एक बार फिर से जालोर में जवाई बांध के पानी पर हक की लड़ाई तेज: किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन, प्रशासन को चेतावनी - JALORE NEWS
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एक बार फिर से जालोर में जवाई बांध के पानी पर हक की लड़ाई तेज: किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन, प्रशासन को चेतावनी - JALORE NEWS
जालोर ( 19 दिसंबर 2024 ) JALORE NEWS जवाई बांध के पानी पर जालोर जिले के हक की मांग को लेकर किसानों का आक्रोश फिर सड़कों पर नजर आया। गुरुवार को जालोर किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर सैकड़ों किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जालोर जिले के लिए जवाई बांध में एक-तिहाई हिस्से का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की।
किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें एक महीने के भीतर नहीं मानी गईं, तो जिला मुख्यालय पर महापड़ाव किया जाएगा।
प्रदर्शन के प्रमुख बिंदु
सुबह से ही जिले के विभिन्न गांवों से किसान कलेक्ट्रेट पर जुटना शुरू हो गए। किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी की और जिला कलेक्टर को ज्ञापन लेने के लिए बाहर बुलाने की मांग की। जब तहसीलदार ज्ञापन लेने पहुंचे, तो किसानों ने उन्हें ज्ञापन देने से इंकार कर दिया। इसके बाद एडीएम ने गेट पर पहुंचकर ज्ञापन लिया।
धरना स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता रूपराज पुरोहित और करण सिंह ने कहा, "हमारी मांगें जायज हैं। जवाई बांध का पानी जालोर के हक का है। प्रशासन इस पर फैसला लेने में देरी कर रहा है, जो अस्वीकार्य है।"
भारतीय किसान संघ पर किसानों की नाराजगी
किसानों ने भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों पर भी सवाल उठाए। किसान नेता करण सिंह ने कहा कि हाल ही में 27 दिन तक चले धरने को बिना ठोस आश्वासन लिए ही अचानक समाप्त कर दिया गया, जिससे किसानों में असंतोष है। उन्होंने कहा, "हम अब अपने अधिकारों के लिए अंतिम लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।"
पानी की समस्या और किसानों का दर्द
किसान नेता मिश्रिमल ने बताया कि जवाई बांध बनने के बाद जालोर जिले में भू-जल स्तर गिरकर 150 फीट तक पहुंच गया है। इससे पीने के पानी और खेती के लिए पानी की भारी समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, "पिछले धरने के दौरान सरकार ने झूठे आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त करवाया, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।"
पुलिस की तैनाती और किसानों का विरोध
प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट गेट पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। गेट पर बैरिकेडिंग कर दी गई और केवल पांच प्रतिनिधियों को अंदर जाने की अनुमति दी गई। इससे नाराज किसानों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रशासन पर दबाव और परमिशन विवाद
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने धरने के लिए स्पीकर और अन्य सुविधाओं की परमिशन नहीं दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन पर मुख्य सचेतक का दबाव है, जिसके चलते किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
जवाई बांध पर हक की मांग
किसान संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि जवाई बांध पर जालोर का एक-तिहाई हक है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
किसानों का अल्टीमेटम
धरने में शामिल किसानों ने एक स्वर में कहा, "अगर हमारी मांगें एक महीने में नहीं मानी गईं, तो जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। हम अपने अधिकारों के लिए पीछे नहीं हटेंगे।"
प्रशासन की परीक्षा
जवाई बांध का पानी जालोर, पाली और अन्य जिलों के किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन और सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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एक तिहाई हिस्से की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन सुनीं आवाज क्या बोले जाने - JALORE NEWS : निचे दिए गए लिंक पर क्लीक करे देखिए वीडियो - 👇👇https://youtu.be/5XdVPR7ele8?feature=shared
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