शरद पूर्णिमा को क्षीरपान पर ग्रहण की छाया, क्षीरपान संभव नहीं : सामवेदी BHINMAL NEWS
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शरद पूर्णिमा को क्षीरपान पर ग्रहण की छाया, क्षीरपान संभव नहीं : सामवेदी BHINMAL NEWS
पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 26 अक्टूबर 2023 ) BHINMAL NEWS आश्विन शुक्ला 15, शनिवार 28-29 अक्टूम्बर को अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि पर होने वाला खंडग्रास चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण स्पर्श 28 अक्टूबर को रात्रि 11.31.44 पर होगा । ग्रहण मोक्ष 29 अक्टूबर को तड़के 03.56.19 पर होगा। इस दौरान क्षीरपान करना संभव नहीं होगा।
श्रीदर्शन पंचांग के प्रकाशक सामवेदी वैभव प्रवीण त्रिवेदी ने बताया कि यह ग्रहण भारत, ऑस्टेलिया, एशिया, पू, अमेरिका, यूरोप, अफ्रिका, बेल्जियम, थाईलैण्ड, पोर्टुगल, हंगेरी, इजिप्ट, तुर्की, इण्डोनेशिया, ग्रीस, इटाली, स्पेन, इंग्लैण्ड, म्यानमार, नाईजिरिया, जापान व चीन आदि देशों में दिखाई देगा। इस ग्रहण का ग्रासमान 0.122 और सम्पूर्ण ग्रहण 04 घंटा 25 मिनट रहेगा। जबकि खंडग्रास काल 1 घण्टा 17 मिनट रहेगा।
सामवेदी ने बताया कि ग्रहण स्पर्श से ग्रहण मोक्ष तक पुण्यकाल है। ग्रहण का वेध 28 अक्टूबर को दोपहर 02.31 से गहण मोक्ष तक रहेगा। वृश्चिक, कुंभ, मिथुन व कर्क राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। सिंह, तुला, धन व मीन राशि वालोें के लिए मिश्रित एवं मेष, मकर, कन्या, वृषभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि ग्रहण पुण्य काल से पूर्व स्नान करें । ग्रहण मध्य में देवपूजन, तर्पण, श्राद्ध, जाप, हवन करें और ग्रहण छूटने पर दान करें। शुद्धबिंब होने के बाद स्नान करें। जननाशौच या मृतात्माशौच में ग्रहण हो तो ग्रहण संबंधी स्नान, दान इत्यादि कृत्यों को करने में शुद्धि है।
त्रिवेदीन ने बताया कि चंद्र ग्रहण काल में चंद्रमा की किरणें दूषित हो जाती है । ऐसे में गर्भवती स्त्रियों को इस दिन भूलकर भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और चंद्रमा को भी नहीं देखे ।इसका दुष्प्रभाव मां के साथ बच्चे पर भी पड़ता है । इस दौरान विष्णु सहस्रनाम, आदित्य हृदय स्तोत्र, पंचाक्षरी मंत्र आदि का जाप करना चाहिए
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