसी सीट पर पर साल 2018 में 68.3% वोट पड़े थे. राजस्थान में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था. कुल 74.62% वोट पड़े थे.
जानें कौन हैं भजन लाल शर्मा
राजस्थान के नवनिर्वाचित भजन लाल शर्मा राजस्थान भाजपा के महामंत्री हैं। वह भरतपुर के रहने वाले हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें जयपुर की सांगानेर सीट से विधानसभा सीट का टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार से अधिक मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। वह पहली विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं। वह आरएसएस और भाजपा के छात्रसंघ संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ लंबे समय से जुड़े रहें हैं। वह भरतपुर में जिला मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं।
इतनी संपत्ति के मालिक हैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
भजनलाल शर्मा के पास 1.40 करोड़ की संपत्ति और देनदारी 35 लाख रुपये है। विधानसभा चुनाव में दिए गए संपत्ति के ब्योरे से संबंधित हलफनामे के मुताबिक, राजस्थान के नए मुख्यमंत्री शर्मा की नेटवर्थ में 115000 रुपये नगद है। बैंक खातों में करीब 11 लाख रुपये जमा है।
सीएम भजनलाल के पास तीन तोला गोल्ड है। इनके पास एलआईसी और एचडीएफसी की दो बीमा पॉलिसी हैं। इसके अलावा शर्मा के पास एक टाटा सफारी है। जिसकी कीमत 5 लाख रुपये हलफनामे में बताई गई है। वहीं, एक टीवीएस विक्टर बाइक है।
Rajasthan CM: 13 दिग्गजनों ने 25 बार संभाली राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी, 4 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन
आखिरकार कई दिनों तक चली गहमागहमी के बाद यह तय हो गया है कि भजनलाल शर्मा ही राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान किया गया। वे जयपुर के सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। प्रदेश में तीन दिसबंर को चुनाव परिणाम आए थे। इसमें भाजपा ने 115 सीटें जीतीं थीं। आठ दिसंबर को ही केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय की भी घोषणा हुई थी। बता दें कि राजस्थान में भजनलाल शर्मा से पहले 13 नेताओं ने 25 बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है। इसमें सबसे ज्यादा 4 बार मोहन लाल सुखाड़िया और तीन बार भैरोंसिंह शेखावत सीएम रहे। इस खबर में हम आपको राजस्थान के अब तक मुख्यमंत्री रहे नेताओं से रूबरू करवा रहे हैं।
1949 में हीरालाल शास्त्री बने थे मुख्यमंत्री
साल 1949 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी। इस दौरान हीरालाल शास्त्री को मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव गया। उन्होंने 7 अप्रैल 1949 को कुर्सी संभाली। वे पांच जनवरी 1951 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। वहीं भाजपा की वसुंधराराजे एक मात्र महिला मुख्यमंत्री रहीं, जिन्होंने पांच साल की पूर्ण अवधि को पूरा किया। वहीं हरिदेव जोशी, भैरोंसिंह शेखावत और अशोक गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री रहे। इसके साथ ही जयनारायण व्यास, शिवचरण माथुर और वसुंधरा राजे सिंधिया को 2-2 बार मुख्यमंत्री पद संभाला। बता दें कि प्रदेश में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है।
ये है पूरी लिस्ट
- हीरा लाल शास्त्री- कांग्रेस- (7 अप्रैल 1949 से 5 जनवरी 1951)
- सीएस वेंकटाचारी- कांग्रेस- (6 जनवरी 1951 से 25 अप्रैल 1951)
- जय नारायण व्यास- कांग्रेस- (26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952)
- टीका राम पालीवाल- कांग्रेस- (3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952)
- जय नारायण व्यास- कांग्रेस- (1 नवम्बर 1952 से 12 नवम्बर 1954)
- मोहन लाल सुखाड़िया- कांग्रेस- (13 नवम्बर 1954 से 11 अप्रेल 1957)
- मोहन लाल सुखाड़िया- कांग्रेस- (11 अप्रेल 1957 से 11 मार्च 1962)
- मोहन लाल सुखाड़िया- कांग्रेस- (12 मार्च 1962 से 13 मार्च 1967)
- राष्ट्रपति शासन- (13 मार्च 1967 से 26 अप्रेल 1967)
- मोहन लाल सुखाड़िया- कांग्रेस (26 अप्रेल 1967 से 9 जुलाई 1971)
- बरकतुल्लाह खान- कांग्रेस (9 जुलाई 1971 से 11 अगस्त 1973)
- हरिदेव जोशी- कांग्रेस- (11 अगस्त 1973 से 29 अप्रेल 1977)
- राष्ट्रपति शासन- (29 अगस्त 1973 से 22 जून 1977)
- भैरोंसिंह शेखावत- जनता पार्टी (22 जून 1977 से 16 फरवरी 1980)
- राष्ट्रपति शासन (16 मार्च 1980 से 6 जून 1980)
- जगन्नाथ पहाड़िया- कांग्रेस (6 जून 1980 से 13 जुलाई 1981)
- शिवचरण माथुर- कांग्रेस- (14 जुलाई 1981 से 23 फरवरी 1985)
- हीरा लाल देवपुरा- कांग्रेस- (23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985)
- हरिदेव जोशी- कांग्रेस (10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988)
- शिवचरण माथुर- कांग्रेस (20 जनवरी 1988 से 4 दिसम्बर 1989)
- हरिदेव जोशी- कांग्रेस (4 दिसम्बर 1989 से 4 मार्च 1990)
- भैरोंसिंह शेखावत- भाजपा (4 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992)
- राष्ट्रपति शासन- (15 दिसम्बर 1992 से 4 दिसम्बर 1993)
- भैरोंसिंह शेखावत- भाजपा- (4 दिसम्बर 1993 से 29 दिसम्बर)
- अशोक गहलोत- कांग्रेस- (1 दिसम्बर 1998 से 8 दिसम्बर 2003)
- वसुन्धरा राजे सिंधिया- भाजपा (8 दिसम्बर 2003 से 11 दिसम्बर 2008)
अशोक गहलोत- कांग्रेस (12 दिसम्बर 2008 से 13 दिसम्बर 2013)
- वसुंधरा राजे सिंधिया- भाजपा (13 दिसम्बर 2013 से 16 दिसंबर 2018)
- अशोक गहलोत- कांग्रेस (17 दिसम्बर 2018 से दिसंबर 2023)
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