हिंदूवर्ष का आखिरी फाल्गुन माह शुरू, होली व महाशिवरात्रि इसी माह, हर दूसरे दिन पर्व - JALORE NEWS
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हिंदूवर्ष का आखिरी फाल्गुन माह शुरू, होली व महाशिवरात्रि इसी माह, हर दूसरे दिन पर्व - JALORE NEWS
जालोर ( 29 फरवरी 2024 ) Holi and mahashivratri 2024 : हिंदू कैलेंडर का आखिरी यानी 12वां महीना फाल्गुन मास शुरू हो चुका है, जो आगामी 25 मार्च तक चलेगा। फाल्गुन माह का प्राकृतिक, वैज्ञानिक और धार्मिक रूप से खास महत्व है। इस माह में महाशिवरात्रि व होली दो बड़े त्योहार आएंगे। पूरे महीने फाग महोत्सव की धूम रहेगी। फाल्गुन मास में दान का महत्व
जिस प्रकार माघ मास में दान का महत्व है ठीक उसी प्रकार फाल्गुन के महीने में दान का धार्मिक महत्व है।अपनी क्षमता एवं श्रद्धानुसार के अनुसार गरीबों को दान और पितरों के निमित्त तर्पण आदि जरूर करना चाहिए। फाल्गुन मास में शुद्ध घी, तिल, सरसों का तेल, मौसमी फल आदि का दान अत्यंत ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है।
फाल्गुन मास में कृष्ण भक्ति का मिलता है विशेष लाभ
फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है यदि इस महीने में भगवान कृष्ण के तीन स्वरूप अर्थात बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जाए तो उनकी सभी कामना पूर्ण होती है। यदि किसी को संतान सुख चाहिए तो वह बाल गोपाल की आराधना करें , जिन्हें अपने दाम्पत्य जीवन में सुख चाहिए तो उन्हें युवा कृष्ण की और जिन्हे जीवन में मोक्ष और वैराग्य की तलाश है, उन्हें गुरू कृष्ण की साधना करनी चाहिए।
फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व
फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व इस बात से भी सिद्ध हो जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु और भगवान शंकर से जुड़े दो बाद पर्व आते हैं। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसी प्रकार फाल्गुन शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाने वाली आमलकी एकादशी का व्रत आता है।
फाल्गुन में करें इन देवी-देवताओं का पूजन
वैसे तो साल के 12 महीने हम किसी भी देवी देवता की आराधना करते हैं। लेकिन कुछ महीने ऐसे हैं जिनमें भगवान की खास आराधना की जाती है। मान्यता है कि रोगों से मुक्ति पाने के लिए फाल्गुन का माह उत्तम होता है। इस माह में भोलेशंकर को सफेद चंदन अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ होता है। साथ ही, मां लक्ष्मी की पूजा से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर दाधीच ने बताया कि इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में होते हैं। इस कारण इस महीने को फाल्गुन कहा जाता है। इस माह के व्रत ऊर्जा से भरपूर होते हैं।
फाल्गुन में 6 सावे
फाल्गुन माह में शादी के लिए 6 शुभ मुहूर्त हैं। 2 व 3 मार्च को आठ रेखीय, 4 व 5 मार्च को सात रेखीय, 6 मार्च को भी आठ रेखीय और 12 मार्च को फुलेरा दूज पर अबूझ सावा रहेगा।
17 मार्च से होलाष्टक
17 मार्च से होलाष्टक आरंभ होंगे। इस दौरान भी किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे और न ही कोई नई वस्तु की खरीदी की जाएगी।
फाल्गुन के व्रत-त्योहार
1 मार्च: यशोदा जयंती।
3 मार्च: शबरी जयंती, भानु सप्तमी।
4 मार्च: जानकी जयंती।
6 मार्च: विजया एकादशी।
8 मार्च: महाशिवरात्रि।
पंचक
10 मार्च: फाल्गुन अमावस्या 12 मार्च: फुलेरा दूज, रामकृष्ण जयंती।
13 मार्च: विनायक चतुर्थी।
14 मार्च: मीन संक्रांति।
20 मार्च: आमलकी एकादशी 22 मार्च: प्रदोष व्रत।
24 मार्च: होलिका दहन, पूर्णिमा व्रत।
25 मार्च: होली, महाप्रभु जयंती, चंद्रग्रहण।
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