फूट-फूट कर रोने के लिए मिलेगा डेढ़ लाख का पैकेज, जोधपुर में राजस्थान में शुरू हुआ नया स्टार्टअप
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फूट-फूट कर रोने के लिए मिलेगा डेढ़ लाख का पैकेज, जोधपुर में राजस्थान में शुरू हुआ नया स्टार्टअप
जोधपुर ( 26 फरवरी 2024 ) राजस्थान के जोधपुर में कुछ लोगों ने मिलकर एक नया स्टार्टअप शुरू किया है। जिसमें महिला पुरुष को रोने के भी पैसे मिलेंगे। दरअसल इन लोगों की टीम वहां रोने के लिए भी जाएगी। जहां किसी की मौत हो गई है। मृतक परिवार के आर्डर पर इनके यहां से रोने के लिए महिला और पुरुष भेजे जाएंगे। जो पैसे के अनुसार ही फूट फूटकर रोएंगे। हैरानी की बात तो यह है कि अब तक तो मृतक के परिजन ही घर में किसी की मौत होने पर रोते थे। लेकिन अब रोने के लिए भी किराये पर लोग मिलने लगे हैं।
जोधपुर में शुरू हुआ स्टार्टअप
राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर वहां एक ऐसा स्टार्टअप खुला है । जिसका नाम अंतिम सत्य है, नाम के अनुसार ही काम और उसकी रेट्स तय है । आप सही सोच रहे हैं यह स्टार्टअप मरने वाले लोगों के यहां किए जाने वाले तमाम कामों के लिए स्टाफ और पंडित उपलब्ध कराता है । फिर चाहे रोने का काम हो , पूजा पाठ का काम हो या शमशान घाट में किसी तरह की सेवा हो। सभी काम के लिए रेट पहले ही फिक्स है। बड़ी बात यह है इस स्टार्टअप के बाद लोग इससे जुड़ रहे हैं और सेवाएं ले रहे हैं।
अंतिम सत्य के नाम से शुरू संस्था
कंपनी अंतिम सत्य के को फाउंडर गजेंद्र पारीक ने बताया कि इन दोनों संयुक्त परिवार टूटे जा रहे हैं । लोग एकल परिवार में जुड़ने जा रहे हैं। संयुक्त परिवार टूटने और बड़े बुजुर्गों का साथ छूट जाने के कारण लोगों को यह पता नहीं है की अंतिम संस्कार में किस तरह के रीति रिवाज काम में लिए जाते हैं । सनातन धर्म में तो 15 दिन का महत्व होता है यानी किसी की मृत्यु होने के बाद 15 दिन तक क्या-क्या क्रियाकलाप और परिस्थितियों होती है यह आज के युवाओं को पता नहीं है।
टीम में सभी तरह के लोग शामिल
पारीक ने कहा हमारी टीम जिसमें महिला पुरुष बुजुर्ग पंडित सब लोग शामिल हैं , यह लोग घर में किसी के देहांत होने पर पूजा पाठ कराने और अन्य कामों के लिए जाते हैं। कंपनी 12 से 15 दिन तक का फुल पैकेज देती है । जिसमें 20 महिलाएं, लड़कियां 10 पुरुष और लड़के एवं 10 पंडित और पूजा पाठ करने वाले लोग शामिल होते हैं। यह पैकेज करीब ₹60000 का होता है। इसके अलावा 15 दिन का फुल पैकेज जिसमें पूजा पाठ , ब्राह्मण भोज और अन्य तमाम रीति रिवाज होते हैं । वह करीब 1,21,000 से लेकर 1,50,000 रुपए तक का है ।
चर्चा का विषय बना ये स्टार्टअप
सबसे बड़ी बात यह है कि इस कंपनी का यह प्रोजेक्ट लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है । लगातार क्वेरीज आ रही है और वह अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इस तरह का कोई स्टार्टअप या कंपनी राजस्थान में एकलौती है। यह लोग घर से सब को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले जाने तक का काम भी करते हैं।
तेरहवीं तक साथ
“अंतिम सत्य” के को फाउंडर गजेंद्र पारीक हैं. उन्होंने कहा संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं. एकल परिवार रह गए हैं. संयुक्त परिवार टूटने और बड़े बुजुर्गों का साथ छूटने के कारण लोगों को यह पता नहीं है कि अंतिम संस्कार में किस तरह के रीति रिवाज होते हैं. सनातन धर्म में तो 13 दिन का महत्व होता है, यानी किसी की मृत्यु होने के बाद 13 दिन तक क्या-क्या कर्मकांड और परिस्थितियां होती हैं यह आज के युवाओं को पता नहीं है.
संयुक्त परिवार टूटने से जरूरत :
कंपनी के सहसंस्थापक गजेंद्र पारीक के अनुसार समाज में संयुक्त परिवारों का विघटन लगातार हो रहा है. संयुक्त परिवार टूटने और बड़े बुजुर्गों का साथ छूट जाने से अब लोगों को पता भी नहीं है कि, अंतिम संस्कार में कैसे रीति-रिवाज काम में लिए जाते हैं. सनातन धर्म में तो दिन का महत्व होता है. किसी की मृत्यु होने के बाद 15 दिन तक क्या- क्या कार्यक्रम होते हैं, इसकी जानकारी आज के कई एकल परिवारों को नहीं है. ऐसे में हम उनका सहयोग कर सभी तरह के क्रियाकर्म करवाते हैं.
बदलते सामाजिक परिवेश मे पारिवारिक ताना बाना छोटा पड़ता जा रहा है. यही वजह है कि एकल परिवरा बढ़ रहे हैं, खासकर शहरों में. साथ ही ऐसे परिवारों की परेशानियां भी बढ़ रही हैं. परिवार में रिश्तेदारों की कमी कुछ खास मौकों पर बेहद परेशानी भरी होती है. ऐसे मौकों में सबसे महत्वपूर्ण है परिवार में किसी की मृत्यु हो जाना और उसके बाद के रिचुअल्स, जिनके बारे में जानकारी बहुत कम लोगों को होती है. जोधपुर के कुछ लोगों ने मिलकर एक ऐसी कंपनी बनाई है, जिसका नाम है 'अंतिम सत्य' जो अंतिम संस्कार से लेकर 13 दिनों के क्रियाकर्म का काम करती है. कंपनी रूदाली की ही तरह रोने वाले लोग भी उपलब्ध करवाती है. कंपनी ने बकायदा इसके अलग-अलग पैकेज भी बनाए हैं, जिसके अनुरूप सेवा उपलब्ध करवाई जाती है. कंपनी के सहसंस्थापक गजेंद्र पारीक ने कहा कि वेबसाइट पर ट्रैफिक आ रहा है. इसके अलावा लोगों की क्वेरी भी आने लगी है. कंपनी ने दो माह में छह परिवारों के अंतिम संस्कार करवाए हैं.
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