Lok Sabha Elections 2024: विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने ठोकी ताल जाने
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Lok Sabha Elections 2024: विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने ठोकी ताल जाने
बाड़मेर ( 26 मार्च 2024 ) lok sabha election 2024 Ravindra Singh Bhati News: राजस्थान में चूरू लोकसभा सीट के बाद अब पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट चर्चा में है। बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज करने वाले युवा विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। रविन्द्र सिंह भाटी ने मंगलवार को बाड़मेर में सर्व समाज की बैठक में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
लोकसभा चुनावों में मंगलवार को होली के बाद चुनावों की रंगत रोमांच में तब्दील हो गई। कांग्रेस और भाजपा के दो प्रत्याशियों के बीच में शिव से निर्दलीय विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने ताल ठोक दी है। त्रिकोणीय संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार होते ही अब चुनावों को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है। इधर, बाड़मेर की निर्दलीय विधायक डा. प्रियंका चौधरी भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर लौटी है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने जयपुर में भाजपा ज्वाइन कर ली है। जैसलमेर के कांग्रेसी परिवार गोवद्र्धन कल्ला के बेटे हरिवल्लभ कल्ला ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली है।
युवा नेता भाटी के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। भाटी 4 अप्रेल को नामांकन दाखिल करेंगे। बीते विधासनसभा चुनाव में रविन्द्र सिंह भाटी प्रदेश के सबसे चर्चित चेहरा रहे थे। महज 26 साल के रविंद्र सिंह भाटी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा, आरएलपी और बसपा के प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवा दी थी और कांग्रेस के दिग्गज नेता अमीन खान को हरा दिया था।
सर्व समाज की बैठक में उमड़ी भीड़
भाटी का पिछले दिनों एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस बार बढ़िया भचीड़ बुलाएंगे। इस बयान से उनके लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत मिल गया था। सीएम भजनलाल शर्मा ने भी रविंद्र सिंह भाटी से दो बार मुलाकात की थी, लेकिन बात नहीं बनी। रविंद्र सिंह भाटी ने मंगलवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सर्व समाज की बैठक बुलाई। इस बैठक को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। बाड़मेर शहर के गेहूं रोड स्थित आलोक आश्रम में हुई बैठक में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस बैठक में भाटी ने सर्व सहमति से लोकसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार ताल ठोकने का ऐलान किया।
बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर होगी कांटे की टक्कर
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से भाजपा ने दूसरी बार कैलाश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दंगल में उम्मेदाराम बेनीवाल को उतारा है। भाटी के लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने से इस सीट पर भाजपा मुश्किल में पड़ सकती है।
मैने अपना सबकुछ दांव लगा दिया, अब आपकी जि म्मेवारी- रविन्द्र
बाड़मेर के आलोक आश्रम में हुई सर्वसमाजक की बैठक में शिव से निर्दलीय विधायक रविन्द्रङ्क्षसह भाटी ने लोकसभा का चुनाव निर्दलीय लडऩे का ऐलान किया। रविन्द्रसिंह ने कहा कि मैं कुछ नहीं हूं,एक साधारण परिवार से निकलकर युनिवर्सिटी का चुनाव जीता और छात्रों के लिए काम किया। विधानसभा चुनावों में सब लोगों ने मेरे पर विश्वास किया और आशीर्वाद दिया तो एमएलए बना। तीन महीने के इस कार्यकाल में विधानसभा के सदन पर क्षेत्र की बात रखी। बिना किसी भेदभाव के कार्य किया। विधानसभा चुनावों के बाद में लोकसभा चुनाव आए तो पार्टियों ने मेरे को बुलाकर पूछा कि अब क्या निर्णय है? मैने बता दिया कि मेरा फैसला जनता करेगी। मैं जनता के बीच आ गया हूं।अब तक सभी ने यही कहा है कि आप हमारी बात रखने के लिए चुनाव लड़े। क्षेत्र बड़ा है। 2600 बूथ, 21 लाख वोट और अब केवल एक महीना है। यदि सभी साथ देकर कार्य करेंगे तो निर्णय लूंगा। इसके बाद रविन्द्र ने कहा कि मैने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है। अब आपकी जिम्मेदारी है। साथ ही यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों में किसी तरह की विवादित टीका टिप्पणी न करे और अनुशासित चुनाव लड़ेंगे तो ही मैं तैयार हूं। उन्होंने इसके बाद घोषणा की कि मैं 4 अप्रेल को नामांकन दाखिल करूंगा। मेरे जीवन में रिवर्स गैर नहीं है, अब तय कर लिया है तो मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
रविन्द्रसिंह ने आज देसी भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि
सबाऊं पेल तो.., छत्तीस कौम बुजुर्गा, युवा साथियों, हृदय री अनंत गर्मी वर्मी नां ,बारह बजे रविन्द्र ने हिम्मत देण वास्ते, मार्गदर्शन वास्ते आप सब पधार्या, आप सबां रों धन्यवाद, साधुवाद, हैणा चर्चा चलती पड़ी। म्है विचार कर्यो 500-700 छत्तीस कौम रा लोग बुलाहां, म्है मोटो भाल है। बहुत धन्यवाद। कई सारे बातां म्हनै आज केणो है। विधाानसभा में र विन्द्र लड़तो प डयो, संघर्ष करतो पडय़ो, आशीर्वाद म्है माथे रह्यो। जीवन रे हर दौर रे मइना, म्यालो टेंट छोटो पउ्यो, जोश बरकरार जारी राख्यो। रविन्द्र कुण है, किया में आयो, कांकर पूगो, ऐथ क्यां भाषण दे। म्याळो जन्म दूधोड़े में हुओ। मारवाड़ रे युवा म्हने नाम दियो पहचान दियो। जेड़ी होती मदद करता कोई अहसान कोनी कर्यो। युनिवर्सिटी में वकालात करी। चुनावां रा दिन आया। चार भाई आया छत्तीस कौम रा आदमी आया। ऐथ मोटा हाथी लड़ा, अपणी केथ बारी आवे। ऊवे जोधपुर यूनिवर्सिटी चुनाव लडय़ो। निर्दलीय रूप में पहचान मिली। 57 साल में निर्दलीय रे रूप में पहचान मिली। पहचान मारवाड़ री, मजबूत कर्यो भेला खउ़ा रह्या। सरकारां विरोध में रही। जेथ भी लड़ाई लड़ण रो मौको मिल्यो, लडय़ा। तीन साल रे मईने। लाठां हां और मजबूती मां हां। लड़ाई शुरू करी। म्याळे कई सारा भाइयां कह्यों, फिरण लागां रा तो तमाम भाइया री बात ने सुणसे कुण? ऊंआरा रे हक अर अधिकारा, विधानसभा में आयो। म्हारो जन्म हुयो। लाड कोड़ रह्यो। विधानसभा रे मईना घूम्यो, क्षेत्र रे हर तमाम आदमी रो धन्यवाद। ऊए जगा भी पॉलिटिकल पार्टियां रो। पाछो रविन्द्र हेकलो। मजबूती देण रो काम किया ओ आप सब ऐ कर्यो। ऊए साधारण रे परिवार ऊं आवण वाले, लाड दे कोड दे सदर रे मईना पुगायो। सदन रे मइना शुरूआत करी। ऊए छोटे सेशन रे मईना जैथ कैथ मौको मिल्यो, सदन रे पटल माथी राखी। म्है म्हारो धरम निभायो। लारले तीन महिना में दरवाजा बंद कोनी कर्या। एक युवा ने मौको दिनो, निर्दलीय रे रूप में जिम्मेदारी रे माथे खरो उतरणो पडय़ो। तीन महीने में तीन महीना में कई आदमी ने पूछ्यो कोनी जाति कई है धर्म की है। 3 लाख मंइना 80 हजार बोट मिल्या। हेक आदमी बता दया, जकैने कह्यो के तें बोट नी दियो,काम कोनी करां। कोई भी आदमी आयो, ऊएरे वास्ते मदद। ओ म्हारो नैतिक धर्म, जिम्मेदारी। म्हारे इये सीमांत क्षेत्र री बात ने आगे राखों। इये पब्लिक री सेवा रे सारूं काम करतो पडय़ो। लोकसभा चुनाव रो आगाज हुओ। पूरे क्षेत्र रे भाईयों रा फोन आयो। हिम्मत करो, म्है भेळां हां। जाईस, राय लईस। ईये यात्रा रे दौरान हूं अलग-अलग क्षेत्र रे मईंना गयो। हिम्मत करो, म्है भेळा रेसां। ऊंआ म्हनै हेलो कियो, बुलायो। म्याळौ मन जनता तय करहें। जदे वार्ता रा दौर चलता पड़्या। हर क्षेत्र रे भाइयां रो फोन आतो, माटी बैस्या मता, म्है भेला रेसा। विधायक रो पद है, हूं आपरे वास्ते काम करीस। म्है कां पड्या, म्हारी बात राखो। फिरण री जरूरत कोनी फिरसां म्है। 21 लाख बोट। म्है मेहनत करसां। म्है सबां मईना बात करी, विचार कर्यो। इरादो की है, ऊंआरे भेलो बिचार करे, फैसलों करीस। तूफान आवण लागो...आसे। अजां तो हूं आयो हां...अरे बाबा गरीबदास रो आशीर्वाद ले आयो हां। हूं केरे ई खिलाफ कोनी हों। केरेई खिलाफ बयानबाजी कोनी करी। ईये राजनीति रे मंई हां, केरे ही खिलाफ बयानबाजी कोनी करां। ऊओंरी बात मजबूत होणी चईजे। हेकलो आदमी हांं, मेहनत करां पडय़ा। आवण हाळे दौर मंई की करां। आप सबां कनै राय लेण आयो हां।
भाइयों म्है पेली आपने कह्यो, चुनाव बहुत मोटो है। 21 लाख बोट, 2600 पोलिंग बूथ है। महीनेभर रो टेम रह्यो है। पाछा 26 नै, 2600, तैयार हों। म्है कने धनबल कोनी, बाहुबल कोनी, पॉलिटिकल पार्टियां कोनी, स्टार प्रचारक कोनी है। 36 कौम रा लोग है। तैयार हों।
2600 बूथ माथे, रविन्द्र बणै हिम्मत हों। हो तैयार। म्है मईने जित्तो हो सके। भलो करीस भूण्डो कोनी होण द्या। ईये चीज रो भरोसे जरूर दिलावे। जै केनै कंई दे नहीं सकां तो मजबूूती। सबकुछ दांव पर लगा रहा हूं। हाथ ऊंचा कर आशीर्वाद द्यो।
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