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सिरे मंदिर का इतिहास और वास्तुकला: - History and Architecture of Sirey Temple
JALORE NEWS जालोर का सबसे प्राचीन और बडा़ मंदिर नाथ सम्प्रदाय का गढ़ सिरे मंदिर
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जालोर में सिरे मंदिर - Sire Temple in Jalore
सिरे मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है (जलेंद्र नाथ के रूप में)। जालोर किले के पास कालाशकल पहाड़ियों पर स्थित , जालोर भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है । पूजा स्थल कलशाकल पहाड़ियों की 646 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। श्री जलन्धर नाथजी महाराज मध्य में विराजमान है, तथा सिद्ध कणेरीपाव और तलिनाथ ( गोगादे राठौड़ ) चँवर ढुलां रहे है, यह मूर्ति वि.स.1860 में महाराजा मानसिंह जी ने बनवाई थी ।
पास ही श्री गोरक्ष नाथजी महाराज की मूर्ति है इसकी स्थापना वि.स.2050 में श्री श्री 1008 श्री शान्तिनाथजी महाराज ने करवाई थी, इसके ठीक सामने ही पार्वती जी एवम् गणेश जी की मूर्तियां है, रिद्धि सिद्धि दोनों ओर खड़ी मुद्रा में चँवर ढुला रही है तथा चरणों में महाराज मानसिंह जी आराधनालीन दिखलाये गए है ।
और मन्दिर के गर्भ-गृह में अखण्ड ज्योति प्रज्वलित है, मन्दिर-शिखर काफी ऊँचा है, जो स्वर्ण- कलश तथा ध्वज-दंड से सुशोभित है ।
इस शिवालय पर छोटे-बड़े कुल 81 कलश है, यह कलश-समूह कलशाचल स्थित इस रत्नेश्वर महादेवालय को सुन्दर छवि से समलनकर्त करता है ।
श्री राव रतनसिंह द्वारा निर्मित इस रतनेश्वर महादेव मन्दिर का नवीनीकरण श्री जलन्धर नाथजी पीठ सिरेमंदिर के पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री शान्तिनाथजी महाराज ने विक्रम सवंत 2053 को करवाया था ।सिरे मंदिर राजा रतन सिंह द्वारा निर्मित भगवान शंकर का घर है जिसे रत्नेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है और यह अपनी विशालता के लिए जाना जाता है। [ उद्धरण वांछित ] शिवलिंग एक गोलाकार गुफा में स्थापित है।
इसका मुख्य कारण यहाँ है कि
ऋषि जाबालि की पवित्र नाली होने के कारण कई संत यहां आए और ध्यान किया। पांडवों ने अपना कुछ समय यहां पर बिताया और राजा भ्रुथरी के पथप्रदर्शक सुनाथ और उनके शिष्यों ने इसे अपना घर बना लिया। यहां शिव और शक्ति के कई मंदिर मौजूद हैं, जिनमें से सिरे मंदिर मंदिर अपने प्राकृतिक वातावरण, आस्था और तपस्या के लिए प्रसिद्ध है। यहां एक झालारा, एक बड़ा मानसरोवर, नॉन स्टॉप 'धून्ना', भोजन कक्ष, राजा मानसिंह का महल , दो उद्यान और विभिन्न स्थानों पर विश्राम स्थल हैं।
सिरे मंदिर का स्थान: - Sire Temple Location
यह मंदिर राजस्थान के जालौर जिले के जालौर शहर से 3 किलोमीटर पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 646 मीटर ऊपर कालाशाचल पर्वत पर स्थित है ।
यहाँ से होकर गुजरता है रास्ते - road passes through
जालोर के पश्चिम में कलशचल सिरे मंदिर 646 मीटर ऊंचे पर स्थित है। होटल गीतको के सामने वाली सड़क सीधे कलशाचल पर्वत की ओर जाती है। शहर से यहाँ केवल 3 किलोमीटर है। हम पहाड़ पर चढ़ते समय योगिराज जालंधर नाथ जी (एक महान योगी) के पैरों के निशान पाए जाते हैं। यहां एक मंदिर और एक बड़ी जल कुटिया स्थित है। पहाड़ पर चढ़ते समय बीच में भगवान हनुमान और भगवान गणेश का मंदिर है।
भगवान शिव को समर्पित रत्नेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाने वाला एक मंदिर भी यहाँ स्थित है। इसे राजा रतन सिंह ने बनवाया था और इसकी एक गोलाकार गुफा में शिव लिंग की एक मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर के सामने सीमेंट और पत्थर से बना एक बड़ा हाथी स्थित है। और एक बड़ा जल कुटिया के पास में वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बना हुआ है। जिससे यहाँ पर वाहन पार्किंग कर सकते हैं।
पहाड़ की घाटी से मंदिर तक केवल तीन किमी (1.9 मील) की चढ़ाई है जहाँ सुरक्षित चढ़ाई के लिए सीढ़ियाँ बनाई गई हैं। बीच में हनुमान और भगवान गणेश का मंदिर बना हुआ है।
सिरे मंदिर का इतिहास और वास्तुकला: - History and Architecture of Sirey Temple
इस स्थान पर महान ऋषि महर्षि जाबालि ध्यान करते थे और कई संत यहाँ आये और ध्यान किया। महाभारत काल में पांडवों ने यहां कुछ समय बिताया था। योगी सुअनाथ और उनके शिष्यों ने भी इसे अपना घर बनाया। यह देवनाथ, भवानीनाथ, भैरूनाथ, फूलनाथ, केसरनाथ और भोलेनाथ की पवित्र नाली भी है। ऐसा कहा जाता है कि जोधपुर के महाराजा मान सिंह ने अपना राज्य वापस पाने के लिए यहां प्रार्थना की थी।
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