PM Rishi Sunak ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बने 'भारतीय' ऋषि सुनक, भारतीय ऋषि सुनक ब्रिटेन जीवन के बारे में - JALORE NEWS
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PM Rishi Sunak ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बने 'भारतीय' ऋषि सुनक, भारतीय ऋषि सुनक ब्रिटेन जीवन के बारे में - JALORE NEWS
लंदन ( 25 अक्टूबर 2022 ) भारतीय मूल के PM Rishi Sunak ऋषि सुनक ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्हें ब्रिटिश महाराज चार्ल्स तृतीय ने शपथ दिलाई। शपथग्रहण के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटिश महाराज के हाथों को चूमकर अपनी वफादारी की कसम खाई। इस कार्यक्रम को बकिंघम पैलेस में आयोजित किया गया है। इस मौके पर कुछ सार्वजनिक तस्वीरों के बाद महाराज चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री pm Rishi Sunak ऋषि सुनक के बीच एक गुप्त बैठक भी हुई। इस बैठक का कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। ऋषि सुुनक को लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद सोमवार को कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। लिज ट्रस ने अपनी आर्थिक नीतियों और कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर आलोचना झेल रही थीं। Rishi Sunak ऋषि सुनक एक साल के अंदर तीसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं।
सुनक के कैबिनेट पर सबकी नजर
सुनक के प्रधानमंत्री पद पर शपथग्रहण के बाद सबकी नजर उनके कैबिनेट पर टिकी हुई हैं। कुछ ही घंटों में सुनक अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। सबकी नजर ब्रिटेन के वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री के पद पर टिकी हुई हैं। ब्रिटेन की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सुनक को एक सुलझा हुआ और एक्सपर्ट वित्त मंत्री की जरूरत है। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन की आक्रामकता से मुकाबला करने के लिए उन्हें एक मजबूत विदेश मंत्री भी चाहिए। प्रवासियों से जुड़े मुद्दे और हिंदू-मुस्लिम झगड़ों को सुलझाने के लिए टीम में एक योग्य गृह मंत्री का भी होना आवश्यक है। बताया जा रहा है कि लिज ट्रस के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे जेरेमी हंट की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। वे पहले से ही ऋषि सुनक के कट्टर समर्थक रहे हैं।
थोड़ी देर में सुनक पीएम पद की शपथ (Rishi Sunak Oath) लेंगे. इस साल प्रधानमंत्री बनने वाले वह तीसरे व्यक्ति हैं. ब्रिटेन के 200 सालों के इतिहास में सुनक सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए हैं.
Rishi Sunak ऋषि सनक की किंग चार्ल्स के साथ मुलाकात बकिंघम पैलेस के कमरा नंबर 1844 में हुई, जहां उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था. जल्द ही वे अपनी कैबिनेट तय करेंगे. उन्होंने कहा कि नई सरकार बनाने के लिए मैंने किंग चार्ल्स III के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
'हर चुनौती का सामने करेगी मेरी सरकार' सुनक ने कहा कि आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, मैं उनसे सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने का आपसे वादा करता हूं. मैं जिस सरकार का नेतृत्व कर रहा हूं, वह अगली पीढ़ी, आपके बच्चों और पोते-पोतियों को यह कर्ज देने के लिए नहीं छोड़ेगी. हम खुद ही इसका भुगतान करेंगे. मैं आर्थिक स्थिरता और विश्वास को इस सरकार के एजेंडे को सामने रखूंगा. मैं सरकार के हर कठिन फैसले को आपके सामने रखूंगा. मैंने कोरोना के दौरान लोगों और कारोबार की सुरक्षा के लिए बहुत कुछ करते हुए देखा है.'
प्रिंस चार्ल्स से मिलने के बाद 10 डाउनिंग स्ट्रीट ऋषि सुनक ने कहा कि हमारा देश रूस-यूक्रेन युद्ध व महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. बदलाव लाने के लिए लिज़ ट्रस की बेचैनी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि उनसे कुछ गलतियां हुईं. इन गलतियों के पीछे इरादा बुरा नहीं था, लेकिन फिर भी हुईं. मुझे उन गलतियों को दुरुस्त करने के लिए चुना गया है और मैंने इन्हें ठीक करने का काम तुरंत शुरू हो रहा है.
I will place economic stability & confidence at the heart of this govt's agenda. This will mean difficult decisions to come. But you saw me during COVID doing everything I could to protect people & businesses. There were always limits more so now than ever: British PM #RishiSunak pic.twitter.com/GhTMlUuAIl
जीवन के बारे में
Rishi Sunak ऋषि सुनक (जन्म 12 मई 1980) एक हिन्दू कानू हलवाई समाज के हैं, जो अक्टूबर 2022 से यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में कार्यरत है। वह 2020 से 2022 तक राजकोष के चांसलर थे और 2019 से 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव। वह 2015 से रिचमंड (यॉर्क) के लिए संसद सदस्य (सांसद) हैं।[1]
इनका जन्म इंग्लैंड के साउथैम्प्टन नामक शहर में हुआ था। इनके माता-पिता भारतीय मूल के हिन्दू, पंजाबी वैश्य कानू हलवाई समाज थे । जो पूर्व अफ्रीका में रहते थे। 90 के दशक में इनके माता-पिता ने पूर्व अफ्रीका से इंग्लैंड में आए थे। Rishi Sunak ऋषि ने अपनी पढ़ाई विनचेस्टर कॉलेज में की थी। इन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में पूरी की। इसके बाद फूलब्राइट प्रोग्राम के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त कर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से इन्होंने एमबीए की डिग्री प्राप्त की। स्टैनफोर्ड में पढ़ाई करने के दौरान इनकी मुलाक़ात इंफोसिस के फाउंडर और व्यापारी एन आर नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई थी।
सुनक ने विनचेस्टर कॉलेज में स्कूली शिक्षा हासिल की। उन्होंने लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में फर्स्ट के साथ स्नातक की। 2006 में उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
राजनैतिक
यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद Rishi Sunak ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे। उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया।[2]
Rishi Sunak ऋषि सुनक ने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार के संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया। थेरेसा मे के इस्तीफा देने के बाद, सनक ने बोरिस जॉनसन के कंजरवेटिव नेता बनने के अभियान का समर्थक किया. जॉनसन ने प्रधान मंत्री नियुक्त होने के बाद, सनक को ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया. चांसलर के रूप में, सुनक ने यूनाइटेड किंगडम में COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर सरकार की आर्थिक नीति पर प्रमुखता से काम किया।
5 जुलाई 2022 को अपने त्याग पत्र में जॉनसन के साथ अपनी आर्थिक नीति के मतभेदों का हवाला देते हुए सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया। सुनक का इस्तीफा, स्वास्थ्य सचिव जाविद के इस्तीफे के साथ, एक सरकारी संकट के बीच जॉनसन के इस्तीफे का कारण बना। |[3]
सुनक गुजरांवाला के एक ब्राह्मण परिवार से हैं।[4] सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथैम्प्टन, हैम्पशायर, इंग्लैंड में पिता यशवीर और माता उषा सुनक के घर हुआ था।[5] वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी पंजाब प्रांत, भारत में पैदा हुए थे, और 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से अपने बच्चों के साथ यूके चले गए थे। सुनक ने अगस्त 2009 में भारतीय अरबपति, इंफोसिस के संस्थापक, एन. आर. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की।[6] वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए मिले और उनकी दो बेटियां हैं।
सुनक एक ब्रिटिश भारतीय और कानू हलवाई समाज हैं[7], उन्होंने 2017 से हाउस ऑफ कॉमन्स में भगवद गीता पर शपथ ली है। ऋषि सुनक एक टीटोटलर हैं। वह पहले ईस्ट लंदन साइंस स्कूल के गवर्नर थे।
ब्रिटेन के जिस पार्टीगेट स्कैंडल के कारण बोरिस जॉनसन की अधिक किरकिरी हुई थी। उसकी आंच सुनक पर भी पड़ी| सुनक पर भी पार्टीगेट स्कैंडल विषय में अर्थदण्ड लगाया गया था। उन्हें फिक्स्ड पेनल्टी नोटिस जारी किया गया था। इस पार्टी की तस्वीरें और कुछ ईमेल लीक होने के पश्चात मामला गरमा गया था। इस घटना के पश्चात सुनक की लोकप्रियता में गिरावट देखने को मिली थी।[8]
ब्रिटेन की राजनीति लगातार कुछ महीनों से सुर्खियों में बनी हुई है। पहले बोरिस जॉनसन का पीएम पद से इस्तीफा देना और उसके बाद लंबे समय तक नए प्रधानमंत्री के लिए चुनावी प्रक्रिया दौर चलना, फिर लिज ट्रस का प्रधानमंत्री बनना और पीएम बनने के महज 45 दिन बाद उनका इस्तीफा दे देना जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम ब्रिटेन की राजनीति में कुछ महीनों से लगातार जारी है। लेकिन अब ब्रिटेन की सियासत ने नया मोड़ लिया है, इतिहास में पहली बार भारतीय मूल के ऋषि सुनक को वहां का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। आइए जानते हैं ऋषि सुनक कौन हैं? क्या है इनकी कहानी।
Rishi Sunak ऋषि सुनक का परिचय
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से ब्रिटिश इंडिया के पंजाब प्रांत में रहता था और वे भारतीय पंजाबी हिंदू हैं। उनकी मां उषा सुनक फार्मसिस्ट थी और पिता यशवीर सुनक एक जनरल चिकित्सक थे। वो अपने परिवार में तीन भाई बहनों में से सबसे बड़े हैं। यशवंत सुनक जो कि Rishi Sunak ऋषि सुनक के पिता है उनका जन्म केन्या में हुआ था वहीं उनकी मां उषा तंजानिया में जन्मी थी। हालांकि सुनक अपने आप को भारत से जोड़कर देखते हैं क्योंकि उनके दादा भारतीय थे। इसलिए वो अपने आपको भारतीय मूल का ही बताते हैं।Rishi Sunak ऋषि सुनक के भाई संजय एक मनोवैज्ञानिक हैं, साथ ही उनकी बहन राखी विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में शांति निर्माण और संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करती हैं।
प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा
ऋषि सुनक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विनचेस्टर कॉलेज हेंपशायर, इंग्लैंड से पूरी की। यह कॉलेज एक बोर्डिंग स्कूल है। इसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा लिंकन कॉलेज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से की। ऑक्सफोर्ड में उन्होंने फिलॉसफी, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ कंजर्वेटिव कैम्पेन मुख्यालय में इंटर्नशिप भी की। 2006 में उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की।
भारत से Rishi Sunak ऋषि सुनक का संबंध
ऋषि सुनक जब अपनी पढ़ाई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कर रहे थे इसी दौरान उनकी मुलाकात भविष्य में पत्नी बनी अक्षता मूर्ति से होती है। अक्षता और ऋषि दोनों स्टैनफोर्ड में MBA की पढ़ाई कर रहे थे। आपको मालूम होगा अक्षता मूर्ति भारतीय अरबपति एनआर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। पत्नी भारतीय मूल के होने के साथ-साथ ऋषि सुनक के दादा-दादी भी भारतीय रहे हैं इस वजह से कहा जाता है ऋषि का संबंध भारत से गहरा है। सांसद बनकर जब ऋषि सुनक Rishi Sunak पार्लियामेंट पहुंचे थे तो उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। ऋषि सुनक और उनकी पत्नी की दो बेटियां हैं वे नॉर्थ यॉर्कशायर के नॉर्थहेलर्टन के पास रहते हैं।
Rishi Sunak ऋषि सुनक का राजनीतिक सफर
ऋषि सुनक अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी और फिर बिजनेस से जुड़े थे। उन्होंने पहली बार साल 2014 में ब्रिटेन की संसद में कदम रखा। अक्टूबर 2014 में रिचमंड संसदीय क्षेत्र से सुनक कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार थे जहां से उन्हें जीत हासिल हुई। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने 2015 से लेकर 2017 तक ब्रिटेन के पर्यावरण, खाघ और ग्रामीण मामलों की चयन समिति में काम किया। इसके बाद साल 2017 में ऋषि सुनक को भारी वोट मिले। जिसके बाद वो एक बार फिर सांसद के रूप में चुने गए। 24 जुलाई 2019 में उनके बेहतरीन कार्यशैली को देखकर ब्रिटेन के तत्कालीन पीएम बोरिस जॉनसन ने उन्हें ट्रेजरी के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया।
जाहिर है Rishi Sunak ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने के साथ ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत का ब्रिटेन के साथ राजनीतिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे। दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, समुद्री सुरक्षा, रिन्यूएबल एनर्जी, क्लाइमेट चेंज जैसे विभिन्न मुद्दों पर सार्थक दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
ऋषि सुनक का बिजनेस करियर [ Rishi Sunak Business Career]
ऋषि सुनक ने अपनी पहली नौकरी कैलिफोर्निया में स्थित एक अमेरिका निवेश बैंक में की जिसका नाम था गोल्डमैन सैक्स। इसमें उन्होंने बतौर विश्लेषक के रूप में काम किया। साल 2004 में उन्होंने हेज फंड मैनेजमेंट फर्म द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में भी काम किया। उसके बाद साल 2009 में नौकरी छोड़ दी। अक्टूबर 2010 में लगभग 536 मिलियन डॉलर के शुरूआती निवेश से फर्म शुरू की। जिसका नाम रखा थेलेम पार्टनर्स।फिर 2013 में उन्हें और उनकी पत्नी को उनके ससुर ने निवेश फर्म कैटामारन वेंचर्स यूके लिमिटेड का निदेशक बनाया। जिसके बाद उन्होंने 30 अप्रैल 2015 को इस पद से इस्तीफा दे दिया।
ऋषि सुनक की शादी [Rishi Sunak Wife]
ऋषि सुनक की उनकी पत्नी से पहली मुलाकात स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई। जहां वो और उनकी पत्नी एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। आपको बता दें कि, उनकी पत्नी भारतीय अरबपति एनआर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। साथ ही वो कटमरैन वेंचर्स के निदेशक के रूप में भी काम करती हैं। ऋषि सुनक और उनकी पत्नी नॉर्थ यॉर्कशायर के नॉर्थहेलर्टन के पास रहते हैं। जिनके साथ उनकी दो बेटियां भी रहती हैं।
ऋषि सुनक को किसका है सबसे ज्यादा शौक
ऋषि सुनक को सबसे ज्यादा फिट रहना, क्रिकेट खेलना औरफुटबॉल खेलना बेहद पंसद है। जब भी वो फ्री होते हैं तो वो यही एक्टिविटी करना पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए ताकि वो अपने आपको और अपने दिमाग को शांत रख सके और बेहतर काम कर सके।
ऋषि सुनक की संपत्ति एवं कमाई [Rishi Sunak Net Worth]
ऋषि सुनक को इंग्लैंड के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। ऋषि सुनक ने व्यापार और राजनीति में बहुत पैसा कमाया है। अगर उनकी नेटवर्थ की बात करें तो वो अब 3.1 अरब पाउंड के करीब है। भारतीय रूपयो में इसकी बात करें तो ये करीबन 300 करोड़ के बराबर है। एक रिपोर्ट की माने तो 2009 में अक्षता मूर्ति से शादी करने के बाद उनका बिजनेस आसमान छू गया।
ऋषि सुनक ने दिवाली पर निकाला था महात्मा गांधी के नाम का सिक्का
ब्रिटेन के वित्त मंत्री के पद पर रहकर ऋषि सुनक ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम का सिक्का जारी किया। जिसमें भारत का राष्ट्र चिन्ह और मां सरस्वती का सिंहासन कमल अंकित किया हुआ है। ये पहली बार हुआ है कि एक ब्रिटिश देश में भारतीय सिक्के को जारी किया गया हो।
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