JALORE NEWS गणधर गौतम स्वामी विनय की प्रतिमूर्ति: गणिवर्य ज्ञान रत्न
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JALORE NEWS गणधर गौतम स्वामी विनय की प्रतिमूर्ति: गणिवर्य ज्ञान रत्न
जालोर ( 28 अक्टूबर 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदीश्वर द्वीप जैन तीर्थ में भंडारी परिवार की ओर से चल रहे आध्यात्मिक चातुर्मास के दौरान शनिवार को धर्म सभा को संबोधित करते हुए गणिवर्य
ज्ञान रत्न विजय जी ने गंधार गौतम स्वामी जी को विनय और सरलता की प्रतिमूर्ति बताया।
जिला कलेक्टर ने आचार्य भक्वत से आर्शिवाद लिया |
आध्यात्मिक चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी के मुताबिक ने गणिवर्य ने कहा कि गंणधर श्री गौतम स्वामी जी के पचास हजार शिष्य थे।वे सभी केवली थे। इतने प्रभावक गणधर होते हुए भी वे सरलता और सरलता के प्रतिमूर्ति थे। वे स्वयं अपने शिष्यों के लिए गोचरी लेने जाते थे। इस पूरे पंचम आरे में गौतम स्वामी जैसे शिष्य और उन जैसे गुरु देखने को नहीं मिलते। उनके पास दीक्षा लेने वाले शिष्य को पहले ही दिन गोचरी (भोजन)में खीर जैसा परम अन्न मिलता। और शाम तक केवल ज्ञान प्राप्त हो जाता। इस काल में उनका प्रभाव सर्वाधिक है। वे अनंत लब्धि के स्वामी माने जाते हैं।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री आनंद मंगल विजय जी ने कहा कि प्रभु महावीर स्वामी जी ने साढ़े बारह वर्ष तक घोर तप किया। इस घोर तप को करने के पीछे प्रभु महावीर का हेतु यह था कि आने वाली पीढ़ियां तप के महत्व को समझें। वे तप की अहमियत को जान सके। प्रथम गणधर गौतम स्वामी जी ने भी तप किया उन्हें मालूम था कि उन्हें इसी भव में मोक्ष मिलने वाला है ।वे चार ज्ञान के स्वामी थे ।फिर भी उन्होंने तपश्चार्य की। प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान ने चार सौ दिन तक चौविहार उपवास किया। तप के माध्यम से ही कर्मों का क्षय संभव है। तब हमारे जीवन में नया निखार लाता है। तप से हमारी आत्मा पावन और उज्जवल होती है।
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