जन समस्याओं को लेकर गर्ग ने सीएम को भेजा पत्र जालौर विधायक गर्ग
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जन समस्याओं को लेकर गर्ग ने सीएम को भेजा पत्र जालौर विधायक गर्ग
पत्रकार श्रवण कुमार औड़
जालोर ( 3 जून 2023 ) जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने मुख्यमंत्री महोदय अशोक गहलोत के जालौर आगमन पर प्रशासन के मार्फत जालोर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में पत्र भेजा। ओडिशा रेल दुर्घटना में हुई त्रासदी को लेकर सवेंदना में पूरा देश शौक में है।विधायक गर्ग
इसको लेकर खुद कार्यक्रम में शामिल नही होकर प्रशासन के माध्यम से पत्र भेजा।पत्र में लिखा कि आपके जालोर आगमन के अवसर पर जालोर विधानसभा क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं एवं जन-आकांक्षाओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना मेरा कर्तव्य है।आशा है आपकी सरकार इन मुद्दों पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जनता को राहत प्रदान करेगी।
:- किसान-:
माही परियोजना- गुजरात सरकार व राजस्थान सरकार के बीच में सन 1965 हुए समझौते के अनुसार माही नदी पर गुजरात की सीमा में बने हुए कडाणा में डेम से गुजरात के खेडा जिले को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाएं जा रहे पानी पर जालोर जिले का अधिकार है। इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
• वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा बनाई गई जवाई पुनर्भरण योजना यदि लागू होती तो उसका लाभ जालोर जिले को भी मिलता। किन्तु आपकी सरकार द्वारा जवाई पुनर्भरण योजना बनाई गई है उससे जालोर जिले को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। राजस्थान सरकार जवाई पुनःभरण योजना को इस प्रकार संशोधित करे कि जालोर जिले की जनता भी लाभान्वित हो सके।
• जवाई बांध बनने के कारण आहोर जालोर - सायला एवं बागोडा तहसीलों में भू-जल स्तर में भारी गिरावट आई है। इसकी भरपाई के लिए जवाई बांध का पानी समय-समय पर नदी में खुला छोडा जाना चाहिए। यह मांग इन चारों तहसीलों के किसान वर्षों से करते आए है। इस वर्ष ईश्वर की कृपा से जवाई बांध पूरा भर गया था। फाटक खोलने की नौबत लगभग आ गई थी। ठीक उस समय सेई बांध से जवाई बांध के लिए आने वाले पानी को रोक दिया गया। जवाई बांध से सिन्धरू बांध को भरने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई। यदि यह दोनो कार्य कुछ विलम्ब से किए जाते तो जवाई बांध की फाटक खोलनी पडती और कई दिनों तक जवाई नदी में पानी बहता रहता। जिसके कारण क्षेत्र का भू-जल स्तर ऊंचा उठता। जालोर जिले के साथ किए गए इस धोखे की जाँच करके षडयंत्रकारी अधिकारियों को शीघ्र सजा दी जानी चाहिए।
जब जवाई बांध का पानी नदी में छोड़े जाने के विषय को लेकर जालोर जिले के किसान धरने पर बैठे हुए थे तब आपकी सरकार द्वारा यह आश्वासन देकर उन्हें उठाया गया था कि सरकार शीघ्र ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी, जो बांध बनने से प्रभावित हुए क्षेत्र के भू-जल स्तर को बनाए रखने के लिए बांध से नदी में पानी छोड़े जाने के संबंध में नीति-निर्धारण कर सरकार को सुझाव देगी। मेरी जानकारी के अनुसार अभी तक ऐसी कोई समिति गठित नहीं की गई है। कृपया तुरन्त समिति का गठन कर निर्धारित समय सीमा में समिति का प्रतिवेदन सरकार को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करे।
:- बिजली -:
श्रीमान द्वारा मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के पश्चात विधानसभा में अपने भाषण में कहा गय था कि राजस्थान में बिजली उत्पादन पर्याप्त से अधिक मात्रा में हो रहा है। पर्याप्त बिजली उपलब्ध होने के बाद भी पिछले लगभग डेढ वर्ष से राजस्थान के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों व घरेलू उपभोक्ताओं को भारी बिजली कटौति का सामना करना पड रहा है। सरकार आत्ममंथन करे कि ऐसा क्यों हुआ और यह सुनिश्ति करे कि भविष्य में फिर ऐसा नहीं होगा ।
आपने किसानों को वचन दिया था कि रबी के सीजन में उन्हें रात की पारी में बिजली नहीं दी जायेगी। अधिकांश गांवों में पहले से ही व्यवस्था लागू थी। शेष गांवों में लागू करने के संबंध में आपने आश्वस्त किया था। रबी 2021 में जालोर विधानसभा क्षेत्र के मात्र 19 गांव ऐसे बचे थे जिनकों रात्रि की पारी में बिजली दी जा रही थी। लेकिन रबी 2022 में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बनी की शत-प्रतिशत गांवों में अनिवार्यरूप से एक पारी दिन में एवं एक पारी रात में ऐसी बिजली उपलब्ध करवाई गई। सरकार इस स्थिति पर भी मंथन करे और भविष्य में किसी किसान को बर्फीली रात में सिंचाई के लिए खेत में नहीं जाना पडे ऐसा सुनिश्चित करे ।
- किसानों को जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने के लिए सरकार ने तीन दिन (72 घंटे) की समय सीमा निर्धारित कर रखी है। मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि रबी 2022 के सीजन में इस विषय में किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने में पिछली सीजन में 45 से लेकर 60 दिन का समय लगा जो कि अब तक के इतिहास का सर्वाधिक समय था । जालोर जिले के किसान आप से आशा करते है कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति आगामी रबी की सीजन में नहीं होगी।
• - बेमौसम वर्षा, औलावृष्टि, हिमपात इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं से खेत में खडी फसलों का मुआवजा देने के लिए राजस्व विभाग द्वारा आंकलन करवाया जाता है। विगत वर्षो में अक्सर यह देखने में आया है कि पटवारीगण 30 प्रतिशत के लगभग का ही नुकसान बताते है। जिसके कारण किसान मुआवजा पाने से वंचित रह जाता है। इस किसान विरोधी दूषित मानसिकता पर व्यवहारिक तौर पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। यह सावधानी फसल बीमा के आकलन करते समय भी अपेक्षित है।
• रबी 2021 एवं 2022 से पूर्व जालोर जिले में यह देखने में आया है कि सरकारी एवं सहकारी एजेसियों द्वारा उन्नत किस्म के बीज एवं उर्वरक बुवाई से पहले मिलने की बजाय बुवाई का समय निकलने के काफी बाद में उपलब्ध करवाएं जाते हैं। जिसके कारण किसानों को बहुत परेशान होना पड रहा है। आशा करता हूँ कि आगामी सीजन में प्रदेश सरकार इस विषय में समय से पूर्व उचित प्रबन्धन कर लेगी।
- ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों को दिए गए फसली ऋण की माफी के दौरान राजस्थान की अनेक सहकारी समितियों में गबन एवं अनियमितता होना पाया गया है। जिसमें मेरे विधानसभा क्षेत्र की ग्राम सेवा सहकारी समिति, बालवाडा के अतिरिक्त जिले की कुछ अन्य सहकारी समितियां भी शामिल हैं।इसका नुकसान उन किसानों को भुगतना पडा है जिसके ऋण माफी होने के लायक होते हुए भी अभी तक ऋण माफ नहीं हुए है। उन पर अंतिम निर्णय होना अभी तक शेष है। इस परिस्थिति में उन्हें नया ऋण भी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। जालोर जिले में ऐसे पीडित किसानों की संख्या लगभग 2000 से अधिक है। विभिन्न स्तर से अनेक प्रकार की जाँचें होने के बाद भी न तो आरोपियों को दण्ड मिला है, न ही पीडितों को राहत मिली। इस विषय को मेरे द्वारा विधानसभा में भी अनेक बार उठाया गया है। सहकारिता मंत्री एवं आपकों भी अनेक बार पत्र लिखे गए है। फिर भी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं होना अत्यन्त दुःखद है।
माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान द्वारा भी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है कि सहकारी समितियों द्वारा कारित घोटालों एवं अनियमितताओं की जॉच (SOG) स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप द्वारा करवाई जानी चाहिए। किन्तु राज्य सरकार द्वारा अभी तक ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
:- पशु चिकित्सा -:
• - लम्पी वायरस महामारी के दौरान आपने घोषणा की थी कि पशु चिकित्सालों में जितने भी पद रिक्त है सारे तुरंत भरे जायेंगे। किन्तु दुर्भाग्य से जालोर जिले के पशु पालन विभाग में 80 प्रतिशत से भी अधिक पद अभी तक रिक्त है। जिसके कारण पशुपालकों को बहुत परेशान होना पड रहा है एवं अनेक पशु असमय मृत्यु का ग्रास बन जाते है।
:- पेयजल -:
• जालोर जिले की शत-प्रतिशत आबादी को नर्मदा नहर परियोजना से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाना 2008 से ही सुनिश्चित है। इसके तहत FR प्रोजेक्ट से बागोडा, सायला, जालोर एवं आहोर तहसीलों के 281 गांव एवं जालोर नगर परिषद और आहोर नगरपालिका को जलापूर्ति होती है। अक्सर यह देखा गया है कि इस परियोजना में प्रतिव्यक्ति निर्धारित मात्रा से भी बहुत कम मात्रा में पानी उपलब्ध हो रहा है। एक तरफ सिस्टम में समय-समय पर आने वाली खराबी उसके लिए जिम्मेदार है। तो दूसरी तरफ पानी माफियां द्वारा शुद्ध पेयजल की चोरी एक बड़ा कारण है। अत्यन्त दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि जलदाय विभाग सहित सम्पूर्ण प्रशासन जल-माफियां के सामने लाचार खडा नजर आता हैं एवं आम नागरिक प्यासे रहने के लिए अभिशप्त है।
आशा करता हूँ कि आप इस विषय में कठोर कदम उठाते हुए आमजन को राहत प्रदान करेगे।
• ऐसे ही ER प्रोजेक्ट से भी जालोर आहोर एवं भीनमाल विधानसभा क्षेत्र के गांव लाभाविन्त किए जाने का काम चल तो रहा है, लेकिन बहुत ही धीमी गति है । कृपया कार्य की गति बढाये जाने हेतु आवश्यक उपाय शीघ्र करावे ।
• जल जीवन मिशन परियोजना के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों की गति तो धीमी है ही साथ ही घटिया सामग्री का प्रयोग (विशेषकर पाईपलाईन) कर संसाधनों का दुरुप्रयोग करने की शिकायत बड़े पैमाने पर मिल रही है। आशा है इस कार्य की गति बढ़ाने एवं घोटालों पर अंकुश लगाने हेतु आप प्रभावी कदम उठाएंगे।
:- सीवरेज -:
-जालोर शहर में सीवरेज परियोजना द्वितीय चरण की DPR राज्य सरकार के पास पिछले 4 वर्षों से विचाराधीन पड़ी है। कृपया इसको शीघ्रतिशीघ्र भारत सरकार को प्रेषित करें, ताकि लगभग 147 करोडों रूपयों की लागत वाली यह परियोजना प्रारंभ हो सके।
JALORE NEWS
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