आहोर से सनसनीखेज खुलासा: कवराडा ग्राम पंचायत में फर्जी पट्टों का बड़ा घोटाला - AAHORE NEWS
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आहोर से बड़ी खबर : कवराडा ग्राम पंचायत में फर्जी पट्टों का बड़ा घोटाला - AAHORE NEWS
आहोर ( 11 जनवरी 2025 ) AAHORE NEWS कवराडा ग्राम पंचायत से फर्जी पट्टों के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच जैसाराम, उनके पुत्र और वार्डपंच पुत्र किशनसिंह ने मिलीभगत कर 25,000 रुपये की रिश्वत लेकर फर्जी पट्टे जारी किए। इस घोटाले ने पंचायत व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भाद्राजून उप पंजीयन कार्यालय से खुला फर्जीवाड़ा
मामला तब सामने आया जब भाद्राजून उप पंजीयन कार्यालय में पट्टों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ। आरटीआई के जरिए यह खुलासा हुआ कि बुक नंबर 13 की फर्जी छपाई कर उसका इस्तेमाल पट्टा नंबर 66 (मिसल संख्या 61) के फर्जी पट्टे के लिए किया गया।
गोचर भूमि पर अवैध कब्जे की आशंका
फर्जी पट्टा बुक के खुलासे के बाद गोचर भूमि पर अतिक्रमण की आशंका भी जताई जा रही है। बड़ा सवाल यह है कि यदि पट्टा नंबर 66 सकाराम को जारी किया गया, तो बुक नंबर 13 में दर्ज अन्य 65 पट्टे किसे और कैसे जारी हुए? यह घोटाला प्रशासनिक स्तर पर गहरी लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है।
शिकायतकर्ता को धमकाने के आरोप
पीड़ित लकाराम ने सरपंच और उनके परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जब उन्होंने इस घोटाले पर सवाल उठाए, तो उन्हें गाली-गलौज कर धमकाया गया। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर न्याय की गुहार लगाई है।
फर्जी पट्टा बुक नंबर 13 का खुलासा
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से यह सामने आया कि ग्राम पंचायत की फर्जी पट्टा बुक नंबर 13 का उपयोग कर पट्टा नंबर 66 (मिसल संख्या 61) के तहत पट्टा जारी किया गया। आरोप है कि सरपंच जैसाराम, उनके पुत्र, और वार्डपंच पुत्र किशनसिंह ने 25,000 रुपये लेकर यह फर्जी पट्टा बनाया।
जांच और कार्रवाई की मांग
इससे पहले भी उजागर हुए ऐसे घोटाले
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में फर्जी पट्टों को लेकर ऐसे मामले सामने आए हैं।
1. गोचर भूमि पर कब्जा: पहले भी गोचर भूमि पर फर्जी पट्टे जारी करने के मामले उजागर हुए हैं।
2. फर्जी दस्तावेजों का दुरुपयोग: फर्जी बुक नंबर और मिसल संख्या का दुरुपयोग कर सरकारी भूमि को निजी स्वामित्व में बदलने की घटनाएं पहले भी दर्ज की गई हैं।
3. शिकायतकर्ताओं को धमकाना: फर्जीवाड़े के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकाने की घटनाएं आम हो गई हैं।
जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग तेज
कवराडा ग्राम पंचायत का यह मामला सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय नागरिकों ने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
प्रशासन और पंचायत व्यवस्था पर सवाल
यह घोटाला प्रशासन और पंचायत व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही का बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। यदि इस मामले में समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह लोगों के प्रशासन पर भरोसे को और कमजोर करेगा।
कवराडा ग्राम पंचायत में फर्जी पट्टों का यह घोटाला न्याय व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। जनता को उम्मीद है कि दोषियों को सजा देकर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
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