सांचौर को जिला बनाए रखने की मांग तेज, महापड़ाव में उमड़ा जनसैलाब, पूर्व सांसद देवजी पटेल ने लिखा पत्र - SANCHORE NEWS
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जिला बचाओ संघर्ष समिति का महापड़ाव तीसरे दिन भी जारी - The grand rally of Zila Bachao Sangharsh Samiti continued on the third day as well
सांचौर ( 1 जनवरी 2025 ) SANCHORE NEWS राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा सांचौर जिले को निरस्त करने के फैसले के बाद विरोध की आग तेज होती जा रही है। वर्ष 2023 में जालोर से अलग कर बनाए गए सांचौर जिले को समाप्त किए जाने के आदेश ने स्थानीय जनता और नेताओं में आक्रोश भर दिया है। जिला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा महापड़ाव बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा।
जिला बहाली की मांग पर एकजुटता
जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर सांचौर में हो रहे प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई कर रहे हैं। बिश्नोई ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा और सांचौर को पुनः जिला घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिला रद्द करने का यह निर्णय जनभावनाओं के खिलाफ है और इससे क्षेत्रीय विकास बाधित होगा।
बिश्नोई ने कहा कि सांचौर को जिला बनाए जाने से यहां की प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत हुई थी और अपराधों पर लगाम लगी थी। लेकिन अब इसे निरस्त करने से क्षेत्र के निवासियों को दोबारा समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
पूर्व सांसद देवजी पटेल का पत्र
इससे पहले, पूर्व सांसद देवजी पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सांचौर को जिला बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने लिखा कि सांचौर को जिला बनाने से प्रशासनिक कामकाज में सुधार हुआ था। क्षेत्र में पहले चोरी, लूट और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियां आम थीं, लेकिन जिला बनने के बाद इन पर नियंत्रण पाया गया।
पटेल ने कहा कि जालोर जिला मुख्यालय से सांचौर के अंतिम गांव की दूरी 240 किमी तक है, जिससे लोगों को प्रशासनिक कार्यों में कठिनाई होती है। उन्होंने सरकार से अपील की कि जब तक इस निर्णय की समीक्षा नहीं की जाती, तब तक सांचौर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) कार्यालय खोला जाए।
महापड़ाव में उमड़ा जनसैलाब
सोमवार से शुरू हुए महापड़ाव में तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सांचौर को जिला बनाना क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक है।
सांचौर का प्रशासनिक और रणनीतिक महत्व
सांचौर की भौगोलिक और रणनीतिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण स्थान बनाती है। यहां से गुजरने वाला नेशनल हाईवे और भारतमाला परियोजना एक्सप्रेसवे पंचपदरा रिफाइनरी और कांडला पोर्ट जैसे औद्योगिक केंद्रों को जोड़ता है। इसके अलावा, क्षेत्र में स्थित पथमेड़ा गौशाला और नंदीशाला गोलासन जैसे धार्मिक स्थल इसे विशिष्ट पहचान देते हैं।
जालोर से सांचौर की दूरी 145 किमी और अंतिम गांव की दूरी 240 किमी तक है। इससे क्षेत्र के निवासियों को प्रशासनिक कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
गुजरात सरकार के फैसले पर उठे सवाल
गुजरात सरकार द्वारा पालनपुर से 80 किमी दूर स्थित वाव-थराद को जिला घोषित करने के बाद राजस्थान सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब गुजरात में थराद जैसे इलाके को जिला बनाया जा सकता है, तो सांचौर को क्यों नहीं?
सरकार पर बढ़ता दबाव
भजनलाल शर्मा सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। महापड़ाव और जनप्रदर्शन में जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है। जिला बचाओ संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
अब यह देखना है कि सरकार जनता की इस मांग को मानकर सांचौर को पुनः जिला घोषित करती है या नहीं।
जिला बचाओ संघर्ष समिति का महापड़ाव तीसरे दिन भी जारी
जिला बचाओ संघर्ष समिति द्वारा सांचौर जिले को निरस्त किए जाने के खिलाफ जारी आंदोलन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। इस महापड़ाव का आयोजन सोमवार से किया गया था, जो अब भी जारी है। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई कर रहे हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने सांचौर जिले को पुनः जिला घोषित करने की मांग की और सांचौर को जिला बनाने के फैसले को निरस्त करने का आग्रह किया।
संचालन समिति ने इस आंदोलन के जरिए प्रदेश सरकार से यह अपील की है कि सांचौर के पुनर्निर्माण की दिशा में जल्द कदम उठाए जाएं। समिति का कहना है कि सांचौर जिला बनाने से प्रशासनिक कार्यों में सुधार हुआ था, और अब इसके निरस्त होने से लोगों में असुरक्षा की भावना फैल रही है।
महापड़ाव में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और संगठन शामिल हुए, जो एकजुट होकर अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर बोले शहरवासी, पाली को फिर बनाए संभाग
पाली को पूर्व सरकार ने संभाग घोषित किया था। जिसे वर्तमान राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। इसका बुधवार को पाली संभाग बचाओ आंदोलन संघर्ष समिति के तत्वावधान में विरोध किया गया। जिला कलक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन देकर पाली को फिर से संभाग बनाने की मांग की गई।
पाली संभाग समाप्त कर उसे वापस जिला बनाने के विरोध में समिति के तत्वावधान में शहरवासी सुबह सेशन कोर्ट के बाहर धरना स्थल पर एकत्रित हुए। वहां नारे लगाकर संभाग समाप्त करने पर रोष जताया। इसके बाद रैली के रूप में नारे लगाते हुए शहरवासी कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि पाली संभाग का गठन पाली, जालोर, सिरोही, सांचौर जिले को बनाकर किया गया था। इससे चारों जिलों को लाभ था। अब इन सभी जिलों के निवासियों को अधिक दूरी तय कर फिर जोधपुर जाना होगा।
जिले से छिनी दो तहसील
ज्ञापन में बताया कि जिले से दो तहसील जैतारण व रायपुर को ब्यावर में दे दिया गया है। इसकी भरपाई संभाग बनाने से हुई थी। इसे निरस्त किया जाना गलत है। ज्ञापन में पाली को फिर से संभाग बनाने की मांग की गई।
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एक तिहाई हिस्से की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन सुनीं आवाज क्या बोले जाने - JALORE NEWS : निचे दिए गए लिंक पर क्लीक करे देखिए वीडियो - 👇👇https://youtu.be/5XdVPR7ele8?feature=shared
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सांचौर जिला आबाद रहना चाहिए जालौर बहुत दूर पड़ रही है मापदंड के अनुसार 180 किलोमीटर दूर है जालौर हमारे नजदीक सांचौर हैं सांचौर में काम का अच्छा चल रहा है इसलिए हमारे सांचौर बना रहे जिला खत्म नहीं करना जिला बनाए रखना मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह है कि हम किस का लड़का है
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