जालोर में जवाई बांध के पानी के जंगल को लेकर 10 वें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी, उग्र आंदोलन की चेतावनी - JALORE NEWS
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जालोर में जवाई बांध के पानी के जंगल को लेकर 10 वें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी, उग्र आंदोलन की चेतावनी - JALORE NEWS
जालोर (28 नवंबर 2024) JALORE NEWS पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के पानी के शौकीन को लेकर जालोर में किसानों का महापड़ाव गुरुवार को जारी है। भारतीय किसान संघ की 19 नवंबर से शुरू हुई यह रैली अब उग्रवाद के रूप में सामने आ रही है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि पानी का हक तय होने तक वे अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
पानी के लिए किसान उद्यान पर
जालोर जिले में जवाई बांध के पानी पर जालोर का एक-तिहाई हिस्सा सुनिश्चित करने और किसानों को समय पर बीमा क्लेम की मांग को लेकर किसान पिछले 10 दिनों से सेकी पर हैं। रविवार को किसानों ने पूरे जिले में सड़कों को जाम कर दिया था। जालोर क्षेत्र से हजारों किसान 300 से अधिक थे।
महापड़ाव की स्थिर स्थिति
भारतीय किसान संघ के रत्न सिंह कनी एडवर्ड ने बताया कि गुरुवार दोपहर 12 बजे के बाद किसान फिर से धरना स्थल पर उतरेंगे। स्ट्राइकस्थल के पास जैस अस्पताल क्रॉस और एहोर क्रॉस से क्रॉस जाने वाले रास्ते बंद रहे।
किसान संघ के अहोरे तहसील के अध्यक्ष सचिवालय सिंह ने कहा,
"अगर सरकार ने आज कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो कल से आंदोलन और उग्रवाद होगा। इसके लिए सड़कें जाम करने से लेकर रेल की पटरी तक पहुंचने के लिए किसान तैयार हैं। इस बार जिले के किसान आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं।" । पानी लेकर ही यहां से उठेंगे।"।
पानी का हक तय करने की मांग
महापड़ाव में शामिल हुए किसान नरेगाराम ने कहा,
"हम पिछले कई दिनों से धरनास्थल पर ही रह रहे हैं। खाना भी बना रहे हैं और तब तक रुके रहेंगे, जब तक पानी का हक तय नहीं होगा। पानी के शौकीन के लिए सरकार को ठोस निर्णय लेना होगा।"
किसानों की दस्तावेज़ और उग्रवादी चेतावनी
सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से किसान नाराज हैं। रविवार को सड़कों पर जाम लगने के बाद अब किसान रेल यातायात बाधित करने की चेतावनी दे रहे हैं। बिकिनी सिंह ने कहा,
"अगर जरूरत पड़ी तो रेल की पेट्रियां उखाड़ देंगे। अब ये आंदोलन आर-पार की लड़ाई है।"
प्रशासन की निष्क्रियता पर प्रश्न
लगातार 10 दिनों से जारी महापड़ाव के बावजूद सरकार या प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसानों का कहना है कि जवाई बांध का पानी जालोर जिले का अधिकार है और इसे सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
सड़क और रेल यातायात बाधित होने का खतरा
अगर किसान अपनी मांगें नहीं मानते हैं, तो अगले कुछ दिनों में सड़क और रेल यातायात पूरी तरह से बाधित हो सकता है। इस जिले के सामान्य जनजीवन पर बड़ा असर दिखता है।
जन समर्थन और आंदोलन का विस्तार
महापड़ाव को जिले के 300 से अधिक लोगों का समर्थन मिल रहा है। बड़ी संख्या में किसान अपने से धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। किसान संघ का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक किसानों को उनका हक नहीं।
किसानों की मुख्य मांगें
1. जवाई बांध का पानी: जालोर जिले का एक-तिहाई भाग पानी के लिए तय किया जाए।
2. बीमा क्लेम: किसानों को समय पर फसल बीमा की राशि आय जाती है।
3. किसानों की समस्याएं सरकार पर सकारात्मक पहल करें।
स्थिति होने की अंतिम तिथि पर
किसानों की पसंद और उनकी बहुतायत संख्या को देखते हुए स्थिति साझा की जा सकती है। यदि जल्द ही यह समाधान नहीं निकाला गया तो यह आंदोलन पूरे जिले में व्यापक जनआंदोलन का रूप ले सकता है।
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