जालोर में जवाई बांध के पानी पर अधिकार के लिए महिलाओं का ऐतिहासिक प्रदर्शन: सड़कों पर उतरी हजारों महिलाएं, मटकी फोड़ आंदोलन से सरकार को चेतावनी - JALORE NEWS
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जालोर में जवाई बांध के पानी पर अधिकार के लिए महिलाओं का ऐतिहासिक प्रदर्शन: सड़कों पर उतरी हजारों महिलाएं, मटकी फोड़ आंदोलन से सरकार को चेतावनी - JALORE NEWS
जालोर ( 5 दिसंबर 2024 ) JALORE NEWS राजस्थान के जालोर जिले में जवाई बांध के पानी पर अधिकार को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। 17वें दिन महिलाओं ने इस महापड़ाव को ऐतिहासिक बना दिया। हजारों महिलाएं कलेक्ट्रेट के सामने सड़कों पर उतरीं, मटकी फोड़ आंदोलन किया, और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए पानी के लिए अपने अधिकार की मांग की।
महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम राजस्थानी गीत गाकर सरकार को वादे याद दिलाए। प्रदर्शनकारियों ने जिला मुख्यालय पर सड़क को जाम कर दिया और कलेक्ट्रेट परिसर में मटकी फोड़कर विरोध दर्ज कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
महिलाओं का शक्ति प्रदर्शन: सड़कों पर गूंजी आवाज़
महिलाओं ने मटकी फोड़ते हुए सरकार को चेतावनी दी कि जवाई बांध का पानी जालोर के किसानों को दिए बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा। "जोगेश्वर गर्ग मुर्दाबाद" और "सरकार होश में आओ" के नारों से पूरा कलेक्ट्रेट परिसर गूंज उठा। महिलाओं का कहना था कि जवाई बांध का पानी जालोर की जीवनरेखा है और इसे बाहर के क्षेत्रों में नहीं ले जाने दिया जाएगा।
धरना स्थल पर भीड़ और एकजुटता का प्रदर्शन
महिलाओं ने धरना स्थल पर किसानों के साथ मिलकर भोजन किया और महापड़ाव को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि जालोर की जनता अब सरकार की निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं करेगी। महिलाएं हर दिन आंदोलन में शामिल होंगी और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक विरोध जारी रहेगा।
17 दिनों से जारी है महापड़ाव, सरकार की चुप्पी पर सवाल
भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में जालोर में जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक सुनिश्चित करने की मांग को लेकर महापड़ाव जारी है। 17 दिन बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इससे किसानों और ग्रामीणों में गहरा असंतोष है।
सरकार को चेतावनी: "अब चुप नहीं बैठेंगे"
महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और उग्र होगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह केवल पानी की लड़ाई नहीं है, बल्कि जालोर के भविष्य और किसानों के जीवन की लड़ाई है।
एक नई लहर का उदय
महिलाओं का यह आंदोलन केवल पानी की मांग नहीं है, बल्कि यह समाज में उनकी बढ़ती जागरूकता और राजनीतिक हिस्सेदारी का प्रतीक भी है। जालोर का यह आंदोलन अब पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन चुका है।
सरकार के लिए चुनौती
जवाई बांध के पानी को लेकर उठी यह लहर अब रुकने वाली नहीं है। अगर सरकार ने जल्द ही इस पर निर्णय नहीं लिया, तो यह आंदोलन राज्यभर में फैल सकता है, जो सत्ताधारी दल के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
"जवाई बांध का पानी हमारा है"
महिलाओं की यह आवाज़ जालोर के हर गांव और घर से गूंज रही है। यह आंदोलन अब केवल किसानों का नहीं, बल्कि पूरे जिले की जनता का आंदोलन बन चुका है।
सरकार को अब इस जनाक्रोश को समझना होगा और जालोर की जनता के साथ न्याय करना होगा।
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