जालोर में धूमधाम से मनाई गई देवझूलनी एकादशी, समाजों की शोभायात्राओं ने भक्तिमय किया - JALORE NEWS
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जालोर में धूमधाम से मनाई देवझूलनी एकादशी, समाजों की शोभायात्राओं ने भक्तिमय किया - JALORE NEWS
जालोर ( 14 सितंबर 2024 ) JALORE NEWS शनिवार को जालोर शहर सहित पूरे जिले में देवझूलनी एकादशी का पर्व भव्य और श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर शहर के 9 अलग-अलग समाजों ने अपने-अपने ठाकुरजी (श्रीकृष्ण) मंदिरों से रेवाड़ी (शोभायात्रा) निकाली, जो पूरे नगर में भक्तिमय वातावरण का निर्माण करते हुए सुन्देलाव तालाब तक पहुंची।
शाम 4 बजे, ठाकुरजी की रेवाड़ियां माली समाज, घांची समाज, कुम्हार समाज, श्रीमाली समाज, सोनी समाज, सुथार समाज, वैष्णव समाज और खत्री समाज सहित अन्य समाजों के मंदिरों से गाजे-बाजे और भगवान के जयकारों के साथ रवाना हुईं। शोभायात्राओं ने शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए पूरे शहर को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में डुबो दिया।
सुन्देलाव तालाब पर पहुंचने के बाद, सभी समाजों की रेवाड़ियों का सामूहिक स्वागत किया गया और
महाआरती का आयोजन हुआ। तालाब किनारे बड़ी संख्या में एकत्रित श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी की महाआरती में भाग लिया और भगवान को प्रसाद अर्पित किया। भक्तजनों ने ठाकुरजी का आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी श्रद्धा प्रकट की।
इसके पश्चात, रेवाड़ियों को सुन्देलाव तालाब से विदा कर वापस उनके-उनके मंदिरों में ठाकुरजी की मूर्तियों को स्थापित किया गया। शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से आए हजारों भक्तजनों ने इस धार्मिक आयोजन में सहभागिता की और अपने इष्टदेव के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।
धार्मिक आस्था का प्रतीक:
देवझूलनी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विशेष पूजा अर्पित की जाती है और रेवाड़ी शोभायात्राएं निकालकर भगवान की महाआरती की जाती है। इसे मनाने के पीछे मान्यता है कि इससे भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
इस प्रकार, जालोर में देवझूलनी एकादशी के अवसर पर आयोजित शोभायात्राओं और महाआरती ने पूरे शहर में भक्ति का वातावरण उत्पन्न कर दिया और यह पर्व धूमधाम से सम्पन्न हुआ।
प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था:
पुलिस और प्रशासन द्वारा जुलूस के दौरान और महाआरती के समय कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। यातायात को सुव्यवस्थित रखने और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए गए, ताकि कार्यक्रम बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके।
जालोर में देव झूलनी एकादशी का यह आयोजन भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक एकता का एक आदर्श उदाहरण रहा। समाज के लोगों ने पूरे हर्षोल्लास से भाग लेकर इस परंपरा को और अधिक जीवंत बना दिया।
इस प्रकार देव झूलनी एकादशी पर जालोर में हुई शोभायात्रा और महाआरती ने शहरवासियों के दिलों में आस्था और आनंद का संचार किया।
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