Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा से बुद्ध और वेद व्यास जी का है खास संबंध, जानें महत्व
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Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा से बुद्ध और वेद व्यास जी का है खास संबंध, जानें महत्व
Guru Purnima 2023 : शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु बिना हम भगवान को भी नहीं पा सकते. धर्म ग्रंथों में गुरु की महीमा का बखान कई तरह से किया गया है. गुरु के सम्मान में हर साल आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरु पर्व मनाया जाता है, इसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं. ये गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन होता है क्योंकि गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं.
गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 को है. गुरु के बिना ज्ञान और मोक्ष दोनों ही प्राप्त करना असंभव है. ये तो सभी जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था लेकिन गुरु पूर्णिमा से बुद्ध का भी खास संबंध है. आइए जानते हैं.
Guru Purnima 2023 Date: शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु बिना हम भगवान को भी नहीं पा सकते. धर्म ग्रंथों में गुरु की महीमा का बखान कई तरह से किया गया है. गुरु के सम्मान में हर साल आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरु पर्व मनाया जाता है, इसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं. ये गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन होता है क्योंकि गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं.
गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 को है. गुरु के बिना ज्ञान और मोक्ष दोनों ही प्राप्त करना असंभव है. ये तो सभी जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था लेकिन गुरु पूर्णिमा से बुद्ध का भी खास संबंध है. आइए जानते हैं.
गुरु कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा पर्व 2023? (Guru Purnima 2023 Kab Hai)
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 02 जुलाई को रात्रि 08 बजकर 21 मिनट पर होगा और पूर्णिमा तिथि का समापन 03 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। बता दे किस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है, जिसे ज्योतिषशास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है।
गुरु पूर्णिमा से बुद्ध का खास संबंध (Guru Purnima Buddha Connection)
गुरु पूर्णिमा को बौद्धों द्वारा गौतम बुद्ध के सम्मान में भी मनाया जाता है. बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध ने भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के सारनाथ नाम की जगह पर अपना पहला उपदेश दिया था.
हिंदू धर्म के साथ-साथ इन धर्मों में भी है गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व -Along with Hinduism, Guru Purnima has special significance in these religions as well.
सनातन धर्म में जिस तरह आदि गुरु शंकराचार्य, श्री रामानुजाचार्य और श्री माधवाचार्य जी को जगद्गुरु गुरु का स्थान प्राप्त है और गुरु पूर्णिमा के दिन उनका आशीर्वाद लिया जाता है। ठीक उसी प्रकार बौद्ध और जैन धर्म में भी गुरु पूर्णिमा को त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी महात्मा गौतम बुद्ध की उपासना करते हैं और जैन धर्म के उपासक महावीर जी को गुरु के रूप में पूजते हैं।
गुरु का महत्व: Importance of teacher
गुरू के बिना एक शिष्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है। रामायण से लेकर महाभारत तक गुरू का स्थान सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च रहा है। गुरु की महत्ता को देखते हुए ही महान संत कबीरदास जी ने लिखा है- “गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाये, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाये।” यानि एक गुरू का स्थान भगवान से भी कई गुना ज्यादा बड़ा होता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व महार्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वेदव्यास जो ऋषि पराशर के पुत्र थे। शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास को तीनों कालों का ज्ञाता माना जाता है। महार्षि वेद व्यास के नाम के पीछे भी एक कहानी है। माना जाता है कि महार्षि व्यास ने वेदों को अलग-अलग खण्डों में बांटकर उनका नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद रखा। वेदों का इस प्रकार विभाजन करने के कारण ही वह वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए।
कैसे मनाएं गुरु पूर्णिमा: How to celebrate Guru Purnima
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का पूजन किया जाता है। गुरु की हमारे जीवन में महत्व को समझाने के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरुओं को उपहार देते हैं और उनकाआर्शीवाद लेते हैं। जिन लोगों के गुरु अब इस दुनिया में नहीं रहे वे लोग भी गुरुओं की चरण पादुका का पूजन करते हैं। माना जाता है कि इस दिन गुरुओं का आर्शीवाद लेने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शास्त्रों में गुरु को परम पूजनीय माना गया है।
गुरु पूर्णिमा पर शायरी - shayari on guru purnima
1) क्या दूं गुरु-दक्षिणा मन ही मन मैं सोचूं...
चुका न पाऊं ऋण मैं तेरा अगर जीवन भी अपना दे दूं!!
2) जब बंद हो जाए सब रास्ते, नया रास्ता दिखाते हैं गुरू,
सिर्फ़ किताबी ज्ञान ही नहीं, जीवन जीना सिखाते हैं गुरू!!
3) जिसे देता हैं हर व्यक्ति सम्मान, जो करता हैं वीरों का निर्माण,
जो बनाता हैं इंसान को इंसान, ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम
4) माता-पिता ने जन्म दिया पर,
गुरू ने जीवन जीने की कला सिखाई हैं...
ज्ञान, चरित्र और संस्कार की हमने शिक्षा पाई हैं!
5) गुरू के बिना ज्ञान कहां, ज्ञान के बिना मान कहां,
गुरू ने दी शिक्षा जहां, सुख ही सुख हैं वहां!
6) लाख कमाया धन-दौलत, बिन ज्ञान सब सुना,
बिन धन तो जी सकते हैं, ज्ञान बिना क्या जीना,
गुरू ही राह बताते सच्ची, गुरू ज्ञान का दिप,
शिक्षा पाकर बने होशियार, पाई सच्ची सीख!
7) तुमने सिखाया उंगली पकड़ कर हमें चलना,
तुमने बताया कैसे गिरने के बाद संभलना,
तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे इस मुक़ाम पे,
गुरु पूर्णिमा के दिन करते हैं आभार सलाम से।
8) गुरु आपके उपकार का कैसे चुकाऊं मोल...
लाख कीमती धन भला, गुरु हैं मेरे अनमोल!!
9) सही क्या है गलत क्या है ये सबक पढ़ाते है आप,
झूठ क्या है और सच क्या है ये बात समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी हमको,
तब राहों को सरल बनाते है आप!!
10) जीने की कला सिखाते शिक्षक, ज्ञान की कीमत बताते शिक्षक,
पुस्तकों के होने से कुछ नहीं होता, अगर मेहनत से नहीं पढ़ाते शिक्षक!!
11) "पानी" के बिना "नदी" बेकार है, "अतिथि" के बिना "आँगन" बेकार है, "प्रेम" ना हो तो "सगे-संबंधी" बेकार है, और जीवन में "गुरु" ना हो तो "जीवन" बेकार है।
12) शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञानता का मिटाया अंधकार,
गुरु ने सिखाया हमें, नफरत पर विजय हैं प्यार!!
13) हमारी कमियों को जो बताता हैं वो गुरू हैं, हमें इंसानियत जो सिखाता हैं वो गुरु हैं!
14) गूरू को पारस मान कर शिष्य करे नित वंदन,
खरा सोना बन जाए वो, ज्ञान से महके तन-मन!
15) दिया ज्ञान का भण्डार हमें, किया भविष्य के लिए तैयार हमें, हैं आभारी उन गुरुओं के हम, जो किया कृतज्ञ अपार हमें!!
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