राई का बाग को राईका बाग करने के लिए सड़कों पर उतरा ये समाज, जोधपुर पहुंचे हजारों लोग
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राई का बाग को राईका बाग करने के लिए सड़कों पर उतरा ये समाज, जोधपुर पहुंचे हजारों लोग
जोधपुर ( 1 जुलाई 2024 ) Raika Samaj Protest In Jodhpur: राईका समाज आज जोधपुर में प्रशासन की लापरवाही से अपने नाम की कोई पहचान को वापस कायम करने के लिए सड़कों पर उतर आये. रायका समाज का आरोप है कि राईकाबाग रेलवे स्टेशन जो की राईका समाज के आसुराम राईका के कारण नाम मिला था, लेकिन वर्तमान सरकार ने राईका बाग रेलवे स्टेशन का नाम राई का बाग कर दिया है.
राईका समाज का आरोप हैं कि राईका शब्द को खंडित करते हुए. राई का बाग किया गया है. आज राईका समाज के सैकड़ो लोग विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतरे.
राईका समाज के लोग सैकड़ों की तादाद में एयरसेल मेडिकल कॉलेज के पास स्थित महात्मा गांधी जी की मूर्ति के पास इकट्ठा होकर रैली निकाल कर आमजन वह सरकार तक अपनी पीड़ा पहुंचाने के लिए निकले रैली के दौरान रायका समाज ने साफ कर दिया है कि समय रहते सरकार नहीं चेती तो वह अहिंसा का मार्ग भी त्यागने को मजबूर हो सकते हैं
पिछले दो सालों से आंदोलन रथ राईका समाज के लोग
राईका बाग रेलवे स्टेशन उसका नाम बदलने के बाद से ही करीब 2 साल से राईका समाज आंदोलन रथ है. लेकिन ना तो जिला प्रशासन, रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार इस समाज की कोई सुनवाई कर रही है.
समाज के रिड़मल राईका इतिहास संस्कृति संरक्षण संस्था के सचिव सुखराम, कपूराराम व लालसिंह राईका ने बताया कि अब समाज पत्र व्यवहार करने की बजाय आंदोलन की राह अपनाएगा जिससे की गूंगी बहरी सरकार इतिहास के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर जाकर अपनी गलती को सुधार करेगी.
आसुराम राईका को सम्मानित किया गया था
राईका समाज के नेताओं ने कहा कि राजकालीन व्यवस्था के दौरान आसुराम राइका की सेवा भावना के कारण उनका उच्च जमीन देकर सम्मानित किया था, बाद में उच्च स्थान जसवंत सिंह की रानी में जमीन पसंद आने पर आसुराम राय का से जमीन ली और उस पर बने बाग का नाम राय का बैग रखा वर्षों से चल रही परंपरा को कुछ साल पहले न जाने किसके सहारे पर या मानव भूल से राय का बाग रेलवे स्टेशन जंक्शन की बजाय राय का बाग स्टेशन कर दिया गया.
समाज के लोगों का कहना है कि जबकि रेलवे टिकट और रेलवे की ऑनलाइन पर अभी भी राय का बैग जंक्शन लिखा गया है, राईका बाग को राय का बैग बनाने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश से हजारों राय का समाज बंधुओं ने आज अपने परंपरागत वेशभूषा में शामिल होकर अपना प्रदर्शन इस रैली के द्वारा करते हुए शक्ति प्रदर्शन किया.
(। राईका समाज की खुली चेतावनी ये है कारण, देखें ,👎👎 video https://youtu.be/9jZqCq8bKHg?feature=shared
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पहले इसका नाम था 'राईका बाग'
लाल सिंह राईका ने बताया कि पहले इस स्टेशन का 'राईका बाग' हुआ करता था. रेलवे ने ही इसका नाम बदलकर 'राई का बाग' कर दिया. राईका समाज के लोगों ने वे पहले 'राई का बाग' रेलवे स्टेशन गए फिर कलेक्टर के पास पहुंचकर ज्ञापन दिया.
लंबे समय से कर रहे मांग
राईका देवासी समाज के लोगों का कहना रेलवे से वे लंबे समय से पत्राचार कर रहे हैं. इसके अलावा राज्य सरकार में हर स्तर पर अपनी बात पहुंचाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर यही स्थिति रही तो इस आंदोलन को लंबा चलाने की रणनीति पर काम हो रहा है. सरकार नहीं मानी तो ये लोग अपने पशुधन के साथ जोधपुर में धरना देंगे.
रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जोधपुर जिला प्रशासन ने राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज स्टेशन के नाम को स्पष्ट कर दिया है. उत्तर पश्चिम रेलवे के संबंधित अधिकारी को 30 जून 2024 के पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया है. अब रेल मंत्रालय को रायका बाग के नाम में हुई त्रुटि को सुधारना चाहिए.
पशुधन के साथ जोधपुर में देंगे धरना: राईका देवासी समाज के लोगों का कहना रेलवे से हम लंबे समय से पत्राचार कर रहे हैं. इसके अलावा राज्य सरकार में हर स्तर पर अपनी बात पहुंचाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. यदि यही स्थिति रही तो इस आंदोलन को लंबा चलाने की रणनीति तैयार है. सरकार नहीं मानी तो हम अपने पशुधन के साथ जोधपुर में धरना देंगे.राजस्व रिकार्ड में राईका बाग ही नाम:राई का बाग पैलेस जंक्शन रेलवे स्टेशन के नाम में राई और का के बीच का स्पेस खत्म करने को लेकर चल रही समाज की मुहिम को बल मिला है. सोमवार को देवासी राईका समाज की रैली और धरने के दौरान जिला कलेक्टर ने समाज के लोगों को बुलाकर वार्ता की. इसमें कलेक्टर ने अपनी बनाई रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि यह रेलवे स्टेशन की भूमि राजस्व रिकार्ड में राईका बाग के नाम से ही दर्ज है. इस वार्ता में रेलवे के अधिकारियों को भी बुलाया गया. वार्ता के बाद संयोजक लालसिंह राईका ने बताया कि सरकारी रिकार्ड में राईका बाग ही नाम है. इसकी मांग हम कर रहे हैं, हमने रेलवे से भी इसे संशोधित करने की मांग रखी है. रेलवे के अधिकारियों ने बेठक में 15 दिन का समय मांगा है. हमने उनसे कहा है कि 15 दिन में नाम संशोधित नहीं हुआ तो समाज सड़कों पर आएगा. इस बार जयपुर में सरकार का घेराव करेंगे.सचिन पायलट ने रेलमंत्री को लिखा पत्र : राई का बाग रेलवे स्टेशन का नाम राईका बाग करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व टोंक विधायक सचिन पायलट ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि राईका बाग स्टेशन से राईका देवासी समुदाय का भावनात्मक जुड़ाव है और यह जमीन इनके पूर्वजों द्वारा दिए जाने के कारण ही इस स्थान का नाम 'राईका बाग' रखा गया था. 'राईका' एक ही शब्द है, जो कि समुदाय को दर्शाता है. रेलवे विभाग द्वारा इसे 'राई का बाग' लिखा गया है. ऐसे में इसका अर्थ परिवर्तित हो गया है और इस समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. सरकारी राजस्व रिकॉर्ड्स में भी इस स्थान का नाम 'राईका बाग' ही दर्ज है. उन्होंने राईका देवासी समाज की मांग और सरकारी राजस्व रिकॉर्ड्स में दर्ज तथ्यों के आधार पर इस रेलवे स्टेशन का नाम 'राई का बाग' के स्थान पर 'राईका बाग' रखने की मांग इस पत्र में की है.
इनका कहना है कि
आंदोलन के संयोजक लाल सिंह राईका ने बताया कि रेलवे स्टेशन का नाम राई का बाग से राईका बाग करना है. इसके लिए राज्य सरकार को रेलवे को अनुशंसा भेजनी है, लेकिन सरकार यह कर नहीं रही. हमने सरकार को पहले ही अल्टीमेटम दिया था, लेकिन फिर भी सरकार ने कोई पहल नहीं की, इसलिए हमें अब सड़कों पर उतरना पड़ा. अब हमारा संघर्ष जारी रहेगा, क्योंकि रेलवे ने ही गलती से नाम बदला था. पहले राईका बाग ही नाम हुआ करता था. आज भी कई जगह पर यह अंकित है, लेकिन मुख्य स्टेशन पर नाम बदल कर राईका बाग से राई का बाग कर दिया. समाज के लोग पहले राई का बाग रेलवे स्टेशन गए और इसके बाद कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देंगे.
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