मुलायम सिंह यादव नहीं रहें | mulayam singh yadav news
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मुलायम सिंह यादव नहीं रहें , mulayam singh yadav latest news
दिल्ली ( 10 अक्टूबर 2022 ) Mulayam Singh Yadav Death News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है. उन्होंने 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज (10 अक्टूबर) सुबह 8:16 बजे आखिरी सांस ली. मुलायम सिंह यादव को 22 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में भर्ती कराया गया था, हालांकि उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था और 1 अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, जहां एक डॉक्टरो का पैनल उनका इलाज कर रहा था.
जुलाई में पत्नी साधना गुप्ता का हुआ था निधन
इससे पहले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की पत्नी साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) का इसी साल जुलाई में निधन हो गया था. फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद निधन हुआ था. साधना मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया था. मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं.
1992 में की सपा की स्थापना
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था. पांच भाइयों में मुलायम तीसरे नंबर पर थे. मुलायम सिंह ने पहलवानी से अपना करियर शुरू किया. वह पेशे से अध्यापक रहे. उन्होंने कुछ समय तक इंटर कॉलेज में अध्यापन किया. पिता उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे. फिर अपने राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह को प्रभावित करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े से कदम रखा. वह 1982-1985 तक विधान परिषद के सदस्य रहे.
लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की. मुलायम सिंह यादव को राजनीति के अखाड़े का पहलवान कहा जाता था. वह प्रतिद्वंद्वियों को चित करने के माहिर रहे. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्होंने वो ऊंचाई हासिल की जो किसी भी नेता के लिए सपना होता है. उन्होंने तीन बार राज्य की कमान संभाली. वह देश के रक्षा मंत्री भी बने. उत्तर प्रदेश विधानसभा के वह आठ बार सदस्य रहे.
किसान परिवार में हुआ जन्म
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था. उनके पिता सुघर सिंह यादव एक किसान थे. मुलायम सिंह यादव मौजूदा वक्त में मुलायम सिंह मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद हैं. उत्तर प्रदेश की राजनीति हो देश की राजनीति, मुलायम सिंह यादव को प्रमुख नेताओं में गिना जाता हैं. वे तीन बार UP के सीएम रहे और वो केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा मुलायम सिंह 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद भी चुने जा चुके हैं.
मुलायम सिंह यादव ने दो शादियां की थीं. उनकी पहली पत्नी, मालती देवी की मृत्यु मई 2003 में हुई, वह अखिलेश यादव की मां थी. मुलायम ने दूसरी शादी साधना गुप्ता से की. मुलायम सिंह और साधना के बेटे का नाम प्रतीक यादव है. हाल ही में साधना का निधन हो गया था.
अगस्त से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे मुलायम सिंह
मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को 22 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था और 1 अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, जहां एक डॉक्टरो का पैनल उनका इलाज कर रहा था.
मुलायम पिछले दो साल से बीमार चल रहे थे
मुलायम सिंह यादव दो साल से बीमार चल रहे थे । परेशानी अधिक बढ़ने पर उन्हें अक्सर हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता रहा । पिछले साल उन्हें कोरोना भी हुआ था । अगस्त 2020 से अक्टूबर 2022 तक उन्हें कब - कब सेहत से जुड़ी समस्याएं हुईं , यहां पढ़िए ...
• 26 सितंबर 2022 को आखिरी बार चेकअप के लिए मुलायम सिंह यादव मेदांता गुरुग्राम पहुंचे थे । तब से वे आखिर तक वहीं भर्ती थे ।
• 5 सितंबर 2022 को भी मुलायम सिंह को मेदांता में भर्ती कराया गया था । इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था ।
• 13 अगस्त 2022 को भी मुलायम सिंह यादव को मेदांता में भर्ती कराया गया था ।
• 24 जून 2022 को रूटीन चेकअप के लिए मुलायम सिंह यादव मेदांता गए थे । तबीयत खराब होने पर उन्हें 2 दिन के लिए भर्ती किया गया था ।
• 15 जून 2022 को भी मुलायम मेदांता में भर्ती हुए थे । जांच के बाद उन्हें उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया था । •
1 जुलाई 2021 को मुलायम सिंह यादव की तबीयत बिगड़ी थी , तब उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।
• अक्टूबर 2020 में मुलायम कोरोना पॉजिटिव भी हो गए थे , हालांकि उन्होंने वैक्सीन लगवाई थी ।
• अगस्त 2020 में पेट दर्द के चलते मेदांता में भर्ती कराए गए थे । जांच में यूरिन इन्फेक्शन का पता चला था ।
मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक करियर पर एक नजर...
साल 1967 में मुलायम सिंह पहली बार विधायक बने. इसके बाद 5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. मुलायम ने अपना राजनीतिक अभियान जसवंतनगर विधानसभा सीट से शुरू किया. वह सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से आगे बढ़े. 1967, 1974, 1977, 1985, 1989 में वह विधानसभा के सदस्य रहे. मुलायम सिंह 1989, 1993 और 2003 में यूपी के सीएम रहे. वह लोकसभा के सदस्य भी रहे.
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री
सहकारिता और पशुपालन मंत्री 1977 रक्षा मंत्री 1996-1998
1996 के चुनाव में जीतकर वह पहली बार संसद पहुंचे. इसके बाद 1998 में वह जीत हासिल किए. 1999 के चुनाव में भी उनकी जीत का सिलसिला जा रही. 2004 में वह मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीते. 2014 में वह आजमगढ़ संसदीय सीट और मैनपुरी से चुनाव लड़े और दोनों जगह से ही जीत हासिल किए. सपा के इस दिग्गज नेता की जीत का सिलसिला 2019 के चुनाव में भी जारी रहा और मैनपुरी से जीतकर एक बार फिर संसद पहुंचे.
कांग्रेसी उम्मीदवार को दी मात
मुलायम सिंह का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार से था. तब हेमवंती नंदन बहुगुणा के शिष्य लाखन सिंह यहां से चुनावी मैदान में थे. उस वक्त मुलायम सिंह राजनीति के नए खिलाड़ी थे, दूसरी ओर कांग्रेस का देशभर में जबरदस्त जनाधार हुआ करता था. लेकिन चुनाव के परिणाम आए तो सब चौंक गए. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की.
चुनाव में जीत दर्ज होने के बाद ही इसी साल नवंबर में डॉ राम मनोहर लोहिया का निधन हो गया. अपने निधन से पहले उन्होंने यादव परिवार के इस राजनीतिक खिलाड़ी के लिए रास्ता तैयार कर दिया था. खास बात तो ये रही कि पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में वे मंत्री भी बन गए. यहां से उनके राजनीति में फूल टाइम एंट्री हो चुकी थी. अब यहीं जसवंत नगर की सीट यादव परिवार का गढ़ मानी जाती है. अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव यहां से वर्तमान में विधायक हैं.
कैसे बने मुख्यमंत्री?
फिल्म में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि कैसे नाथूराम, राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह ने मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक ज्ञान को तैयार और आकार दिया था। इतना ही नहीं फिल्म में मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री बनने तक के सफर के दौरान उनकी पहली पत्नी मालती देवी के योगदान की कहानी भी बताई गई है। हालांकि 'मैं मुलायम सिंह यादव' में पूर्व मुख्यमंत्री की दूसरी पत्नी साधना का जिक्र नहीं किया गया है।
मुलायम को राजनेता नहीं पहलवान बनाना चाहते थे पिता mulayam singh ke samachar
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे उनके गुरु डॉ राममनोहर लोहिया का उद्धरण "ज़िंदा कौम पांच साल तक इंतजार नहीं करती" उनका मंत्र बन गया और वह देश के सबसे सफल राजनीतिक नेताओं में से एक बन गए। फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुलायम सिंह यादव के पिता चाहते थे कि मुलायम सिंह पहलवान बने। लेकिन, उनकी किस्मत में कुछ और ही बनना लिखा था। यही कारण है कि एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान उनकी मुलाकात स्थानीय राजनीतिक नेता नाथूराम से हुई, जिन्होंने उन्हें राजनीति में प्रवेश करने का पहला मौका दिया था।
अमित सेठी ने निभाई है मुलायम सिंह की भूमिका
सुवेंदु घोष के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमित सेठी ने मुलायम सिंह यादव की भूमिका निभाई है। वहीं अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह ने मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव का किरदार निभाया है। प्रेरणा सिंह, मुलायम सिंह यादव की पत्नी के रूप में नजर आई हैं। प्रकाश बलबेटो ने राम मनोहर लोहिया की भूमिका निभाई है और गोविंद नामदेव चौधरी ने चरण सिंह का किरदार अदा किया था। जरीना वहाब और अनुपम श्याम ने क्रमश: मुलायम की मां और पिता का रोल निभाया है।
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