तीन महीने बाद हटी आचार संहिता, चुनाव आयोग ने किया ऐलान, अब रफ्तर पकड़ेंगे सरकारी काम
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तीन महीने बाद हटी आचार संहिता, चुनाव आयोग ने किया ऐलान, अब रफ्तर पकड़ेंगे सरकारी काम
दिल्ली ( 6 जुन 2024 ) Model Code of Conduct News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की घोषणा के साथ ही 16 मार्च से लागू आदर्श आचार संहिता हटा ली गई है. निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को ये ऐलान किया. इसी के साथ रुके हुए सरकारी काम अब रफ्तार पकड़े लेंगे.
केंद्रीय कैबिनेट सचिव और राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा कि लोकसभा चुनाव और अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है.
क्या होती है आदर्श आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता सभी हितधारकों द्वारा सहमत और चुनावों के दौरान लागू परंपराओं का एक दस्तावेज है. राजनीतिक दल स्वयं चुनाव के दौरान अपने आचरण को नियंत्रित रखने और संहिता के भीतर काम करने पर सहमत हुए हैं.
यह निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिये गए जनादेश को ध्यान में रखते हुए मदद करता है, जो उसे संसद और राज्य विधानमंडलों के लिये स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों की निगरानी एवं संचालन करने की शक्ति देता है.
कोई वैधानिक समर्थन प्राप्त नहीं
हालांकि इसे कोई वैधानिक समर्थन प्राप्त नहीं है लेकिन उच्चतम न्यायालय ने कई मौकों पर इसकी पवित्रता को बरकरार रखा है. आयोग संहिता के किसी भी उल्लंघन की जांच करने और सजा सुनाने के लिए पूरी तरह से अधिकृत है.
आचार संहिता की शुरुआत 1960 में केरल में विधानसभा चुनाव के दौरान हुई जब प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए एक आचार संहिता तैयार करने की कोशिश की. यह संहिता पिछले 60 वर्षों में विकसित होकर अपने वर्तमान स्वरूप में पहुंची है.
इन नियमों का करना होता है पालन
भारत के निर्वाचन आयोग के अनुसार, आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि केंद्र और राज्यों में सत्तारूढ़ दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे प्रचार के लिए अपने आधिकारिक पदों का उपयोग न करें. आचार संहिता लागू रहने के दौरान मंत्री और अन्य सरकारी प्राधिकरण किसी भी रूप में वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकते.
ऐसी किसी भी परियोजना या योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है जो सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करती हो और चुनाव आचार संहिता लागू होने की स्थिति में मंत्री प्रचार के मकसद से सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
चुनाव आयुक्त ने की राष्ट्रपति से मुलाकात
आयोग ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दोनों चुनाव आयुक्तों ने गुरुवार शाम 4:30 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके बाद तीनों और आयोग के अन्य ऑफिसर राजघाट पहुंचे। जहां दुनिया के इस सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया के अच्छे से संपन्न होने पर आयोग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। आयोग के मुताबिक, राष्ट्रपति ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए आयोग के साथ-साथ इस पूरी प्रक्रिया में लगे तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी।
सात चरणों में हुए आम चुनाव-2024 में कुल 65.79 फीसदी मतदान हुआ। जो की 2019 के मुकाबले एक फीसदी से अधिक कम रहा। आयोग ने बताया कि 7वें चरण में 63.88 फीसदी मतदान हुआ। जो की 1 जून को रात 8 बजे तक 59.45 प्रतिशत था।
चुनाव आयोग ने भेजा आदेश
इसके लिए आयोग की तरफ से राष्ट्रपति भवन के कैबिनेट सेक्रेटरी, सभी 36 राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) को इस आदेश की कॉपी भेजी गई है। आयोग ने बताया कि आम चुनाव कराने की वजह से देशभर में लगी आदर्श आचार संहिता को हटा लिया गया है। इनमें वह राज्य भी शामिल हैं। जहां-जहां विधानसभा चुनाव भी हुए थे। हालांकि, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के उन निर्वाचन क्षेत्रों में आचार संहिता अभी लागू रहेगी। जहां द्विवार्षिक और उप चुनाव हैं।
JALORE NEWS
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