कुशल प्रशासक के रूप में उल्लेखनीय कार्यों पर मिला सम्मान - BHINMAL NEWS
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टीकम बोहरा आईएएस को फिर मिली मानद डॉक्टरेट की उपाधि - Tikam Bohra IAS again got honorary doctorate degree
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 29 जुलाई 2024 ) BHINMAL NEWS सेवा भाव के साथ कुशल एवं सफल प्रशासन के लिए आईएएस अधिकारी टीकम बोहरा को मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया है।
बोहरा के तीस वर्षों के प्रतिबद्ध प्रशासक के रूप में प्रबंधकीय कौशल, समन्वय, लीडरशिप के साथ सराहनीय योगदान और उपलब्धियों के लिए ‘डॉक्टर ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन’ की मानद उपाधि से नवाज़ा गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट डेलावेयर से संबद्ध एवं अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त ग्लोबल ह्यूमन पीस यूनिवर्सिटी के फाउंडर एवं चेयरमैन डॉ. पी. मैनुअल वाइस चांसलर न्यायाधीश डॉ. के. वेंकटेशन, तमिलनाड सरकार के पूर्व प्रमुख शासन सचिव आईएएस के. सम्पतकुमार के द्वारा सत्य साईं ऑडिटोरियम दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में टीकम बोहरा को ऑनरेरी डॉक्टरेट प्रदान की गयी।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि टीकम बोहरा पंद्रह ज़िलों में उप ज़िला कलेक्टर एवं अतिरिक्त ज़िला कलेक्टर के रूप में कार्य कर चुके हैं । इन्होंने जालोर, राजसमंद, भीलवाड़ा और शाहपुरा में अतिरिक्त ज़िला कलेक्टर का दायित्व भी सफलता पूर्वक निभाया है। बोहरा सम्प्रति राजस्थान सरकार के शासन सचिवालय में संयुक्त शासन सचिव, वित्त (व्यय-1) विभाग के पद पर तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की गौरवशाली धरोहर को सहेजने और संरक्षित करने के लिए आईएएस अधिकारी टीकम बोहरा को नीति आयोग, भारत सरकार से मान्यता प्राप्त ‘विश्व धरोहर एवं पर्यावरण आयोग नई दिल्ली’ द्वारा विगत मार्च माह में भी मानद डॉक्टरेट सम्मान प्रदान किया जा चुका है। राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में टीकम बोहरा के द्वारा रणबांकुरों, महापुरूषों, सन्त महात्माओं, लोक देवी-देवताओं और साहित्य सेवी विद्वानों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बनाये गये चालीस से ज़्यादा पेनोरमा में इतिहास को सुंदर तरीक़े से प्रदर्शित किया गया है। इन पैनोरमा में महापुरुषों के बारे में बहुत ही सरल भाषा में मनमोहक दृश्यों के साथ सटीक और सारगर्भित जानकारी दी गयी है जिससे जनसामान्य की इतिहास की समझ बढ़ेगी। ग्लोबल ह्यूमन पीस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर न्यायाधीश डॉ. के. वेंकटेशन
टीकम बोहरा के साहत्यिक अवदान को रेखांकित करते हुए बताया कि प्रशासनिक अधिकारी के साथ-साथ साहित्यिक क्षेत्र में टीकम बोहरा की छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । ये ‘अनजाना’ के नाम से जाने जाते हैं। उनके पाँच कविता-संग्रह ‘माँ से प्यारा नाम नहीं’, ‘माटी हिन्दुस्तान की’, ‘महाबलिदानी पन्नाधाय’, ‘मन मेरा गुलमोहर हुआ’ ‘रज भारत की चंदन-सी’ और गद्य पुस्तक ‘आपणी धरोहर- आपणो गौरव’ पठनीय हैं। उनका यह रचना-कर्म साहित्य, समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची सेवा का प्रमाण है।
सोशल लीडर्स एंड रिस्पांसिबिलिटीज़ विषय पर आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार में टीकम बोहरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के बिना उनको यह मुक़ाम हासिल होना असंभव था। माता राधा देवी, पिता मोहन लाल जी बोहरा और गुरुजी मदन लाल जी प्रजापति की प्रेरणा व योगदान से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा की तभी सार्थकता है जब वह आदमी को सेवा, सहयोग, करुणा जैसे मानवीय गुणों से युक्त बेहतर इंसान बनाए।
ग्लोबल ह्यूमन पीस यूनिवर्सिटी के रीजनल डायरेक्टर डॉ. राहुल ने बताया कि टीकम बोहरा ने प्रशासन में रहकर सेवा-भावना समानुभूति के साथ ग़रीब, वंचित, ज़रूरतमंद और कमज़ोर वर्ग के लोगों के न्यायोचित हक़ों के लिए काम किया। इन्होंने एक मज़दूर किसान परिवार से निकल कर भी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षा में राज्य स्तरीय मेरिट में स्थान पाया। कॉलेज लेक्चरर के लिए यूजीसी नेट क्वालिफाइ करने के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ और उत्कृष्ट सेवा के फलस्वरूप इन्होंने आईएएस में पद्दोन्नति पायी। इस अवसर पर टीकम बोहरा को मानद डॉक्टरेट प्रमाण पत्र, स्मृति चिह्न, पदक प्रदान किया गया। टीकम बोहरा ने बताया कि वे डॉक्टर ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन की मानद उपाधि अपने प्रशासनिक गुरुजन पूर्व आईएएस यदुवेन्द्र माथुर एवं महावीरप्रसाद शर्मा को समर्पित करते हैं।
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