राजस्थान: कौन हैं टीकाराम जूली, जिन्हें कांग्रेस ने बनाया नेता प्रतिपक्ष, पढ़ें इनका राजनीतिक सफर - JALORE NEWS
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राजस्थान: कौन हैं टीकाराम जूली, जिन्हें कांग्रेस ने बनाया नेता प्रतिपक्ष, पढ़ें इनका राजनीतिक सफर - JALORE NEWS
जयपुर ( 16 जनवरी 2024 ) JALORE NEWS कांग्रेस हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष का चयन कर दिया है। अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली को विपक्ष का नेता यानी नेता प्रतिपक्ष मनोनीत किया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जूली की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। जूली दलित समाज से आते हैं। वे तीसरी बार विधायक बने हैं। इस बार जूली ने 27333 मतों से जीत हासिल की थी। साथ ही प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी गोविंद सिंह डोटासरा के पास ही रहेगी।
भंवर जितेंद्र ने सुझाया जूली का नाम
नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पिछले कई दिनों से कांग्रेस हाईकमान मंथन कर रहा था। पिछले दनों पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने टीकाराम जूली का नाम आगे किया था। उन्होंने एक दलित नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की पैरवी की। जूली पूर्व सीएम अशोक गहलोत खेमे के नेता हैं। इस नाम पर गहलोत का समर्थन भी मिल चुका है।
27333 वोटों से जीते टीकाराम जूली
टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार जूली 27333 मतों से चुनाव जीते। जूली को 108584 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी जयराम जाटव को 81251 वोट मिले। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी जूली ने भाजपा प्रत्याशी मास्टर रामकिशन को 26477 वोटों से हराया था। गहलोत सरकार में जूली कैबिनेट मंत्री रहे हैं। अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से टीकाराम जूली तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
अलवर ग्रामीण से विधायक हैं टीकाराम जूली
43 वर्षीय टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण से विधायक हैं. वह पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं. टीकाराम जूली का जन्म अलवर के बहरोड़ के पास काठूवास गांव में हुआ था. पहले वह कांग्रेस के अलवर जिला प्रमुख भी रह चुके हैं. टीकाराम जूली श्रम विभाग (स्वतंत्र प्रभार), कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण, सहकारिता और इंदिरा गांधी नहर परियोजना राज्यमंत्री भी रहे हैं. कुछ समय पहले जूली विवादों में आ गए थे. उन पर एक आरओ वाटर सप्लाई करने वाली कंपनी के मालिक ने 30 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था.
जिला परिषद सदस्य से शुरू हुआ राजनैतिक सफर
टीकाराम जूली अलवर जिले के बहरोड विधानसभा क्षेत्र के काठूवास गांव के रहने वाले हैं। यह गांव तीन तरफ से हरियाणा से सटा है। ऐसे में टीकाराम की स्कूली शिक्षा हरियाणा में हुई। जिला परिषद के चुनाव के जरिए जूली ने राजनीति में एंट्री की। जिला परिषद सदस्य बनकर वे अलवर के जिला प्रमुख बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साधारण परिवार में जन्मे टीकाराम जूली मिलनसार व्यवहार के साथ कुशल प्रबंधन के धनी है। पार्टी में लगातार 25 साल तक एक्टिव रहने वाले जूली को अब बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
2018 में भी टीकाराम जूली बने थे विधायक
बात 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की करें तो उस साल अलवर ग्रामीण सीट के कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जुली को 85752 वोट देकर लोगों ने विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था. जबकि भाजपा उम्मीदवार मास्टर रामकिशन को 59275 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 26477 वोटों से चुनाव हार गए थे.
2013 के चुनाव में करना पड़ा था हार का सामना
हालांकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार जयराम जाटव ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 60066 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जुली को 33267 वोट मिल पाए थे, और वह 26799 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.
2008 के चुनाव में भी जूली को मिली थी जीत
जबकि विधानसभा चुनाव 2008 में अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जुली को कुल 35896 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी जगदीश प्रसाद दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 27371 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 8525 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.
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