जालौर में पहली बार सीतल माता मैला का आयोजन प्रेम रामायण अतुल, सत्य कौशिक द्वारा रामायण कहानियाँ प्रस्तुत किया गया - JALORE NEWS
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जालौर में पहली बार सीतल माता मैला का कार्यक्रम प्रेम रामायण अतुल, सत्य कौशिक द्वारा रामायण कहानियों का प्रस्तुतिकरण - JALORE NEWS
जालोर (31 मार्च 2024) जालोर नगर परिषद द्वारा पहली बार कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां कार्यक्रम आज 31 मार्च 2024 सोमवार को प्रेम रामायण अतुल सत्य कौशिक द्वारा संचालित प्रेम रामायण कहानी प्रस्तुत की गई है। यहां कार्यक्रम जालोर सीतल माता मैला के तहत प्रथम दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया है
अतुल सत्य कौशिक प्रेम रामायण कहानी
संगीत के बारे में, पेंटिंग के बारे में, इस सब के बारे में रहस्य पता ही नहीं, इनमें से किसी भी काल का वर्णन नारी नारी की बात के बिना संभव ही नहीं, यह लाक्षणिक है हमारी माता विरोध की हज में तालियाँ बजाई माता अपनी एक कला के साथ एक मूर्ति के लिए जब तक आप मेरे साथ अंग देश चलेंगे ना अब वह यह सवाल कर रही है कि पीछे असल में यह छिपा हुआ है और अन्य माता-पिता की जगह है वह इस कला को बहुत अच्छी तरह से सीखती है क्या वह खोज रही है कि पीछे उत्तर छिपा हुआ है जैसे कि मंदिर हो आज खाओगे तो नहीं खाओगे ना अब पीछे हो गई धरती ने जी भर के अपने प्यार को श्रृंगी की शांति के नाम से अयोध्या में स्थापित किया माता के पुत्र के लिए, तो हो सकता है कि उनके पुत्र के जन्म के बाद हम शांत और श्रृंगी अवध जा रहे हों। आपकी सासू माता के बेटे नहीं गए, ताकि उनके साले साहब का जन्म हो जाए तो राम जी के लिए 8 साल की नन्ही सी शांति वापस आ गई। मन में विश्वास नहीं था बाबा के दर्शन प्रेम की तलाश थी मगर आज एक अंतर था आज शांत के हाथों में श्रृंगी का हाथ था प्रेम रामायण का पहला अध्याय लिखा जा रहा था शांत वहीं अब अवध आ रही है बाबा से बड़े जा रहे हैं प्रेम रामायण कहीं जा रही है कैसी लगी पहली कहानी अच्छी है
सीता माता को याद करते हैं सीता माता आज मिथिला के घर-घर में यज्ञ हो रहे हैं, यहां गीत गाए जा रहे हैं, सहना बज रही है, क्योंकि आज मिथिला की बेटी स्वयंवर के पास हम पहुंच रहे हैं। जानकी कहे कोई मेरी प्रेमिका ही कहे कोई भूमिका कहे कोई सीता कहे नाम जो भी ले जाए मतलब सब एक ही है आज बेटी का स्वयंवर है और गांव में तो होता भी ऐसा ही है स्वयंवर था वह क्या कर रही है अलग-अलग राजा सीता की छत पर हैं लेकिन जहां पर धनुश हैं वहां न देखें क्योंकि सीता ने कहा है कि ऐसा नहीं करना चाहिए तो यहां देख रहा हूं कि मैं क्या सुझाव देता हूं
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राम सीता की मां की प्रेम कथा में छोटी-छोटी प्रेम कथा पथ रही ऐसी कथा थी राम के छोटे भाई लक्ष्मण और सीता की छोटी बहन की प्रेम कथा इन दोनों का क्या सीन था दोनों एक ही बहुत गुसल वाले थे और दोनों अपने-अपने बड़े थे थे भाई थे और बड़ी बहन का ओवरव्यू रिवाइवल प्राप्त हुआ था और लक्ष्मण के रूप में आपके साथ मेरे भाई को पता है कि आपका नाम क्या है
तो ठीक है मैं ऐतिहासिक हथियार भी नहीं बुलाता तो बिल्कुल ठीक है मैं ऐतिहासिक हथियार भी नहीं बुलाता तो मैं हथियार भी नहीं छोड़ता तो ठीक है मैं ऐतिहासिक हथियार भी नहीं बुलाता तो बिल्कुल ठीक है मैं ऐतिहासिक हथियार भी नहीं बुलाता तो मैं हथियार छोड़ता हूं।
मिला-जुला कुछ ऐसा ही है हंसी मजाक लेकर आता है तो दुल्हन की सहेलियां चचियां मजाक करती हैं
देखिये साँवरे सीता की साखियों की कहानी उनके जंजीवरेरे
साखियों ने कहा कि रामचन्द्र आ गेड़ अवध से संघ तीन मतवाले हैं वो तेरे तो गोरे-गोरे रामचन्द्र जी काले हैं खड़िया मिट्टी उबटन ला दे जो कुछ तुम बोलो फुलकी झलक कर देते हैं बहुत ही देखने वाले हैं सवारी मेरे सांवरिया पर
इस प्रकार हैं प्रभु राम और तारे सीता जी की व्याख्या प्यारे थे राम शांत थे तो ईश्वर और शांति का युद्ध चल रही थी और राम और सीता बहुत प्यारे हो गए थे।
राम के पुनर्मिलन से एक रात पहले राम और सीता के रूप के दर्शन हुए
लगता है तुम कुछ प्लांटम आई थी की
एक और महाविष्णु एक और स्टेक दोनों इस मानव रूपी लीला के लिए कुछ स्टैड की पवित्र धरती पर आए हैं मगर स्टैड में भी महालक्ष्मी की खोज है कि आपकी भी तीन-तीन रानियां शामिल हैं या मैं आइकॉनिक रेह एविक्शन इसे कॉन्फिडेंस का लव छोड़ देता हूं कमेंट का प्रेम और कितनी बार भी लेना चाहिए, इस राम के जीवन में होंगे तीन ही शब्द, तीन ही शब्दों में होंगे इस राम के जीवन का गौरव, एक शब्द और एक ही नारी का सिद्धांत
गौरी पूजन के लिए हमें नृत्य अभ्यास सिखाएं
कल राजतिलक ने अपनी कोई जरूरी बात नहीं बताई कि उन्हें राम सीता, अवध, दिसंबर की रात कई इतिहास बदलने वाले थे और आज इस रात की कहानी हम सभी जानते हैं कि राम को माता के रूप में बहुत प्यार किया जाता है और सबसे ज्यादा प्यार किया जाता है। राम से थे ये रामायण की कहानी राम राम राम राम तो भारत ने कहा भैया शत्रुघ्न नानी के घर नानी के घर कुछ मिल जाएगा यहां कुछ मिलने वाला नहीं है कि आधी रात में जब राम रोने लगे थे बच्चे के रूप में तो माता कौशल्या चुप नहीं हो रही है
कि नहीं तुम गलत कह रही हो भारत से सबसे ज्यादा राम है मेरी सुरक्षा मेरा ध्यान राम दादाजी और जब बहुत कोशिश की गई क्या कहीं नहीं तब ब्रह्मांड में डोलने लगा अगर राम वनवास नहीं हुआ तो रावण का अंत कैसे होगा अगर राम वनवास नहीं हुआ तो जो श्रवण कुमार के माता-पिता ने श्राप दिया था कि पुत्र वियोग में राजा दशशि के प्राण कैसे जाएंगे अगर राम वनवास नहीं गए तो कई जगहों पर जो बातें लिखी हैं कि दशवियोग में उन्होंने क्या-क्या समय वचन दिया था पिता को गया था विष्णु भगवान के साथ संबंध तो राम वनवास कैसे गाये राम राम कैसे बने और जब उपभोक्ता को समझ आया कि मेरी माता में कोई शक्ति नहीं है जो पीछे से कम कर रही है तब राम ने मन में कहा कि जो माता का रही है उसकी हर बात मानूंगा लेकिन इतिहास मेरी मां पर उंगली ना बनी तो जब भी मैं 14 साल बाद आऊंगा तो पहले मां बोलें
• लक्षण का बड़ा भाई श्रीराम के प्रति अतुल्य स्नेह हर कोई जानता है, लेकिन भाई और भाभी की रक्षा में दिन-रात के बिना उनके बदले 14 साल तक उनके पति की नींद का हिस्सा स्वयं वहन करने वाली शाप ही थी। महल में भी वनवास का जीवन। पति के प्रति अटल को प्यार था कि उनका ध्यान बंद नहीं हो, लाइफस्टाइल सब कुछ अंदर सहती रही। यही तो भक्ति का प्रेम है।
एक और महाविष्णु एक और स्टेक दोनों इस मानव रूपी लीला के लिए कुछ स्टैड की पवित्र धरती पर आए हैं मगर स्टैड में भी महालक्ष्मी की खोज है कि आपकी भी तीन-तीन रानियां शामिल हैं या मैं आइकॉनिक रेह एविक्शन इसे कॉन्फिडेंस का लव छोड़ता हूं का प्रेम और कितनी बार भी लेना चाहिए, इस राम के जीवन में होंगे तीन ही शब्द, तीन ही शब्द में होंगे इस राम के जीवन का गौरव, एक शब्द और एक ही नारी का सिद्धांत
ब्राह्मणों के वेस्टन में साज धज कर अपने कक्ष क्षेत्र में तैयारी हो तो पता चला कि लक्ष्मण भी तैयार हो गया था अगर छोड़ दिया तो पूरी तरह से आग लग जाएगी फिर ले चलो तैयार हो गए राम ने सीता को ही देखा था सिर्फ इतना कहा था भी चलोगे तो मैं महलों में राम तुमको वन जाने द दर्शन के साथ महलों में जो रेशम की गुड़िया आ रही है उसके सारे दोस्त आ रहे हैं तुमको वन जाने द दर्शन वह भी अकेले भी कैसे मुझको हँसी आ रही है कहीं भी प्रेम रामायण और जा जालोर के दर्शन से बहुत आनंद आ रहा है शांति से बहुत धैर्य से भरी कहानी सुन रहे हैं जो विंडो से हुंकार रही थी कि मुझे किसी ने सलाह दी थी कि फिलाडेल्फिया की पत्नी स्टॉकहोम एक मेरा सवाल था कि जो राम मेरी बड़ी बहन सीता के लिए भाई का आदर्श है मेरे लिए हम दोनों के धर्म का पालन करना चाहते हैं। उन्होंने साकेत की एक कविता लिखी है, जिसमें उनकी कुछ पंक्तियाँ शामिल हैं जिनमें आपके दो उपदेश दिए गए हैं
कैकयी-दशरथ, शांता-श्रृंगी, लक्ष्मण-उर्मिला, रावण-मंदोदरी और सीता-राम
उच्च रक्त में अड़े हुए रोम रोम के निवासी लक्ष्मण के दर्शनीय रही पालकी पैक की विद्या थी घाटी वहां से हटी नहीं खड़ी हुई थी मुख थी विदेश स्थल में पूछ रही पल-पल में क्या मैं कहूं, क्या बताऊं और क्या कहूं आज थी प्लास्टिक आज सरोजो अरुणा लक्ष्मण सोच ने सोचा कि हो सिर्फ सोच की दुकान नहीं कर पाई तुम भी तो साथ होगी तो आर्द्र दोगी भाई बड़ा होगा वह मुझसे भी मेरे लिए साहूकार को छोड़ देगा और जब मैं अपनी मुलाकात से बहुत दूर जाऊं डेट्स के बारे में बात करूंगा मेरे पास भी है लेकिन अभी तक मुझे शामिल नहीं किया गया है सुनो तुम ना बन में भैया भाभी की सेवा में कुछ अपना ध्यान भी रख मिलाप के भैया भाभी को कुछ अपना नाम भी बताओ तुम अपना कहो मैं बाबा को समय पर दवा द दर्शन नहीं लाऊँगी
मोर संग मोरनी को देखोगे तो भी रो आदर्श फरहा दुर्भाग्य से बनवास वर्तमान याद आ गया जब परम भक्त शिव के दूसरे परम भक्त से सामना हुआ तो क्या हुआ जब रावणसीता की सीता को अशोकवाटिका में तब रावण क्या हैं सीता के मन में रावणसीता के मन में मंदोदरी सीता के मन में बैठे राम सच में आजाएंगे क्या रामराम राम हम सभी जानते हैं मेघनाथ के अंत में रावण और राम का युद्ध हुआ था आप सभी जानते हैं राम ने रावण को नहीं कहा था रावण ने कहा था राम से तुम दोनों वेदों कीतुमने अध्ययनअध्ययन सुरक्षा सहब्राह्मण हूं
यहां किसी ने याद नहीं किया है, लेकिन मेरा बनवास मेरा लम याददाश्त बसा है, मैं आपको जरूर बताऊंगा कि जिसने अभी तक इसमें गाना सुना है, वह एक साथ पांच देशों में मौजूद है, पर्जियन, अरब, उरू, हिंदी भाषा एक साथ पांच दिए गए हैं और यह भी कहा जाता है कि दो जो हंसते हैं जो आपको देते हैं उनकी सभी कलाएं वास्तविक होती हैं यह कलाकार आपके लिए ऐसे भाव लेकर आते हैं इसलिए आपका किरदार है जी क्योंकि प्रेम में सभी समान हैं रावण बहुत थे लेकिन रावण एक सप्ताह एक संतति प्रेम में कई बार इतनी दूर रहने के लिए और तब भी कोई समझ नहीं आया था कि किरामातोम ट्रोकी कर रहे हो महादेव मेरे साथ, लोग कहते हैं कि प्राचीन कालफेस पीछे-पीछे चल रहा है और जब रावण से यह कहा गया था मेरा मित्र कलफ़े पीछे चल रहा है तो रावण क्या रावण यह तो चंद्रमा पर था तो अंध विशाल मेरा क्या कर सकता था महादेव के शिखर पर रावण जो गले में तो विश्व विकराल मेरा क्या कर सकता है जब महाकाल साथ है मेरे तो कल मेरा क्या करने त्रयंबक की आंख तीन है माया जाल मेरा क्या कर राजसन है दही पर लंका मेरा क्या कर रहेगा वह हम प्रचंड में रहेंगे अग्नि मेरा क्या जब महाकाल है मेरे साथ तो कल मेरा नहीं दु:ख जंजाल मेरा क्या कर तू मुंह छोड़ गया शत्रु मंगलमल मेरा क्या कर देगा और कल की कल देख लेगा मेरा क्या कर देगा जब महाकाल मेरे साथ हैं तो कल मेरा दुख नहीं जंजाल मेरा क्या कर देगा शिवोहम् शिवोहम् आज इसलिए मेरे हर हो रहे हैं प्रभु राम ने कहा भैया दो किस बात में आगे निकल जाना रावण ने कहा राम तूमें एक अंतर था जिसने मेरे राम में एक अंतर था जिसने तीसरा भाई डाला साथ में तेरा भाई ना साथ में प्रेम का रिश्ता है तो राम जन्मोत्सव मनाया जाता है मेघनाथ
कर्तव्य भाई का एक नहीं, दोनों ने लिया था लक्ष्मण तो देखिए अगर आप राम बन गए तो अंतिम हुंकार के साथ, किस तरह हुई प्रभु राम की विजय, इस साल जनवरी महीने की 22 तारीख बताई नहीं गई
हमको अपनी मां अपने मन से दूसरे खैर के लोग फूल लेकर आते हैं और जब मन में अयोध्या निकलेगी तो रामफे मन में और इतनी दूर नहीं जाएंगे कि आप रोज दर्शन कर आकर्षण तो जालौर वासी अपने मन में अयोध्या का ध्यान इस प्रकार जरूर रखें जब प्रभु राम और सीता वापस आए तो अयोध्या की दुल्हन की विदाई हुई
मैं यह भी बता दूं कि अभी आपने जो गाना सुना है उसमें एक साथ पांच भाषाएं शामिल हैं, जो एक साथ पांच समुद्रों में शामिल हैं, जो एक साथ पांच समुद्रों में आती हैं, पर्जियन, अरब, उरु, हिंदी भाषाएं, जो एक साथ पांच समुद्री तट शामिल हैं। यह भी बताएं कि कौन सी हंसी है, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे, आपको उसकी कला सब असली लगेगी। यह कलाकार आपके लिए ऐसा भाव अंदर से लेकर चाहता है कि आपका किरदार सामने आए क्योंकि प्रेम में सब बराबर हैं रावण बहुत लेकिन रावण एक सप्ताह एक संततिप्रेम
कई बार इतनी दूर रहने के लिए और जब रावण से यह कहा गया था तब कि रामाट्टम टोरी पीछे चल रहे थे महादेव मेरे साथ लोग कहते थे कि प्रियतम कलफे पीछे-पीछे चल रहे थे और जब रावण से यह कहा गया था तब कि रामाट्टम टोरी पीछे चल रहे थे रावण रावण, जब जा झूलाती गंगा घर काल मेरा क्या हो सकता है रावण और भुजंग जो महादेव के चंद्रमा पर है तो और विशाल मेरा क्या हो सकता है गला तो विश्व विकराल मेरा क्या कर रहेगा जब भी महाकाल मेरे साथ हैं तो कल मेरा क्या करने का त्रयंबक की आंखें तीन हैं माया जाल क्या मेरा कर राजसनी है दही पर लंका मेरा क्या कर रहेगा हम प्रचंड में अग्निवास करेंगे जब महाकाल मेरे साथ हैं तो कल मेरा क्या हो सकता है, मेरा क्या हो सकता है है? कर अंतिम शिवोहम शिवोहम इसलिए आज मेरे हर हो रहे हैं प्रभु राम ने कहा भाई बताओ दो किस बात में आगे निकल गए रावण ने कहा राम तुम मुझ में एक अंतर था जो हर स्थापित प्राण मेरे राम तुम में एक अंतर था जो हर प्राण मेरे तेरा भाई ने लिया था तेरा मेरा भाई ना साथ में प्रेम कर ले तो राम विवाह की उम्र में मेघनाथ कर्तव्य भाई का एक भी नहीं, दोनों ने लक्ष्मण है तो देखना है अगर तुम राम बन गए हो तो प्रेमी के साथ अंतिम प्रेमी देखने के लिए किस प्रकार प्रभु राम का आगमन ऐसे हुआ जैसे इस वर्ष जनवरी माह की 22 तारीख को अवतार नहीं हुआ
हमको अपनी मां अपने मन से दूसरे खैर के लोग फूल लेकर आते हैं और जब मन में अयोध्या निकलेगी तो रामफे मन में और इतनी दूर नहीं जाएंगे कि आप रोज दर्शन कर आकर्षण तो जालौर वासी अपने मन में अयोध्या का ध्यान इस प्रकार जरूर रखें जब प्रभु राम और सीता वापस आए तो अयोध्या की दुल्हन की विदाई हुई
लाइट इफेक्ट कर रहे थे युवा दान जी युवा जी रोशन में सुमित नेगी सुमित जी और देवांश गुलाटी एक बहुत बड़ी टीम मोदी जी के साथ लगी है मंच पर आपने जो डांस टीम में शामिल किया है हमारा साथ है दिव्या प्रेरणा आस्था और राधिका जो गीत आपका रिवर का जैन ने अभिनय टीम में अर्जुन सिंह मेघा मथुरा और सुष्मिता पटेल शामिल थे। इस मंच पर ऑपरेशन और यहां के पोर्टफोलियो वाले में प्रेम रामायण अतुल सत्य कंपोजिट द्वारा संचालित किया गया है यहां मेरे खुदा द्वारा प्रस्तुत किया गया है
मेरे इस नाटक को इतने प्यार से सुनने के लिए और अब वादा करता हूं कि मुंबई हम सब यहां प्रभु श्री राम की तरह देख रहे हैं, अयोध्या में विराजे ऐसे ही आज वह हमारे जालौर में होंगे, आकाश रंग रंगीला रस भरो मारो प्यारो राजस्थान के जालौर में नगर परिषद जालौर द्वारा आयोजित किया जा रहा है कार्यक्रम कैथेड्रल वाली राजस्थान मानसी सिंह ने बहुत सारा पुरस्कार अपने नाम किया है और अब हम सभी के बीच मनोरंजन के लिए कुछ ना कुछ आ रहा है आप सभी के मास्टर्स लीड की तैयारी के लिए सभी समूह उसे बुलाएँगे
देश पहले या फिर ढोल बजाते हुए भारतीय नारी सब पर भारी शक्ति के सम्मान में ऐतिहासिक तालियां वजूड की तरफ से निकले और अब हम सब यहां शीतला माता के दर्शन करते हैं शीतला मैया की जय, जालोर जय नाथ जी महाराज की जय राजस्थान की यात्रा का परीक्षण हुआ।
यह मैक पर है
नगर परिषद् जालोर आयुक्त दिलीप माथुर, नगर परिषद, उपसभापति अंबालाल व्यास , सभापति गोविंद टांक , पार्षद दिनेश बारोट , पार्षद हीरा लाल देवासी , पार्षद दिनेश महावर , नगर , भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह, दिलीप भट्ट, महेश भट्ट सहित अन्य मौजूद थे।
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