प्रबंधन के अभाव में किसानों को नहीं मिल रहा खेती के लिए आवश्यक पानी - भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव बोरली - JALORE NEWS
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गुजरात से पानी न देने केवल बहाना, वास्तविक विफलता स्थानीय प्रशासन की - Only excuse for not giving water from Gujarat, real failure of local administration
जालौर/ सांचौर ( 11 नवंबर 2022 ) क्षेत्र के किसानों को आर्थिक संबंल देने के लिए बनी नर्मदा नहर आज भूमिपूत्रों के लिए अभिशाप बनी हुई हैं। नर्मदा परियोजना विभाग की अव्यवस्थाओं के कारण क्षेत्र की कई नहरें आज सुखी पड़ी हैं, जिसके कारण किसान बंधु खेती करने में असमर्थ हैं।
गुजरात सहित सम्पूर्ण भारत में बारिश अच्छी होने से सरदार सरोवर बांध में पानी की अच्छी आवक हुई हैं, लेकिन क्षेत्रीय प्रशासन और विभाग के कर्मचारियों द्वारा प्रबंधन के अभाव के कारण किसान वर्ग को पानी उपलब्ध नहीं हो रहा हैं।
जालोर भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव बोरली से विशेष संवाद में उन्होने बताया की जब जब राजस्थान ने पानी मांगा हैं तब तब गुजरात सरकार द्वारा नर्मदा में भरपूर पानी उपलब्ध करवाया हैं। स्थानीय प्रशासन और विभाग द्वारा प्रबंधन में उचित व्यवस्था नहीं करने के कारण क्षेत्र के किसानों को पानी से वंचित किया गया।
पानी के असमान वितरण हेतु उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण कई बार नहरों के क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिसके कारण गुजरात प्रशासन द्वारा स्थानीय प्रशासन को उचित प्रबंधन करने की अपील की लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा हाथ खडे़ करने से मजबूरन गुजरात को पानी कम करना पड़ा ताकि नहर क्षतिग्रस्त न हो।
स्थानीय क्षेत्र में कृषि कार्यों के लिए पानी का एकमात्र स्त्रोत नर्मदा नहर हैं। रबी की फसल किसानों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता हैं, लेकिन नर्मदा विभाग की लापरवाही के कारण किसानों को खेती के लिए कुए, बोरवेल और अन्य माध्यमों से पानी उपलब्ध करना पड़ता हैं, जो काफी मंहगा पड़ता हैं।
राजस्थान सरकार डीजल में सर्वाधिक राज्य कर वसूली करती हैं और बिजली उपलब्धता में भी सरकार द्वारा किसान वर्ग का शोषण किया जा रहा हैं। बिजली का मूल्य अधिक होने और उपयोग से अधिक बिजली बिल आने के कारण किसान वर्ग में सरकार सहित स्थानीय प्रशासन के प्रति भारी रोष देखने को मिल रहा हैं।
क्षेत्र में रबी फसलों का उत्पादन अधिक होता हैं, जो किसान वर्ग के लिए आय का मुख्य स्त्रोत हैं। पानी की उपलब्धता नहर प्रबंधन द्वारा नहीं करवाने के कारण सम्पूर्ण क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई नहीं हो सकी, जो किसान वर्ग के साथ-साथ क्षेत्र की अर्थव्यवथा के लिए बड़ी चुनौती हैं।
पानी चोरी, अवैध कनेक्शन दूर करने के लिए भी स्थानीय प्रशान द्वारा उचित प्रबंधन नही किया गया है, किसानों द्वारा स्थानीय प्रशासन को कई बार सूचित करने के उपरांत भी समाधान का अभाव हैं। नर्मदा विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस प्रशासन पानी चोरी रोकने में पूर्णतः असफल हुए हैं। साथ ही पानी छोड़ने में अनियमितता एवं टेल तक पानी पहुॅचाने हेतु आवश्यक दबाव नहीं होने के कारण नहरों का पानी कुछ क्षेत्र तक सीमित रहता हैं, और क्षेत्र का बड़ा हिस्सा इसके लाभ से वंचित रह जाता हैं।
नर्मदा विभाग के अधिकारियों द्वारा नहर की समय पर सफाई नहीं करने के कारण नहरों में घास एवं कचरा जमा हुआ हैं, जिसके कारण नहरें क्षमता अनुरूप पानी निकासी नहीं कर सकती हैं।
बाईट
पूर्व में भी गुजरात सरकार के अधिकारियों से बातचित पर उन्होने बताया की पानी कम छोड़ने के पीछे राजस्थान प्रशासन की वितरण व्यवस्था का अभाव हैं। राजस्थान में पानी की उचित वितरण व्यवस्था नहीं होने से गुजरात की नहरों में क्षमता से अधिक भराव रहता हैं, जो नहरों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी रहती हैं।
मोड़सिंह गोहिल
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, गुजरात सरकार
JALORE NEWS
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