राजस्थान के इस रेलवे स्टेशन का बदल गया नाम, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगाई मुहर
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राजस्थान के इस रेलवे स्टेशन का बदल गया नाम, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगाई मुहर
जोधपुर ( 5 अगस्त 2024 ) राजस्थान में पावटा स्थित जोधपुर रेल मंडल के उपनगरीय रेलवे स्टेशन राई का बाग पैलेस जंक्शन के नाम को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई थी। इसे लेकर देवासी समाज लगातार धरने-प्रदर्शन कर रहा था। समाज मांग कर रहा था कि ‘राई का बाग’ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘राइका बाग’ किया जाए। जिस पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुहर लगा दी है। जिसके बाद अब देवासी समाज में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है।
जोधपुर सासंद गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि ‘माननीय केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव का हृदयतल से आभार कि उन्होंने मेरे अनुरोध पर “राई का बाग” रेलवे स्टेशन का नाम संशोधित कर मूल नाम “राइका बाग” किए जाने को स्वीकृति प्रदान की है।’
शेखावत ने रेलमंत्री का जताया आभार
उन्होंने आगे लिखा कि ‘रेलवे रिकॉर्ड में वर्तनी की त्रुटि की वजह से इस जंक्शन का वास्तविक नाम परिवर्तित हो गया था, जिससे राइका समाज की भावनाएँ आहत होती रहीं। निश्चित ही इस संशोधन से केवल राइका समाज ही नहीं अपितु स्थानीय निवासियों को भी पहचान से जुड़ी प्रसन्नता का अनुभव होगा। एक बार फिर मेरे मित्र अश्विनी वैष्णव को साधुवाद कि इस संदर्भ में मेरे पत्र को उन्होंने त्वरित रूप से प्राथमिकता दी।’
जानिए क्या रहा विवाद
मारवाड़ के शासक महाराजा जसवंत सिंह की रानी ने जोधपुर में एक बाग को और अधिक सुंदर बनाया और इस स्थान का नाम ‘राई का बाग’ से ‘राइका बाग पैलेस’ हो गया। जोधपुर राठौड़ शासक के समय में राज्य को अन्य भागों से जोड़ने के लिए यहां रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया।
जिसका नाम पूर्व में प्रचलित नाम ‘राइका बाग’ के नाम पर ‘राइका बाग पैलेस जंक्शन’ रखा गया। यह रेलवे को बहुत पुराना रेलवे जंक्शन है और इसका नाम ‘राइका बाग पैलेस जंक्शन’ था, जो अब राई का बाग अलग कर दिया गया।
देवासी समाज का कहना है कि राजकालीन व्यवस्था के दौरान आसूराम राइका की सेवा भावना के कारण उनको उक्त जमीन देकर सम्मानित किया था। बाद में उक्त स्थान जसवंतसिंह की पत्नी ने पसंद आने पर आशुराम राइका से जमीन ली और उस पर बनाए बाग का नाम राइकाबाग रखा। ये रेलवे स्टेशन उसी जमीन पर बना है।
यह मामला विधानसभा में भी उठा था
बीते दिनों राईका समाज के राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने जोधपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि राईका बाग रेलवे स्टेशन को लेकर मुख्यमंत्री के साथ उनकी चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर रेल मंत्री से भी चर्चा की है. इस पूरे विवाद के समाधान के लिए राजस्व रिकार्ड खंगाल जा रहा है. हाल ही में यह मामला विधानसभा में भी उठा था. राईका समाज ने इसके साथ ही जोधपुर डीआरएम ने यह मांग भी की है कि रेलवे स्टेशन के बाहर आसुराम राइका की प्रतिमा लगाई जाए. बहरहाल राईका समाज का संघर्ष जारी है. एक दिन पहले रविवार को भी समाज के लोग यहां जुटे थे.
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रायका और देवासी समाज जयपुर कूच करेगा
बीते दिनों राईका और देवासी समाज के आंदोलन के तहत दूसरे दौर की वार्ता में सहमति बनी थी. उसके अनुसार जिला कलेक्टर के राजस्व रिकॉर्ड में राईका शब्द साथ में जुड़ा होने की बात सामने आई है. इसके साथ ही रेलवे के अधिकारियों को भी जिला कलेक्टर के कार्यालय बुलाकर इस बारे में अवगत कराया गया है. लेकिन अभी तक उसमें कोई सुधार नहीं है. आंदोलन संयोजक लाल सिंह रायका और अन्य ने रेल प्रशासन को समय दिया है. उनके अनुसार अगर मांग पूरी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश का रायका और देवासी समाज जयपुर कूच करेगा. उनके मुताबिक यह लड़ाई नाम की नहीं होकर उनके सम्मान की है.
गलती कहां से हुई कहां से किसी को पता नहीं
यह गलती कहां से हुई कहां से शुरू हुई इसका पता शायद रेलवे विभाग को भी नहीं है. क्योंकि रेलवे में भी जगह-जगह दो अलग नाम लिखे गए हैं. एक जगह राई का बाग लिखा है तो दूसरी जगह राईका बाग लिखा है. राईका बाग आंदोलन समिति के अध्यक्ष कपूरराम राईका का कहना है कि राईका बाग रेलवे स्टेशन को उनके समाज के आसूराम राईका के कारण नाम मिला था. लेकिन सरकार ने राईका बाग रेलवे स्टेशन का नाम राई का बाग कर दिया है.
इनका कहना है कि
भाजपा प्रभारी मीडिया के अचल सिंह मेड़तिया ने बताया कि स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे रेलवे स्टेशन का नाम विपक्ष कर मूल नाम रायका बाग कर दिया है। को जाने डिविजन ऑफर की है. रेलवेरिकॉर्ड में वाॅलमी की त्रुटि के कारण इस जंक्शन का वास्तविक नाम बदल दिया गया था, जिससे रायका समाज के लक्षण समान बने रहे। निश्चित ही इस संशोधन से केवल रायका समाज ही नहीं, एशियाई स्थानीय निवासियों को भी पहचानने से संबंधित प्रेरणा का अनुभव होगा। शेखावत ने कहा कि मेरे मित्र अश्विनी वैष्णव ने साधुवाद को इस सन्दर्भ में मेरे पत्र को तत्काल रूप से प्राथमिकता दी। मित्र है कि रानी के विधायक रतन देवासी ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री शेखावत और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर रायका बाग नाम संशोधन की मांग की थी। उन्होंने फिर विधानसभा में सवाल भी पूछा था. समाज के लोगों ने शेखावत से भी आग्रह किया था.
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