संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्रतिक्रिया एवं भाजपा सरकार की दोहरी राजनीति पर कड़ा प्रहार - JALORE NEWS
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संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्रतिक्रिया एवं भाजपा सरकार की दोहरी राजनीति पर कड़ा प्रहार - JALORE NEWS
पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जयपुर / अजमेर / अलवर ( 13 अप्रैल 2025 ) JALORE NEWS राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अजमेर प्रवास के दौरान बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करते हुए तीखा हमला बोला।
जूली ने अजमेर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि
“मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की, परंतु इस श्रद्धांजलि में सच्चाई और संवेदना की कमी है। क्या यही सम्मान है, कि मैं जब मंदिर में गया तो गंगाजल से शुद्धिकरण करवाया गया? क्या मुख्यमंत्री ने कभी इस पर खेद व्यक्त किया? क्या उन्होंने अपने किसी नेता से माफी मंगवाई?”
संविधान गौरव अभियान'—सिर्फ दिखावा
जूली ने कहा कि
“भाजपा आज 'संविधान गौरव अभियान' चला रही है, पर यह अभियान एक दिखावा है। यह उन लोगों का नाटक है जो न संविधान के मूल्यों में विश्वास करते हैं और न बाबा साहेब के विचारों में। जिस दिन संविधान निर्माता की प्रतिमा पर कालिख पोती जाती है और सत्ताधारी दल की ओर से एक शब्द भी खेद का नहीं आता, वह अभियान सिर्फ धोखा है।”
संविधान गौरव नहीं, संविधान पालन करें
जूली ने भाजपा और आरएसएस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि
“आज ‘संविधान गौरव अभियान’ चलाया जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर बाबा साहेब की मूर्तियों का अपमान हो रहा है, उर्दू स्कूल बंद किए जा रहे हैं, और मंदिरों में दलितों के प्रवेश पर चुप्पी है। यह संविधान की आत्मा को छलना है।
बीकानेर की घटना: दलित अस्मिता पर सीधा हमला
जूली ने बीकानेर के नूरसर में बाबा साहेब की प्रतिमा पर कालिख पोते जाने की घटना पर कहा कि
“यह अपमान है, यह अत्याचार है, यह असहनीय है। यह सिर्फ़ कालिख नहीं, दलितों की अस्मिता और संविधान पर गहरा आघात है। मैं इस शर्मनाक कृत्य की कठोरतम शब्दों में निंदा करता हूँ।”
उन्होंने कहा कि
“बाबा साहब सिर्फ़ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों और शोषितों की उम्मीद और आवाज़ हैं। उनकी प्रतिमा पर हमला एक मूर्ति पर नहीं, बल्कि उस संविधान पर है जिसने हमें समानता, समता और न्याय का अधिकार दिया।”
अजमेर प्रवास: उन्नत फाउंडेशन और उड़ान सोसाइटी में भागीदारी
जूली ने अजमेर में उम्मत फाउंडेशन द्वारा आयोजित बाबा साहेब जयंती समारोह में भाग लिया।
यहाँ उन्होंने गरीब मुस्लिम बेटियों के साथ संवाद किया और बाबा साहेब के विचारों पर आधारित उनके वक्तव्य सुने। उन्होंने कहा कि
“बेटियों की आवाज़ में जो आत्मविश्वास है, वह ही बाबा साहब की विचारधारा की सच्ची जीवंतता है।”
जूली ने मंच से कहा कि
“भाजपा सरकार ने जिस तरह से उर्दू स्कूलों का विलय किया है, वह अल्पसंख्यक बच्चों के साथ विश्वासघात है। यह केवल स्कूलों को नहीं, बल्कि उनके भविष्य को भी बंद करने जैसा है।”
इसके पश्चात उन्होंने वैशाली नगर स्थित उड़ान सोसाइटी में वंचित बच्चों के साथ मिलकर अंबेडकर जयंती मनाई और बच्चों के साथ मिलकर “जय भीम” के नारे लगाए।
दर्शन और ज़ियारत: एकता का प्रतीक
इससे पहले जूली ने अजमेर शरीफ दरगाह में ज़ियारत की और मुल्क व प्रदेश की खुशहाली की दुआ माँगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “मजहब से ऊपर मनुष्यता और संविधान है, और यही बाबा साहेब की सोच भी थी।”
बाबा साहब के शब्दों में जवाब
जूली ने बाबा साहेब के कथन को आत्मसात करते हुए कहा कि
“यदि हम शिक्षित नहीं हुए, तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।”
और जो लोग आज शिक्षा के अधिकार से दलितों, अल्पसंख्यकों और बेटियों को वंचित कर रहे हैं, वे संविधान विरोधी हैं।
जूली ने कहा कि
“मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ, चाहे मैं विधानसभा के अंदर रहूँ या बाहर, आपके हक की आवाज़ हमेशा बुलंद करता रहूँगा। वह दिन दूर नहीं जब हम फिर से सत्ता में लौटेंगे और महात्मा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद और पंडित नेहरू के सपनों का भारत बनाएँगे।”
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