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Navratri 2024 October: आने वाली है शारदीय नवरात्रि, ये है डेट, शुभ मुहूर्त और कलश स्थापना का बेस्ट टाइम

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Navratri 2024 October: आने वाली है शारदीय नवरात्रि, ये है डेट, शुभ मुहूर्त और कलश स्थापना का बेस्ट टाइम

जयपुर ( 25 सितंबर 2024 ) Navratri 2024 October: हिंदू धर्म में आदि शक्ति जगदंबा की पूजा का विशेष महत्व है, हिंदू दर्शन के अनुसार इन्हीं जगदंबा की कृपा से सृष्टि की रचना हुई है और इनके आशीर्वाद के बाद हर सुख मिल प्राप्त हो जाता है। भक्त इनको विभिन्न स्वरूप में पूजते हैं, इसके लिए विशेष रूप से नवरात्रि में इनकी आराधना कर 9 दिन तक उत्सव मनाते हैं। माता जगदंबा की पूजा का यह उत्सव साल में 4 बार नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।

इनमें से 2 नवरात्रि माघ और आषाढ़ गुप्त रीति से माता की दस महाविद्या की पूजा अर्चना की जाती है। इस नवरात्रि में प्रायः तांत्रिक, संत और अन्य ऐसे लोग जो विशेष सिद्धियां चाहते हैं वो आ आराधना करते हैं, जबकि 2 उदय नवरात्रि चैत्र (बासंतिक नवरात्रि) और अश्विन (शारदीय नवरात्र) में प्रत्यक्ष रूप से पूजा की जाती है।

माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर निवास करती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दिन बेहद पवित्र होते हैं, इन दिनों में भले ही आपने व्रत नहीं भी रखा हो, लेकिन इन दिनों में कुछ कामों को गलती से भी नहीं करना चाहिए. कुछ काम नवरात्रि के दौरान जरूर करने चाहिए, मान्यता है कि ऐसा करने से नवरात्रि की पूजा का शुभ फल मिलता है, आइए जानते हैं.

कब है शारदीय नवरात्रि 2024? (Shardiya Navratri 2024 Date)

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12 बजकर 19 मिनट से होगा, और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024, दिन गुरुवार से आरंभ होंगी और इस पर्व का समापन 12 अक्टूबर 2024, दिन शनिवार को होगा.

प्रायः गृहस्थ और आमजन इस नवरात्रि में मां के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं। इसमें भी शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। हालांकि सभी नवरात्रि की पूजा विधि समान ही है। आइये जानते हैं कब शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, इसकी डेट, कलश स्थापना मुहूर्त और घटस्थापना (कलश स्थापना) का बेस्ट टाइम क्या है…

कब शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि 2024

shardiya navratri 2024 Date: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से होती है, इस दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर नौ दिन तक माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलश स्थापना का बेस्ट टाइम अभिजित मुहूर्त होता है। आइये जानते हैं कब शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि…

अश्विन शुक्ल प्रतिपदा प्रारंभः गुरुवार 3 अक्टूबर को सुबह 12.18 बजे (यानी 2 अक्टूबर की रात)

अश्विन प्रतिपदा का समापनः शुक्रवार 4 अक्टूबर सुबह 2.58 बजे (यानी 3 अक्टूबर की रात)

इसलिए शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआतः गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से 

शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्तः 3 अक्टूबर सुबह 6.19 से 7.23 बजे तक (कुल 1 घंटा 4 मिनट)

घटस्थापना अभिजित मुहूर्त (Abhijit Muhurt): 3 अक्टूबर सुबह 11.52 बजे से 12.39 बजे तक

नोटः मां दुर्गा की पूजा की कलश स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त अभिजित मुहूर्त माना जाता है। इसलिए इस मुहूर्त में घटस्थापना सबसे बेस्ट (Best Time) माना जाता है।

शारदीय नवरात्रि में करें ये काम

  • मां दुर्गा को लाल रंग बहुत पसंद है. लाल रंग को समृद्धि, सौभाग्य, शक्ति, और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा को लाल रंग के फूल चढ़ाएं और लाल रंग की चुनरी या वस्त्र जरूर चढ़ाएं.
  • नवरात्रि में माता दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा करें. विशेष रूप से रोजाना अर्पित करने के लिए नए फूल, फल, और मिठाइयां मां दुर्गा को अर्पित करें.
  • नवरात्रि में प्रतिदिन माता दुर्गा के मंत्रों का जप करें और ध्यान करें. इससे मन की शांति और एकाग्रता बढ़ती है और परिवार में खुशहाली आती है.
  • नवरात्रि के पावन दिनों में जरूरतमंदों को दान दें या उनकी सेवा करें. यह बहुत ही पुण्य का कार्य माना जाता है जिसे करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है.

शारदीय नवरात्रि में भूल से भी न करें ये काम

  • नवरात्रि के 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है, लेकिन अगर अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो घर को कभी खाली न छोड़ें साथ ही अखंड ज्योत को बुझने न दें.
  • नवरात्रि के 9 दिनों में भूल से भी तामसिक भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • नवरात्रि के दिनों में नकारात्मकता से दूर रहें और अच्छे विचारों को अपनाएं किसी भी प्रकार के विवाद या झगड़े से बचें.
  • पूजा के समय अनुशासन का पालन जरूर करें. समय पर उठना, और भक्ति भाव से माता रानी की पूजा अर्चना नवरात्रि के दिनों में आवश्यक होता है.
  • माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर निवास करती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दिन बेहद पवित्र होते हैं, इन दिनों में भले ही आपने व्रत नहीं भी रखा हो, लेकिन इन दिनों में कुछ कामों को गलती से भी नहीं करना चाहिए. कुछ काम नवरात्रि के दौरान जरूर करने चाहिए, मान्यता है कि ऐसा करने से नवरात्रि की पूजा का शुभ फल मिलता है, आइए जानते हैं.

    माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर निवास करती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दिन बेहद पवित्र होते हैं, इन दिनों में भले ही आपने व्रत नहीं भी रखा हो, लेकिन इन दिनों में कुछ कामों को गलती से भी नहीं करना चाहिए. कुछ काम नवरात्रि के दौरान जरूर करने चाहिए, मान्यता है कि ऐसा करने से नवरात्रि की पूजा का शुभ फल मिलता है, आइए जानते हैं.

    कब है शारदीय नवरात्रि 2024? (Shardiya Navratri 2024 Date)

    पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12 बजकर 19 मिनट से होगा, और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024, दिन गुरुवार से आरंभ होंगी और इस पर्व का समापन 12 अक्टूबर 2024, दिन शनिवार को होगा.

शारदीय नवरात्रि 2024 तिथि कैलेंडर (Shardiya Navratri 2024 Tithi Calendar)



  • 3 अक्टूबर 2024 (प्रतिपदा): घटस्थापना, मां शैलपुत्री

  • 4 अक्टूबर 2024 (द्वितीया) : मां ब्रह्मचारिणी

  • 5 अक्टूबर 2024 (तृतीया) : मां चन्द्रघण्टा

  • 6 अक्टूबर 2024 तृतीया

  • 7 अक्टूबर 2024 (चतुर्थी) : मां कूष्माण्डा

  • 8 अक्टूबर 2024 (पंचमी) : मां स्कंदमाता

  • 9 अक्टूबर 2024 (षष्ठी) : मां कात्यायनी

  • 10 अक्टूबर 2024 (सप्तमी) : मां कालरात्रि

  • 11 अक्टूबर 2024 (अष्टमी) : महाष्टमी, मां महागौरी, कन्या पूजा

  • 12 अक्टूबर 2024 (नवमी) : महानवमी, मां सिद्धिदात्री, विजयादशमी, दशहरा, नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन


शारदीय नवरात्रि 2024 माता की सवारी (Shardiya Navratri 2024 Mata Ki sawari)


3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी. ऐसे में इस बार माता डोली या पालकी में सावर होकर पृथ्वी पर आएंगी. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मां का डोली पर सवार होकर आना प्राकृतिक आपदा, महामारी और देश में शासन व्यवस्था में अस्थिरता का संकेत देता है


शारदीय नवरात्रि महत्व


नवरात्रि का त्योहार शारदीय नवरात्रि का त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाता है. शारदीय नवरात्रि चन्द्र मास आश्विन में शरद ऋतु के समय आती है.


शरद ऋतु में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. पौराणिक मान्यता अनुसार देवी दुर्गा ने संसार के कल्याण के खातिर शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में महिषासुर से युद्ध किया था और विजयादशमी पर उसका वध कर भक्तों की रक्षा की थी.

शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा, व्रत करने वालों को कभी संकट का सामना नहीं करना पड़ता है।

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