When did Sindal Rathore have the right on Sojat? सोजत पर सिंधल राठौड़ का अधिकार कब किया
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When did Sindal Rathore have the right on Sojat? सोजत पर सिंधल राठौड़ का अधिकार कब हुआ
सोजत ( 13 जुलाई 2023 ) When did Sindal Rathore have the right on Sojat आबू और अजमेर के बीच किराड़ू लोद्रवा के पुंगल राज के दौरान पंवारों का यहां पर भी राज था तथा राजा त्रंबसेन त्रववसेन सोजत पर राज करता था तब इस नगरी का नाम त्रंबावती नगरी हुआ ।
राजा त्रवणसेन के सोजत सेजल नाम की एक 8-10 वर्षीय पुत्री थी जो देवताओं की कला को प्राप्त कर शक्ति का अवतार हुई। यह बालिका रात को पोल का द्वार बंद होने के बाद देवी की भाखरी पर चौसठ जोगणी के पास खेलने जाती।राजा को शक होने पर उसने अपने प्रधान सेनापति बान्धर हुल को उसका पीछा करने का निर्देश दिया।
एक दिन सेजल के रात्रि में बाहर निकलने पर बांधर उसके पीछे भाखरी तक गया तब जोगणी ने कहा आज तो तूं अकेली नहीं आई है। तब सेजल ने नीचे जाकर देखा तो उसे सेनापति नजर आया। सेजल ने कुपीत होकर उसे शाप देना चाहा तब वह उसके चरणों में गिर गया तथा बताया कि वह तो उनके पिताजी के आदेश से आया है। इस पर उसने बांधर को आशीर्वाद दिया तथा अपने पिता को शाप दिया। बालिका ने बांधर से कहा कि आज से राजा का राज तुझे दिया। तू इस गांव का नाम मेरे नाम सोजत पर रखकर अमुक स्थान पर मेरी स्थापना करके पूजा करना। इतना कहकर वह देवस्वरुप बालिका जोगणी के साथ उड़ गई। राजा को जब यह बात पता चली तो दुखी होकर उसने अपने प्राण त्याग दिए।
इसी बांधर हुल ने सेजल माता का मंदिर एवं भाखरी के नीचे चबूतरा तथा पावता जाव के पीछे बाघेलाव तालाब खुदवाया। इसके बाद सोजत पर कई वर्षों तक हुलों का राज रहा जिसमें हरिसिंह हुल हरिया हुल नाम से प्रसिद्ध राजा हुआ।
इसके बाद में मेवाड़ के राणा ने इसे सोनगरा एवं सिंधल राठौड़ को दे दिया।सोनगरा राजा रावल कानड़ दे का राज भी सोजत पर रहा। फिर राणा ने राव रिडमल को मंडोर के साथ सोजत दे दिया। यहां पर नाहड राव पंवार मधो लहर की वेढ़ के बाद सोलंकी राजा भींवदे, फिर सिंधलों का राज रहा।सोजत के किले में सिंधल खुमसिंह धीरसिंगोत,सिंधल बिसनसिह जोगसिंगोत आसामीदार नियुक्त थे।
हुकुमत की बही अनुसार जैसलमेर के भाटी पर चढ़ाई करने के लिए जोधपुर दरबार ने पोकरण में सेनाये इकठ्ठी की जिसमें सोजत परगने के सिंधल सगराम शामिल थे।
सं१४८४ मे राव रिडमल ने सिंधल नाढा(सिंधल नाडोल) व सिंधल चरडा मंडल पर सोजत से शासन हस्तगत किया।म.अजितसिंह एवं अन्य राठौड़ के पक्ष में रहकर सोजत में सं१७६९ में सिंधल दला भदावत ने हाकम सरदार खां के विरुद्ध युद्ध लडा।
सोजत किले के एक पोल है जो राव निंबा जोधावत द्वारा बनवाई है। निंबा जोधावत सोजत की जोड़ में शिकार खेल रहा था तभी रायपुर का सिंधल जैसा से युद्ध हुआ। सिंधलजैसा और निम्बा जोधवत से लड़ाई हुई जिसमे निम्बा तीर लगने पर घायल हुए थे और सिंधल जैसा लड़ाई में काम आ गए कुछ दिनों बाद निम्बा भी काम आये।
सिंधल रायपाल ( रायपालोत खाप) रायपुर शासक का भाई सिंधल हरभम को रायपाल ने सोजत का रक्षक बनाया।
राव जोधा ने सोजत पर सेना लेकर सोजत लुटा,सिंधलो के रायपुर के गांव लुटे।राव जोधा रायपुर पर आक्रमण करने का कारण सिंधल जैसा व सिंधल हरभम था
राव रिडमल की मौत का बदला लेने के लिए राव जोधा ने मेवाड़ के चितौड़ पर फौज सं १४१२ को भेजी ।राणा कुम्भा ने राव जोधा से संधि की जो आवला-बावला क्षेत्र की संधि कहलाई।
आंवला क्षेत्र राणा कुम्भा का व बावला क्षेत्र राव जोधा का था। उधर नागौर के शासक सुरताण व सेनापति दौलत खान ने सोजत पर आक्रमण किया इस सेना का मुख्यालय सिंधल रायपाल तहत रायपुर में था । दौलत खान ने अचानक सोजत पर आक्रमण कर दिया घमासान युद्ध हुआ जिसमें सिंधल देवराज नगराज काम आए। सिंधल जैसा अपने भतीजे सिंधल देवराज व नगराज की मौत का बदला लेने के लिए सिंधल हरभम को सेना सहित दौलत खान पर आक्रमण के लिए भेजा। इसमें कई मुसलमान मारे गए ।सिंधल हरभम का सोजत पर अधिकार हो गया।सिंधल नगराज लिलाम्बा गांव में जुझार हुए। जहां इनकी छत्री है।
- दोहा-
अठि तैस असवार चढ़े भड सवाई ।
लिया धड़ाका झूडोद चाहूं दिस करें दुहाई।।
रायपाल खंगार हरभोम जैसा जी देवराज तेजल भाटी।
अभो रायपाल जसु सिध खियो खंगधारी।।
।।सोरठा।।
घणा किधा घमासान भौम वृतादी भाजीया।
तद् नागौर सुरतान सिंधलो पर आवीया।।
।।दोहा।।
अजमेरी। घर उलटे भूल पड़े नागौर।
जब सिंधल घोड़े चढ़े बंका नर पादौर।!
।।दोहा।।
शाही जैतारण माचिया, रायपुर ने बगड़ी।
सोजत चौकी जमा, अमत्य कियो चहु ओर।
जबर हवेली जैतारण, रायपुर नगर दबाएं।
कब्जे सिंधले कर लियो, राणा रि फौज बुलाये।
सिंधल हरभम का वंशक्रम इस प्रकार है-राव सिंधल- चाहड- काकुल - उदय (जैतारण में राज्य साथ में सोजत का प्रबंध)-
आसल -नैणा(सिवानागढ़ में जुझार हुए)- करण -वीरा-सिंधल हरभम(हरभोम-सोजत पर राज्य)
सिंधल हरभम के भाई १ रायपाल(रायपुर पर राज्य)-
२ सिगण ३ जैसाजी(पाली पर राज्य) थे।
सिंधल रायपाल के पुत्र १खंगार २देवराज३ नगराज ४भाखरसिह५हरराज
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