पिता का साया नही,मां बनी सहारा , पूजा बनी अध्यापिका - JALORE NEWS
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पिता का साया नही,मां बनी सहारा , पूजा बनी अध्यापिका - JALORE NEWS
जालोर ( 29 अप्रेल 2022 ) सांचौर के हरियाली गांव में खोरवाल जटिया समाज की बेटी ने मुश्किल हालातों को पार करते हुए रिट लेवल प्रथम में चयनित होकर गांव का नाम रोशन किया।पूजा पांच वर्ष की थी तब पापा दुनियां को प्यारे हो गए थे। मां के लिए घर गृहस्थी चलाना मुश्किल हो गया था लेकिन मां ने हालातो को हराते हुए अपनी बेटी को पढ़ाया,पिता की कमी नही होने दी। खुद सिलाई करते हुए बेटी के पढ़ाई का खर्च वहन किया। बेटी पूजा भी सिलाई करना जानती थी।
मां का सहारा बनना चाहती थी। दिन रात एक करते हुए पूजा ने कठिन परिश्रम कर नियमित पढ़ाई की ओर प्रथम प्रयास में ही रिट भर्ती में चयनित हुई।। पूजा ने सरकारी विद्यालय में पढ़ते हुए हमेशा क्लास में अव्वल रही, पूजा खोरवाल सांचौर में जटिया समाज की पहली शिक्षिका है।पूजा ने बताया कि मेरे शिक्षकों और मां का सदैव अच्छा सहयोग रहा जिनके बलबूते आज मेने अपनी मंजिल हासिल की।अध्यापक ओमप्रकाश ,राजेश हमेशा मार्गदर्शन करते थे। मित्र जसराज रमेश हमेशा सहयोग देते थे।। पूजा के चयनित होने पर दीपा मुंडोतिया ,किरण फुलवारिया, नरेन्द्र राणावत युवा साहित्यकार मूली,गणपत सर,राजूराम ,नेमीचंद खोरवाल सहित सभी परिवारजनों,दोस्तों ने बधाई प्रेषित की।।
पूजा कहती है कि इंसान को कभी हिम्मत नही हारनी चाहिए हालात चाहे जैसे भी हो! - मैंने कभी यह नहीं देखा की मेरे पास क्या नहीं है बल्कि ये ध्यान मे रखा की मेरे पास क्या हैं जिसका मे उपयोग करके सफल हो सकू! , पिता के चले जाने, आर्थिक रूप से कमजोर होना और संसाधनों की कमी होना, ये यक़ीनन बधाएं रही मगर ध्यान सिर्फ सफल होने पे था जिससे मेहनत और लगन को हथियार बनाया " मै ज़ब पांच साल की थी तब पिताजी चल बसे थे। मां पढ़ी लिखी नहीं हैं लेकिन एक जागरूक नागरिक जरूर हैं, जिन्होंने हमें आगे पढ़ाया और हौसला दिया, कभी बाप की कमी नहीं होनी दी. ।
साथ ही बड़ी बहन ललिता खोरवाल ने एक भाई की तरह मेरे हौसले को मजबूती दी, प्रारम्भ में वही मेरी गुरु रही! इस सफलता मे मेरे शिक्षको और मां का बहुत सहयोग रहा है, टीचर्स ने ही मुझे ये मार्ग बताया, जानकारी दी और मैंने अमल मे लाया । 12 वी तक की पढ़ाई स्थानीय सरकारी स्कूल मे की, मे हमेशा से ही स्कूल की टॉपर रही हूँ तो आगे पढ़ने का जूनून अपने आप मिलता रहा,फिर 2020 मे बीएसटीसी पूरी करके घर पे ही सेल्फ स्टडी की और 128 अंक लाये। अध्यापक भर्ती में चयनित होकर खुश हूं। आगे जाकर प्रशासनिक सेवा करूंगी।।
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