बड़ी खबर : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है , जाने पुरा मामले
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बड़ी खबर : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है , जाने पुरा मामले
केजरीवाल के खिलाफ मामला
आबकारी नीति मामले में पूछताछ करना चाहती है ईडी
दरअसल, यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया था। मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल को ईडी ने कई बार समन भेजा था लेकिन वह पेश नहीं हुए। इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने मामले में केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से इनकार कर दिया।
पीठ ने संरक्षण के अनुरोध संबंधी केजरीवाल की अर्जी को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर भी उसी दिन (22 अप्रैल को) सुनवाई होगी,।
पीएम को किसी से डर लगता है, तो वो केजरीवाल हैं: सौरभ भारद्वाज
AAP के नेता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि महज दो-ढाई घंटे पहले हाई कोर्ट के पास पूरा का पूरा मामला था। हाई कोर्ट ने ईडी को समय दिया है कि 22 अप्रैल तक वो अपना जवाब दाखिल करके बताएं कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों जरूरी है। अब जिस तरीके से ईडी अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची है, बाहर पुलिस का बड़ा बंदोबस्त है, घर के अंदर जाने की मनाही है, सीएम और उनके सचिव से फोन पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसा लगता है कि ईडी वालों ने उनके फोन भी ले लिए हैं। पूरा का पूरा अंदेशा यही है कि अंदर रेड चल रही है और बहुत जल्द वो अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाले हैं। इससे एक बात साफ हो गई है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी से डर लगता है, तो वो अरविंद केजरीवाल हैं। अगर नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प है, तो वो अरविंद केजरीवाल है। ईडी अरविंद केजरीवाल को तो गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन देश की हर गली, मोहल्ले, गांव, कस्बे में आज केजरीवाल जैसी सोच रखने वाले लाखों लोग है। तो अरविंद केजरीवाल की उस सोच को कैसे गिरफ्तार करेंगे। अंग्रेजों ने भी बहुत सालों तक कई लोगों को गिरफ्तार करके दस-दस साल तक जेल में रखा, लेकिन उनकी सोच को नहीं दबा पाए।
बीजेपी ने आज जो ये परंपरा शुरू की है, ये बहुत गलत परंपरा है कि अपने विरोधियों को आप जेल में डाल दें और आप अकेले चुनाव लड़ें। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। इतनी छोटी सी पार्टी से इतना बड़ा डर। इनका मकसद केवल यही है कि किसी भी तरह से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना है। इनका अत्याचार आज पूरे देश और दुनिया के सामने आ गया है।
कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार किया
दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से गुरुवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने संरक्षण के अनुरोध संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल के आवेदन को 22 अप्रैल को आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर भी उसी दिन (22 अप्रैल) सुनवाई होगी। पीठ ने कहा, ‘हमने दोनों पक्षों को सुना है और हम इस स्तर पर (संरक्षण देने के लिए) इच्छुक नहीं हैं। प्रतिवादी जवाब दाखिल करने के लिए स्वतंत्र है।’ अंतरिम राहत के लिए आवेदन केजरीवाल की उस याचिका का हिस्सा है जिसमें पूछताछ के लिए उन्हें जारी किए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को चुनौती दी गई है।
कोर्ट में क्या दलीलें दी गई?
सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वरिष्ठ वकील ने आज के लिए जारी समन को स्थगित करने का अनुरोध किया। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा, ‘पेश होने का समय समाप्त हो गया है। वह उपस्थित नहीं हो रहे हैं।’ केजरीवाल ने समन को बार-बार अवैध बताते हुए संघीय धनशोधन रोधी एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार किया है। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। मामले में ‘आप’ नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।
समन के बाद भी पेश नहीं हुए केजरीवाल
वहीं अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी के अधिकारी मामले में समन देने के लिए केजरीवाल के आवास पर गए। उन्होंने बताया कि ईडी टीम ने मुख्यमंत्री आवास के कर्मचारियों को यह भी बताया कि उसके पास तलाशी वारंट है। आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल को ईडी ने कई बार समन भेजा था लेकिन वह पेश नहीं हुए।
आबकारी नीति मामले में पूछताछ करना चाहती है ईडी
दरअसल, यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया था। मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।
यहां सवाल पूछे गए
दिल्ली कथित शराब घोटाला मामले में एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. सेशन जज राकेश सयाल ने ईडी की शिकायत पर ACMM की कोर्ट द्वारा जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सीएम अरविंद केजरीवाल को आज (16 मार्च) को एडिशन चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा की कोर्ट में पेश होना होगा. बता दें कि शराब घोटाला मामले में केजरीवाल एक बार सीबीआई की पूछताछ में पेश हो चुके हैं लेकिन ED की पूछताछ में अब तक केजरीवाल पेश नहीं हुए हैं.
इन पांच बिंदुओं पर केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है ईडी
- ईडी कि जांच में सामने आया है की प्रोसीड ऑफ क्राइम के दौरान 338 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी तक पहुंचे. दरअसल मनीष सिसोदिया की बेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने 338 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल अदालत के सामने रखी थी, जिसमें ये साबित हो रहा था कि आबकारी नीति के दौरान शराब माफिया से 338 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी तक पहुंचा. पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल है इसलिए उनसे पूछताछ करना जरूरी है.
- आबकारी घोटाले के आरोपी इंडोस्पिरिट के डायरेक्टर समीर महेंद्रू ने पूछताछ में ईडी को बताया कि अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी विजय नायर ने उसकी मुलाकात फेस टाइम एप के जरिए अरविंद से करवाई थी. जिसमें अरविंद केजरीवाल ने उससे बोला था कि विजय नायर उसका आदमी है और उसे नायर पर भरोसा रखना चाहिए.
- नई आबकारी नीति को लेकर मीटिंग अरविंद केजरीवाल के घर पर भी हुई थी.
- मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सचिव ने पूछताछ के दौरान बताया कि आबकारी नीति में 6% का मार्जिन प्रॉफिट था, जिसे अरविंद केजरीवाल की मंजूरी से ही 12% किया गया था. इसका मतलब है कि आबकारी नीति बनाने में अरविंद केजरीवाल की भी भूमिका थी.
- नई आबकारी नीति को लेकर जो कैबिनेट बैठक हुई थी वह कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई जाती है.
दिल्ली हाईकोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की पीठ ने मामले में केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से इनकार कर दिया। पीठ ने संरक्षण के अनुरोध संबंधी केजरीवाल की अर्जी को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर भी उसी दिन (22 अप्रैल को) सुनवाई होगी।
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