पेट हमेशा तना और फूला रहता है? तो जानिए क्या है वजह और बचाव के उपाय - Factors responsible for bloating
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पेट हमेशा तना और फूला रहता है? तो जानिए क्या है वजह और बचाव के उपाय - Factors responsible for bloating
जयपुर ( 23 अप्रैल 2024 ) Tummy always tense and bloated? Know the cause and prevention : खाने के बाद पेट फूलना सामान्य सी बात है, साथ ही यह कुछ ऐसा नहीं है जिससे आपको छुटकारा पाने की जरूरत है। हालांकि, अगर आप ये महसूस करते हैं कि केवल दो बिस्किट या कुछ बहुत हल्का फुल्का सा ही खाने पर पेट फूला हुआ लग रहा है, तो ये परेशानी की वजह है। कुछ घरेलु नुस्खों को आजमाकर इससे आसानी से राहत पाई जा सकती है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है आखिर पेट फूलने के पीछे क्या कारण हैं?
Iron deficiency and obesity : क्या आप वजन कम (Weight loss) करने की जद्दोजहद कर रहे हैं लेकिन परिणाम न के बराबर मिल रहे हैं? कभी-कभी इसका कारण आपकी डाइट या व्यायाम की कमी नहीं बल्कि शरीर में किसी जरूरी पोषक तत्व की कमी हो सकती है. आयरन (Iron) हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है जो कई महत्वपूर्ण कार्यों में भूमिका निभाता है. इनमें से एक महत्वपूर्ण कार्य लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का निर्माण करना है. हीमोग्लोबिन वह प्रोटीन है जो फेफड़ों से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है.
iron deficiency symptoms : जब शरीर में पर्याप्त आयरन (Iron) नहीं होता है, तो यह हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का उत्पादन कम कर देता है. इस स्थिति को आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) कहते हैं. अक्सर यह माना जाता है कि आयरन की कमी सीधे मोटापे (Obesity) का कारण बनती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. हालांकि, जैसा कि हम आगे देखेंगे, आयरन (Iron) की कमी वजन बढ़ाने या वजन कम करने में कठिनाई पैदा कर सकती है. आइए अब विस्तार से जानते हैं कि ऐसा कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
आयरन की कमी से मोटापा कैसे बढ़ सकता है How can iron deficiency increase obesity?
आयरन की कमी न केवल थकान और कम ऊर्जा का कारण बन सकती है बल्कि वजन बढ़ाने में भी योगदान दे सकती है. आइए देखें यह कैसे होता है:कम ऊर्जा स्तर (Low energy levels):
बिगड़ा हुआ चयापचय (Impaired metabolism):
आयरन उचित चयापचय, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन का चयापचय शामिल है, के लिए आवश्यक है. आयरन की कमी चयापचय प्रक्रियाओं को बाधित कर सकती है, जिससे शरीर ऊर्जा का कम उपयोग करता है और अधिक मात्रा में जमा कर लेता है.ऑक्सीजन परिवहन में कमी (Decreased oxygen transport):
हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है जो ऊतकों और अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. आयरन की कमी हीमोग्लोबिन के निर्माण को कम करती है, जिससे ऑक्सीजन परिवहन बाधित होता है और शरीर कम ऊर्जा पैदा करता है. इससे चयापचय भी धीमा हो सकता है.भूख में वृद्धि (Increased appetite):
आयरन की कमी भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोनों को प्रभावित कर सकती है, जिससे भूख बढ़ सकती है और आप अधिक खा सकते हैं, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है.कसरत का प्रदर्शन कम होना (Decreased exercise performance):
आयरन की कमी से मांसपेशियों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे व्यायाम करने की सहनशीलता और प्रदर्शन कम हो सकता है. नतीजतन, शारीरिक गतिविधि के दौरान कम कैलोरी खर्च होती है.
थर्मोजेनेसिस में बदलाव (Changes in thermogenesis):
थर्मोजेनेसिस वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर गर्मी पैदा करता है और कैलोरी बर्न करता है. आयरन की कमी थर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकती है, जिससे कैलोरी खर्च कम हो सकती है और वजन बढ़ सकता है.बढ़ी हुई सूजन (Increased swelling):
आयरन की कमी से शरीर में लगातार हल्की सूजन हो सकती है, जिसे मोटापे और चयापचय संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है.
आंतों के माइक्रोबायोटा में परिवर्तन (Changes in intestinal microbiota):आयरन की कमी आंतों के माइक्रोबायोटा की संरचना को बदल सकती है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण, ऊर्जा चयापचय और सूजन को प्रभावित कर सकती है और संभावित रूप से वजन बढ़ाने में योगदान दे सकती है.
मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological factors):
आयरन की कमी चिड़चिड़ापन, अवसाद और मस्तिष्क संबंधी समस्याओं जैसे लक्षण पैदा कर सकती है, जो खाने के व्यवहार के प्रेरणा और स्व-नियमन को प्रभावित कर सकती है और संभावित रूप से वजन बढ़ने का कारण बन सकती है.जैसा कि हमने जाना, आयरन की कमी न सिर्फ थकान और कमजोरी का कारण बनती है बल्कि वजन बढ़ाने में भी योगदान दे सकती है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है! आप अपने आहार और ज़रूरत के हिसाब से आयरन की पूर्ति कर सकते हैं और स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं.।
पेट फूलना: कारण और घरेलू उपचार
क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि जरा सा भी कुछ खाने के बाद पेट भर गया है या पेट गुब्बारे की तरह फूल गया है? यदि हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। यह स्थिति, जिसे ब्लोटिंग कहा जाता है, एक आम समस्या है जो कई लोगों को प्रभावित करती है।ब्लोटिंग के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि गैस, अपच, कब्ज, या भोजन असहिष्णुता। यह तनाव, चिंता, या हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी हो सकता है।
यहां, हम ब्लोटिंग के बारे में अधिक जानेंगे और कुछ घरेलू उपचारों पर चर्चा करेंगे जो आपको इस समस्या से राहत पाने में मदद कर सकते हैं।
ब्लोटिंग के लिए जिम्मेदार कारण Reasons responsible for bloating
अब आइए बताते हैं ब्लोटिंग से राहत पाने के उपाय… Ways to get relief from bloating
1. जीरा और अजवाइन का पानी
जीरा और अजवाइन को सूखा भून लें। इसमें एक गिलास पानी डालें और उबालें। इसे छान कर भोजन के बाद पीएं।
2. पुदीना:
पुदीना पेट के लिए एक बेहतरीन उपाय है। यह पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है, गैस को कम करता है, और पेट दर्द से राहत दिलाता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं, पुदीने का पानी पी सकते हैं, या भोजन में पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. सौंफ
भोजन के बाद सौंफ चबाना अच्छा होता है। चाहें तो सौंफ के बीज की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। बस पानी में सौंफ और सोंठ का टुकड़ा डालकर इसे उबालें। इसे छान लें और भोजन के बाद पीएं।
4. छाछ
लंच में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में सेंधा नमक और हींग डालकर इसका सेवन करें।
5. अदरक:
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और पाचक गुण होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट फूलने को कम करने में मदद करते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं, अदरक का पानी पी सकते हैं, या भोजन में अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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