JALORE NEWS अरिहंत सिद्ध सूरी विरल विभूति -जैनाचार्य
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JALORE NEWS अरिहंत सिद्ध सूरी विरल विभूति -जैनाचार्य
जालोर ( 17 अगस्त 2023 ) JALORE NEWS नंदीश्वर जैन तीर्थ में भंडारी परिवार की ओर से आयोजित आध्यात्मिक चातुर्मास के तहत गुरुवार को आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य हार्दिक रत्न सुरीश्वर जी महाराज ने कहा कि हमें गुण ग्राही बनना चाहिए।
चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी ने बताया कि आचार्य श्री अरिहंत सिद्ध सुरिश्वर जी महाराज साहब के गुरु गुणानुवाद प्रवचन गंगा का गुरुवार को आगाज हुआ। आचार्य श्री ने कहा कि हमें हमेशा गुण ग्राही बनना चाहिए। किसी व्यक्ति के अच्छे कार्यों की प्रशंसा एवं सराहना करना मानव का स्वभाव है। पूर्व में जिन लोगों ने सुकृत एवं ऐतिहासिक कार्य किए हमें उनकी अनुमोदना करनी चाहिए।
आचार्य श्री के साथ अपने संस्मरण सुनाते हुए प्रवर्तक मुनिराज श्री रत्न यश विजय जी महाराज साहब ने आचार्य अरिहंत सिद्ध सुरिश्वर जी को एक महान व्यक्तित्व का स्वामी बताया। वे अपने शिष्यों के प्रति अत्यंत उदार थे। उन्होंने हजारों लोगों को परमात्मा के मार्ग से जोड़ा। बिना किसी भेदभाव के आचार्य श्री सबके साथ मधुर व्यवहार करते थे। हजारों किलोमीटर का उग्र विहार किया।कई जैनेत्तर लोगों को जैन धर्म की दीक्षा दी।राज शाह ने आचार्य श्री के गुणों का बखान करते हुए कहा की एक युग बीतता है तब ऐसे महापुरुष धरती पर अवतरित होता है। ऐसे महापुरुषों का जन्म मानवता के हित के लिए ही होता है। मुनि ज्ञान कलश विजय महाराज साहब ने कहा कि आचार्य श्री का संपूर्ण जीवन मानवता के हित चिंतन में बीता। जिन शासन की प्रभावना के अनेक कार्य किये।
जीनल जैन ने कहा कि श्रद्धा एवं विश्वास से कठिन से कठिन कार्य भी सरल हो जाते हैं। हमें श्रद्धा पूर्वक कोई भी ज्ञान अर्जित करना चाहिए।
समारोह के दौरान चातुर्मास की अनुमोदना स्वरूप भंडारी परिवार का भंसाली परिवार की ओर से अभिनंदन किया गया।
क्रोध का परिणाम पश्चाताप: ज्ञान रत्न
गणिवर्य श्री ज्ञान रत्न विजय जी महाराज साहब ने गुरुवार को महात्मा गांधी (अंग्रेजी माध्यम) स्कूल में बाल संवाद कार्यक्रम में बालकों को संबोधित करते हुए सदैव धीर, गंभीर और शांत रहने की प्रेरणा दी। गणिवर्य ने कहा कि शांत और सहज रहना मानव का स्वभाव है। प्रकृति का हर प्राणी अपने मूल स्वभाव में रहता हैं। जब भी कोई प्राणी अपनी मर्यादा छोड़ता है तो विनाश होता है। क्रोध हमेशा गलतफहमी के साथ शुरू होता है और पश्चाताप पर खत्म होता है। इसलिए जब भी गुस्सा आए हम शांत रहें। मौन रहे। गुस्से में कोई गलत कदम नहीं उठाएं। जीवन में सदैव अपने से बड़ों का आदर करना चाहिए। प्रधानाचार्य श्री मनीष कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन तेज सिंह राठौड़ ने किया।
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