JALORE NEWS यह सारा संसार पाप और पुण्य का प्रतिफल-आचार्य हार्दिक रत्न
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JALORE NEWS यह सारा संसार पाप और पुण्य का प्रतिफल-आचार्य हार्दिक रत्न
जालोर ( 23 अक्टूबर 2023 ) JALORE NEWS श्री नंदिश्वर द्वीप जैन तीर्थ में भंडारी परिवार की ओर से आयोजित आध्यात्मिक चातुर्मास के तहत सोमवार को धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री हार्दिक रत्न सुरीश्वर जी ने कहा कि इस संसार में हमें जो कुछ मिला है। सब पुण्य का प्रभाव है। इसलिए हमें पुण्याई का अर्जन करना चाहिए।
चातुर्मास के मीडिया संयोजक हीराचंद भंडारी के मुताबिक आचार्य श्री ने कहा कि पुण्य का हमारे जीवन में बड़ा महत्व होता है। पुण्य से ही हमें अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों हासिल होती है। शाश्वत नव पद जी ओली जी के चौथे दिवस श्रीपाल -मंयणा सुन्दरी कथा को सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि मंयणा के पिता ने अपनी बेटी के लिए ऐसा वर चुनाव जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। फिर भी मंयणा का विश्वास पुण्य पर दृढ़ था। यह सारा जीवन हमारे पाप और पुण्य का प्रतिफल हुआ करता है। इसलिए हमें सबके कल्याण की कामना करनी चाहिए। पुण्य का अर्जन करना चाहिए।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज श्री आनंद मंगल विजय जी ने कहा कि शाश्वत नवपदजी के चौथे दिवस उपाध्याय प्रवर की आराधना की जाती है। उपाध्याय प्रवर शासन के लिए रीढ की हड्डी के समान है। उपाध्याय प्रवर का मुख्य कार्य पठन-पाठन का होता है। न सिर्फ जिन शासन में बल्कि पूरे संसार में अध्ययन -अध्यापन का बहुत अधिक महत्व है। आज पूरे विश्व में चारों तरफ ज्ञान -संपदा का बोलबाला है। उपाध्याय प्रवर खुद पढ़ते हैं और साधु- साध्वी जी को इस तरह से तैयार करते हैं कि वे संपूर्ण शासन को संभाल सकें। योग्यता को प्रकट करवाने का कार्य उपाध्याय प्रवर करते हैं। उपाध्याय प्रवर का वर्ण हरा माना गया है।
यह वर्ण सिंचन और हरियाली का प्रतीक माना जाता है। उपाध्याय भगवंत भी संपूर्ण गच्छ को ज्ञान से सिंचित करते हुए पूरी सृष्टि के लिए परोपकार और शुभ मंगलमय कल्याण की कामना करते हैं।
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