भाजपा सरकार का जनविरोधी फैसला , अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने की तैयारी
![]() |
भाजपा सरकार का जनविरोधी फैसला , अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने की तैयारी
जयपुर ( 3 जनवरी 2025 ) राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा है कि सरकार का यह फैसला जनविरोधी है। यह प्रदेश के भविष्य को बर्बाद करने की एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि यह गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा से वंचित करने का एक हथकंडा है।
जूली ने कहा है कि भाजपा सरकार की यह कोशिश प्रदेश के भविष्य को पीछे की ओर धकेलने और निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए है। उन्होंने कहा है कि भाजपा नेताओं के बच्चे महंगे स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं, लेकिन वे गरीबों के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के खिलाफ हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार द्वारा बनाई गई समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और इसमें कोई शिक्षा विशेषज्ञ नहीं है। यह कमेटी पहले से ही अपना एजेंडा तय कर चुकी है और यह प्रदेश के भविष्य के लिए खतरनाक है।
टीकाराम जूली ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के खिलाफ कोई भी जनविरोधी फैसला किया तो कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी और भाजपा सरकार को इसका जवाब देगी।
राजस्थान विधानसभा
नेता प्रतिपक्ष
टीकाराम जूली
----------------------------------
राजस्थान के अंग्रेजी मीडियम सरकारी स्कूलों को बंद करने की तैयारी, कांग्रेस की चेतावनी- ईंट से ईंट बजा देंगे
डोटासरा ने कहा कि ईंट से ईंट बजा देंगे
राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'भाजपा नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि कमजोर, शोषित और पीड़ितों के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करके कहीं इनकी बराबरी न कर लें. भाजपा सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के रूपांतरण की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का निर्णय दर्शाता है कि इनका विजन प्रदेश को पीछे धकेलने और निजी अंग्रेजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने का है.
भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे. जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं.
सरकार द्वारा गठित समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एवं पूर्वाग्रही प्रतीत होती है. चार सदस्यीय कमेटी में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, कमेटी में सिर्फ सरकार के मंत्री हैं. प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं.
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शिक्षा में क्रांतिकारी निर्णय करते हुए हर वर्ग के बच्चों के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले. आज प्रदेश में 3700 से ज्यादा सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हर वर्ग के लाखों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. भाजपा सरकार ने समीक्षा के नाम अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर कोई भी जनविरोधी निर्णय किया तो ईंट से ईंट बजा देंगे, कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी'.
प्रदेश के भविष्य को बर्बाद करने की साजिश: टीकाराम
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि 'भाजपा सरकार के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रदेश के भविष्य को बर्बाद करने की एक साजिश है और गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा से वंचित करने का एक हथकंडा है.
टीकाराम जूली ने कहा है कि भाजपा सरकार की यह कोशिश प्रदेश के भविष्य को पीछे की ओर धकेलने और निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए है. उन्होंने कहा है कि भाजपा नेताओं के बच्चे महंगे स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं, लेकिन वे गरीबों के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के खिलाफ हैं.
उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार द्वारा बनाई गई समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और इसमें कोई शिक्षा विशेषज्ञ नहीं है. यह कमेटी पहले से ही अपना एजेंडा तय कर चुकी है और यह प्रदेश के भविष्य के लिए खतरनाक है.
टीकाराम जूली ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के खिलाफ कोई भी जनविरोधी फैसला किया तो कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी और भाजपा सरकार को इसका जवाब देगी.'
---------------------------------
राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर मंडराया खतरा: डिप्टी CM बैरवा को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, जानें क्या है विवाद का कारण?
समिति को सौंपी ये जिम्मेदारियां
जानकारी के मुताबिक भजनलाल सरकार ने समिति को स्कूलों की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, छात्रों और शिक्षकों की संख्या की समीक्षा करना, नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप स्कूलों की आवश्यकता का मूल्यांकन और स्कूलों के इंग्लिश मीडियम से हिंदी मीडियम में बदलने की संभावनाओं पर निर्णय करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
क्या है विवाद का कारण?
अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के गरीब परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए थे। इन स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में बदलने के लिए उस समय बड़ी मशक्कत की गई थी। गरीब और ग्रामीण परिवारों के हजारों बच्चों ने इनमें दाखिला भी लिया था। अब सरकार बदलने के बाद इन स्कूलों की उपयोगिता और नई शिक्षा नीति के अनुरूप इनके संचालन पर सवाल उठ रहे हैं।मंत्री मदन दिलावर ने दिया था ये बयान
बताते चलें कि कुछ माह पहले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा था कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि क्या इन स्कूलों की जरूरत है और क्या यह नई शिक्षा नीति के अनुरूप हैं। समीक्षा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के भविष्य को लेकर उठ रहे सवालों ने प्रदेश में अब एक नई बहस छेड़ दी है ।-----------------------------------------
एक तिहाई हिस्से की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन सुनीं आवाज क्या बोले जाने - JALORE NEWS : निचे दिए गए लिंक पर क्लीक करे देखिए वीडियो - 👇👇https://youtu.be/5XdVPR7ele8?feature=shared
👆👆
ऐसी ही अनेक खबर देखने और सुनने के लिए जालोर न्यूज़ को ज्यादा से ज्यादा लाइक शेयर कमेन्ट ओर शेयर जरुर करें धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें