चार राज्यों की 16 सीटों पर राज्यसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों की स्थिति : कही ख़ुशी, कही ग़म - JALORE NEWS
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चार राज्यों की 16 सीटों पर राज्यसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों की स्थिति : कही ख़ुशी, कही ग़म - JALORE NEWS
नई दिल्ली ( 12 जुन 2022 ) चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीट के चुनाव के नतीजों के बाद राजनैतिक दलों में कही ख़ुशी, कही ग़म का माहोल हैं. प्राप्त ख़बरों के अनुसार
संसद के उच्च सदन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या मौजूदा 95 से घटकर 92 हो गई है, जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 29 से थोड़ा बढ़कर 31 हो गई है. वही शिरोमणी अकाली दल दो से शून्य पर तो बसपा 3 से 1 सीट पर सिमट गई हैं. जबकी वाईएसआर कांग्रेस की 6 से बड़कर 9 सीट हो गई हैं.
ज्ञात हो कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में (हर दो साल में एक तिहाई सीटों पर चुनाव होता है. ज्ञात हो कि राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता हैं) शुक्रवार को चार राज्यों-राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर देखी गई, जहां भाजपा ने 57 सीट में से 22 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के खाते में नौ सीट गई. सेवानिवृत्त हो रहे 57 सदस्यों में से भाजपा के 25 सदस्य और कांग्रेस के सात सदस्य हैं. ये सभी सदस्य अगले महीने सेवानिवृत्त हो जाएंगे और उनकी जगह नये सदस्य आएंगे.
उल्लेखनीय है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने नये और युवा चेहरों पर भरोसा जताया, जिनमें से कुछ को पहली बार दलों ने मनोनीत किया है. ऊपरी सदन में युवा चेहरों को नामित करने वाली कांग्रेस अब अधिक ताकत के साथ आगामी दिनों में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का प्रयास करेगी. भाजपा के संख्या बल में चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ दल के साथ रहने का विकल्प चुना है. भाजपा को सात और मनोनीत सदस्यों का समर्थन प्राप्त होगा. ये सात सीट फिलहाल खाली हैं. भाजपा को निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा का भी समर्थन प्राप्त होगा.
अन्य क्षेत्रीय दलों में, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर-कांग्रेस की ताकत मौजूदा छह से 9 सीट की हो गई है, जबकि दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के 10 सदस्य उच्च सदन में होंगे. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों की ताकत पहले की तरह है. इन दलों के उतने ही उम्मीदवार जीते हैं जितने उनके सेवानिवृत्त हुए हैं. राज्यसभा में द्रमुक के 10, बीजद के नौ, टीआरएस के सात, जद(यू) के पांच, राकांपा के चार और शिवसेना के तीन सदस्य हैं.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या क्रमश: 13 और पांच है. राज्यसभा में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वर्तमान में पांच सदस्य हैं, लेकिन आगे चार सदस्य होंगे क्योंकि पार्टी के दो उम्मीदवार जीते हैं जबकि तीन सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं.
समाजवादी पार्टी की ताकत राज्यसभा में मौजूदा पांच से घटकर तीन हो गई है, क्योंकि उसने अपनी सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को दी है. राष्ट्रीय जनता दल का अब एक और सदस्य होगा, जिससे उसके सदस्यों की मौजूदा संख्या पांच से बढ़कर छह हो जाएगी. बहुजन समाज पार्टी का अब ऊपरी सदन में अब केवल एक सदस्य होगा. बसपा के अभी तीन सदस्य हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों की संख्या दो हो जाएगी. वर्तमान में दो सदस्यों वाले शिरोमणि अकाली दल का अब राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि उसके सभी सदस्य सेवानिवृत्त होने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल तथा पी चिदंबरम, जयराम रमेश (दोनों कांग्रेस), कपिल सिब्बल (निर्दलीय), मीसा भारती (राजद), प्रफुल्ल पटेल (राकांपा) और संजय राउत (शिवसेना) चुने जाने के बाद फिर से राज्यसभा लौटने वाले कुछ प्रमुख नाम हैं. इसके अलावा, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और इमरान प्रतापगढ़ी भी राज्यसभा में होंगे, जबकि पार्टी के नेता मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन और प्रमोद तिवारी पहले भी सांसद रह चुके हैं.
राज्य सभा की जानकारी
राज्य सभा भारतीय लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है व लोकसभा निचली प्रतिनिधि सभा है. राज्यसभा में 245 सदस्य होते हैं.
जिनमे 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं. इन्हें 'नामित सदस्य' कहा जाता है. अन्य सदस्यों का चुनाव होता है. राज्यसभा में सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते हैं.
संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं. तथापि, राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है, जिनमें से 233 सदस्य राज्यों और संघ राज्यक्षेत्र दिल्ली तथा पुडुचेरी के प्रतिनिधि हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित हैं. राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है.
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