JALORE NEWS इस जन्म के पाप कर्म अगले जन्म में भुगतने पडते हैं- आचार्य
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JALORE NEWS इस जन्म के पाप कर्म अगले जन्म में भुगतने पडते हैं- आचार्य
जालौर ( 2 सितम्बर 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदीश्वर द्वीप जैन तीर्थ में चल रहे आध्यात्मिक चातुर्मास के तहत शनिवार को धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री हार्दिक रत्न सुरिश्वर जी महाराज साहब ने कहा कि हमें पाप कर्म नहीं बांधने चाहिए। ये जन्मों जन्मों तक पीछा नहीं छोड़ते।
आध्यात्मिक चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी ने बताया कि आचार्य श्री ने कहा कि इस जन्म में किए गए पाप कर्मों का फल हमें अगले जन्मों में अवश्य भुगतना पड़ता है। यदि हम इस जन्म में पाप कर्म बांधते हैं तो यह पाप -कर्म छुटते नहीं है। ये कर्म हमें अगले जन्म में सताते रहते हैं। इसलिए हमें इस जीवन में दया और करुणा विचारनी चाहिए। सभी जीवों के प्रति समभाव रखना चाहिए। हमारी वजह से किसी भी जीव की हिंसा नहीं होनी चाहिए।उपस्थित महिलाओं से गुरुदेव ने अपील करते हुए कहा कि जब भी सुबह रसोई गैस का चूल्हा जलाएं सबसे पहले उसे अच्छी तरह से पोंछे ताकि उसमें कोई जीव ना रह जाए। इस प्रकार हम अपने दैनिक जीवन में छोटी-छोटी जयणा करते हुए जीव दया कर सकते हैं। जीवो के प्रति दया का भाव हमें मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर करता है। प्रभु महावीर को करुणा का सागर कहा जाता है। उन्होंने विश्व के समस्त जीवों को करुणा और दया अपने मन में धारण करने की शिक्षा दी। इसलिए इतनी सदियों के बाद भी प्रभु महावीर की उपदेश विश्व में सर्वमान्य और प्रासंगिक है।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री ज्ञान कलश विजय जी महाराज साहब ने कहा कि हमें अपने जीवन में तीन व्यक्तियों का उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए। एक जिनेश्वर परमात्मा,दूसरे सद्गुरु और तीसरे वह व्यक्ति जिसने कठिन समय में हमारी मदद की हो। जिस व्यक्ति ने हमारी उस समय मदद की हो जब हमारे पास कुछ नहीं था। ऐसे व्यक्ति का उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए। अक्सर दुनिया में होता यह है कि जब व्यक्ति के पास पैसा नहीं होता तो वह सबसे धुल मिल कर रहता है। ज्यों ही उसके पास थोड़ी बहुत संपत्ति आ जाती है वह सबसे कट जाता है। हमें सुख और दुख में सम भाव से रहना चाहिए।
चिंतामणि तप शुरू:
आध्यात्मिक चातुर्मास के तहत शनिवार को उपवास के साथ ही छह दिवसीय श्री चिंतामणि तप शुरू हुआ। 6 दिवसीय इस तप के निमित्त श्रावक -श्राविकाएं बड़ी संख्या में तप आराधना कर रहे हैं।
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