लोकसभा चुनाव की जंग, राजस्थान में दूसरे चरण की इन 7 हॉट सीटों पर टिकी है सबकी नजर, जानें वजह
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लोकसभा चुनाव की जंग, राजस्थान में दूसरे चरण की इन 7 हॉट सीटों पर टिकी है सबकी नजर, जानें वजह
जयपुर ( 19 मार्च 2024 ) राजस्थान में दो चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 सीटों के लिए 26 अप्रेल को मतदान होगा. इन 13 सीटों में से करीब सात सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठता दांव पर है. इनमें जोधपुर, जालोर-सिरोही, बाड़मेर-जैसलमेर, बांसवाड़ा, कोटा, भतरपुर और झालावाड़-बारां लोकसभा सीटें शामिल हैं जिन पर दोनों ही पार्टियों के कद्दावर नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगेगी. दूसरे चरण की इन सीटों पर प्रदेश के दो पूर्व सीएम की भी प्रतिष्ठता भी दांव पर रहने वाली है.
जालोर-सिरोही सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान मे उतार कर उसे हॉट सीट बना दिया है. गहलोत की गृह जिले जोधपुर में तो प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी. जालोर में भी उनकी साख दांव पर रहेगी. वैभव गहलोत के पिछले लोकसभा चुनाव में जोधपुर से हारने के बाद इस बार उनकी सीट में बदलाव किया गया है. उनकी प्रतिष्ठा भी यहां दांव पर है. रानीवाड़ा से विधायक रतन देवासी भी गहलोत के करीबी भी माने जाते हैं. उनकी भी प्रतिष्ठा इस सीट पर दांव पर होगी. इसके साथ ही कांग्रेस के स्थानीय कद्दावर नेता पुखराज पाराशर की भी प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
जालोर में इन मंत्रियों की साख पर है
असल में जालोर की कुल आठ सीटों में से चार पर भाजपा काबिज है. तीन सीटें कांग्रेस के पास और एक निर्दलीय के पास है. जालोर सीट कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. लेकिन 2004 के बाद से यह सीट भाजपा के हाथ में चली गई. पिछले दो चुनावों से यहां पर देवजी पटेल जीतते आए हैं. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा ने देवजी पटेल के स्थान पर लुम्बाराम चौधरी को मैदान में उतार दिया है. यहां पर विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट का काम देख रहे जोगेश्वर गर्ग और मंत्री ओटाराम देवासी की प्रतिष्ठा भी दांव पर रहने वाली है.
जोधपुर से केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत है चुनाव मैदान में
सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर से बीजेपी ने फिर से केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को चुनाव मैदान में उतारा है. शेखावत मोदी के टीम के सदस्य हैं. राजस्थान में सीएम फेस के रूप में चर्चित रहे गजेन्द्र सिंह शेखावत और पूर्व सीएम गहलोत की राजनीतिक अदावत किसी से छिपी नहीं है. जोधपुर गहलोत का निर्वाचन क्षेत्र भी है. लिहाजा यहां दोनों दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है.
बाड़मेर में बीजेपी ने कैलाश चौधरी को उतारा है मैदान में
बाड़मेर-जैसलमेर सीट भी हालांकि कभी कांग्रेस की सीट रही है लेकिन पिछले कुछ चुनावों से वहां भाजपा काबिज है. यहां से सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी फिर से मैदान में है. अभी यहा पर कांग्रेस से टिकट घोषित नहीं किया गया है. लेकिन यहां हरीश चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर रहने वाली है. वही भाजपा से सरकार में मंत्री केके विश्नोई का साख भी दांव पर है.
बांसवाड़ा इसलिए है ज्यादा चर्चा में
बांसवाड़ा सीट पर दो बार से लगातार भाजपा काबिज हो रही है. इस बार बीजेपी ने यहां वर्तमान सांसद की टिकट काटकर कांग्रेस के इस गढ़ के कद्दावर नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को पार्टी में शामिल कर मैदान में उतारा है. इधर बीएपी ने राजकुमार रोत मैदान में आ गए हैं. यहां भी अभी तक कांग्रेस अपना कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस यहां बीएपी को समर्थन दे सकती है. ऐसे में पू्र्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अर्जुन सिंह बामणिया की प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
कोटा से लोकसभा अध्यक्ष है चुनाव मैदान में
कोटा सीट पर लोकसभा अध्यक्ष पिछले दो बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं. पार्टी ने तीसरी बार भी उनको ही टिकट दिया है. लेकिन इस बार कांग्रेस के कद्दावर नेता शांति धारीवाल के विधानसभा में जीतकर पहुंचने के बाद इस सीट को भी हॉट सीट माना जा रहा है. हालांकि अभी कांग्रेस की ओर से इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है.
झालावाड़ में वसुंधरा और टोंक-सवाई माधोपुर में पायलट है बड़े नाम
झालावाड़ सीट पर पूर्व सीएम वसुंघरा राजे के पुत्र दुष्यंत पर पार्टी ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. ऐसे में यह सीट पूर्व सीएम राजे के लिए मायने वाली सीट हो गई है. यहां से राजे खुद पांच बार और दुष्यंत तीन बार सांसद रह चुके हैं. टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने विधायक हरीश मीणा को मैदान में उतार दिया है. इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट का दबदबा होने के कारण मीणा को जीताने की जिम्मेदारी उन पर आ गई है.
भरतपुर में सीएम भजनलाल की प्रतिष्ठा दांव पर है
भरतपुर सीट पर इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर रामस्वरूप कोली को मैदान में उतारा है. भरतपुर सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला होने के कारण उनकी प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी. कांग्रेस ने वहां संजना जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस सरकार में पूर्व में मंत्री रहे विश्वेन्द्र सिंह, भजनलाल जाटव और जाहिदा खान समेत पूर्व विधायक जोगेन्द्र अवाना की साख भी दांव पर रहने वाली है.
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