Shraddha Murder Case: सुनवाई के दौरान आफताब का कबूलनामा, 'हां जज साहब, गुस्से में किया श्रद्धा का कत्ल' - JALORE NEWS थे
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Shraddha Murder Case: सुनवाई के दौरान आफताब का कबूलनामा, 'हां जज साहब, गुस्से में किया श्रद्धा का कत्ल' - JALORE NEWS
नई दिल्ली ( 22 नवम्बर 2022 ) दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस में मंगलवार को आफताब ने जज के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपित आफताब ने जज को बताया है कि उसने जो भी किया वो वो Heat of the Moment था, यानी जो उसने सबकुछ बिना सोचे समझे गुस्से में किया। आपको बता दें कि दिल्ली की साकेत कोर्ट में श्रद्धा का लिव इन पार्टनर और आरोपित आफताब की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। आफताब की पुलिस हिरासत 4 दिन और बढ़ा दी गई है।
दिल्ली की साकेत कोर्ट को आफताब ने यह भी बताया कि वह जांच में सहयोग कर रहा है और उसे घटना को याद करने में कठिनाई हो रही है। सूत्रों की मानें को आफताब पूनावाला ने श्रद्धा वाकर की हत्या करना स्वीकार किया और कहा कि उसने गुस्से में आकर अपराध किया। बताया जा रहा है कि आफताब ने कोर्ट को श्रद्धा के शव के टुकड़ों को गुरुग्राम में फेंकने की बात भी कबूल की है।
आपताब की रिमांड चार दिन बढ़ने के बाद अब दिल्ली पुलिस उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी। इसके बाद नार्को टेस्ट होना है। सोमवार को नार्को टेस्ट नहीं हो सका था। इससे पहले कोर्ट ने गुरुवार को 22 नवंबर तक दिल्ली पुलिस को आफताब का नार्को टेस्ट कराने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को साकेत कोर्ट से आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत मांगी है।
पूनावाला की पांच दिनों की पुलिस हिरासत आज खत्म होने पर उसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसकी हिरासत चार दिन के लिये बढ़ा दी। एक अन्य न्यायाधीश ने पुलिस को पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति दे दी।
वहीं, बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक, न्यायाधीश ने पूनावाला से पूछा, ‘‘क्या तुम जानते हो कि तुमने क्या किया है।’’ इसपर पूनावाला ने अदालत को बताया कि उसने ‘‘क्षणिक आवेश’’ में आकर वारदात को अंजाम दिया और उसने ‘‘इरादतन’’ ऐसा नहीं किया।
हालांकि, कुमार ने बाद में पूनावाला से बात करने के बाद कहा कि उसने ‘‘अदालत में कभी स्वीकार नहीं किया है कि उसने वालकर की हत्या की थी।’’
सूत्रों ने कहा कि पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई है ताकि इस जघन्य हत्याकांड में घटनाओं के क्रम का पता लगाया जा सके।
पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद पुलिस के नार्को टेस्ट कराने की संभावना है, जिसकी अनुमति अदालत ने पिछले सप्ताह दी थी।
पुलिस को वालकर का कटा हुआ सिर और शरीर के अन्य अंग नहीं मिले हैं। हालांकि, पुलिस को हत्या में इस्तेमाल हथियार सहित महत्वपूर्ण सबूतों के लिए सुराग मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस पूछताछ के दौरान, आरोपी ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने हथियार और उन उपकरणों को गुड़गांव में डीएलएफ फेज-3 वन क्षेत्र में फेंक दिया था, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर वालकर के शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के लिए किया गया था।
मंगलवार शाम को विशेषज्ञों ने आरोपी पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया में समय लगता है और यह एक या दो दिन भी चल सकता है।
इस बीच, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने मामले की जांच की प्रगति की समीक्षा करने के लिए हौज खास में डीसीपी (दक्षिण) कार्यालय का दौरा किया।
आयुक्त ने कहा, ‘‘हम चार दिनों के भीतर नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की कोशिश करेंगे। कई एजेंसी इस मामले पर काम कर रही हैं और हम अदालत में एक सामूहिक रिपोर्ट दाखिल करेंगे। आरोपपत्र फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर दाखिल किया जाएगा।’’
इससे पहले दिन में, मामले की सुनवाई साकेत अदालत परिसर के हवालात में सुबह साढ़े नौ बजे जांच अधिकारी के अनुरोध पर हुई , ‘‘ताकि आरोपी की सुरक्षित पेशी सुनिश्चित की जा सके।’’
कुमार के मुताबिक, पूनावाला ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि वह किसी तथ्य को छुपा नहीं रहा और पुलिस के साथ सहयोग कर रहा है।
वकील ने यह भी कहा कि पूनावाला ने उन जगहों की सटीक तौर पर पहचान करने में कठिनाई व्यक्त की, जहां उसने कथित तौर पर शरीर के अंगों को फेंका था क्योंकि वह शहर से भली-भांति परिचित नहीं है।
उन्होंने बताया कि पूनावाला को शरीर के अंगों की तलाश के लिए दो तालाबों पर ले जाया जाएगा, जिनमें से एक महरौली जंगल में और दूसरा मैदानगढ़ी इलाके में है।
वकील ने बताया कि पूनावाला ने एक तालाब का चित्र भी मुहैया कराया है, जहां उसने कथित तौर पर शरीर के अंगों को फेंका था।
वहीं, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने अपने आदेश में कहा, ‘‘जांच अधिकारी द्वारा बताए गए कारणों के मद्देनजर, इस अदालत की यह राय है कि मामले में जांच के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए आरोपी की पुलिस हिरासत बढ़ाई जाए। तदनुसार, आरोपी को 26 नवंबर तक चार दिनों की अतिरिक्त अवधि के लिए पुलिस हिरासत में भेजा जाता है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सूचित किया है कि कि कुछ धार्मिक संगठन या असामाजिक तत्व आरोपी पर हमला कर सकते हैं इसलिए उसे साकेत जिला अदालत के हवालात में पेश किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आईओ से प्राप्त अनुरोध पर और आरोपी की सुरक्षित पेशी सुनिश्चित करने के लिए आज सुबह साढ़े नौ बजे साकेत न्यायालय परिसर के हवालात में मौजूदा कार्यवाही की गई है।’’
आरोपी ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि वह वकील अविनाश कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई कानूनी सहायता से संतुष्ट है।
अदालत ने कहा कि पूनावाला की पुलिस रिमांड बढ़ाने के लिए पेश आवेदन में आईओ ने कहा कि मृतका श्रद्धा वालकर के जबड़े सहित शरीर के कुछ और अंग 20 नवंबर को एक जंगल से बरामद किए गए थे।
अदालत ने कहा कि आईओ ने इस आधार पर भी पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया कि आरोपी द्वारा किए गए खुलासों के आधार पर शरीर के और अंग या हड्डियां और वारदात में इस्तेमाल हथियार बरामद किए जा सकते हैं।
इसने कहा कि यह भी बताया गया है कि आरोपी के घर से एक नक्शा मिला है, जो तलाश अभियान और हिरासत में पूछताछ में सहायक हो सकता है।
वहीं, एक अन्य अदालत की न्यायाधीश विजयश्री राठौर ने पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के आवेदन को अनुमति प्रदान की।
सुनवाई के बाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वह पूनावाला से मिलने और आरोपी के परिवार से संपर्क करने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल करेंगे।
गौरतलब है कि आफताब पूनावाला (28) को 12 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में किराये के अपने फ्लैट में श्रद्धा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कहा था कि आफताब ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या की तथा उसके शव के करीब 35 टुकड़े किए जिसे उसने घर में 300 लीटर के फ्रिज में लगभग तीन सप्ताह तक रखा और फिर उन्हें शहर के विभिन्न इलाकों में कई दिनों तक फेंकता रहा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्रद्धा वालकर हत्या मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने का आग्रह करने वाली एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए उसे ‘प्रचार हित याचिका’ बताया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह प्रचार हित याचिका है तथा याचिका में एक भी सही आधार नहीं है।
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आफताब के घर से मिले अहम सुराग
श्रद्धा हत्याकांड मामले की जांच कर रही CFSL की टीम को आफताब के घर से अहम सुराग मिले हैं. पड़ताल कर रही टीम को टाइल्स के बीच में खून के धब्बे मिले हैं. साथ ही यह भी सामने आया है कि आफ़ताब और श्रद्धा कई बार ब्रेकअप हुआ था. पुलिस को अबतक कि जांच में कई अहम साईंटिफिक सबूत मिले हैं. साथ ही पता चला है कि आफ़ताब और श्रद्धा का कई बार ब्रेकअप हुआ था. आखिरी में वह दोनों एक दोनों एक रुम मेट की तरह रहते थे. अब तक की हुई जांच में आफताब ने बताया था कि वह उसके सारे सामान को नष्ठ करके उसके फरार होने की शिकायत दर्ज कराना चाहता था.https://twitter.com/ZeeNews/status/1595103099513102337?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1595103099513102337%7Ctwgr%5E4df745170ac98df1c4245861e4de2ffc4772336c%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fd-69116656594696002.ampproject.net%2F2211042305000%2Fframe.html
'CBI को नहीं सौंपी जाएगी जांच'
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रद्धा वालकर हत्या मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने का आग्रह करने वाली एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए उसे 'प्रचार हित याचिका' बताया. अदालत ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया, लेकिन जुर्माना राशि नहीं बतायी. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह प्रचार हित याचिका है तथा याचिका में एक भी सही आधार नहीं है.
श्रद्धा से पहले कई लड़कियों से रहे संबंध
सूत्रों ने बताया कि श्रद्धा से पहले आफताब के कई लड़कियों से संबंध थे। अपराध करने से पहले उसने कई क्राइम फिल्में और वेब सीरीज भी देखीं, जिनमें अमेरिकन क्राइम ड्रामा सीरीज डेक्सटर भी शामिल है।
गौरतलब है कि सितंबर में श्रद्धा की एक दोस्त ने उनके परिवार को बताया कि वे पिछले ढाई महीने से उनसे संपर्क में नहीं हैं और उनका मोबाइल नंबर भी बंद है। उसके परिवार ने उसके सोशल मीडिया खातों की जांच की और इस अवधि के दौरान कोई अपडेट नहीं पाया।
आफताब का कबूलनामा
पुलिस अधिकारियों ने कहा, "आरोपी ने हमें बताया कि उसने उसके शरीर के टुकड़े किए और उन्हें छतरपुर एन्क्लेव के पास वन क्षेत्रों में फेंक दिया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है।" सूत्रों ने बताया कि आफताब उसी कमरे में सोता था जहां उसने पीड़िता के शव के टुकड़े किए थे। सूत्रों ने बताया कि वह फ्रिज में चेहरा रखकर देखता था और शरीर के अंगों को नष्ट करने के बाद फ्रिज की सफाई भी करता था।
अक्सर होते थे दोनों में झगड़े
पुलिस ने खुलासा किया कि आफताब एक फूड ब्लॉगर था जो राष्ट्रीय राजधानी में एक कॉल सेंटर में काम करता था। उन्होंने कहा कि दंपति के बीच अक्सर झगड़े होते थे। पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि आरोपी और पीड़िता, जो एक डेटिंग साइट पर मिले थे, 2019 से एक लिव इन रिश्ते में थे और इस साल दिल्ली चले आए। इससे पहले वे महाराष्ट्र में रहते थे।
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