जालोर पुलिस के विशेष अभियान "मासूम" के तहत बाल श्रम से बालक को कराया मुक्त, होटल मालिक गिरफ्तार - JALORE NEWS
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जालोर पुलिस के विशेष अभियान "मासूम" के तहत बाल श्रम से बालक को कराया मुक्त, होटल मालिक गिरफ्तार - JALORE NEWS
जालोर ( 9 अक्टूबर 2024 ) जालोर जिले में चल रहे विशेष अभियान "मासूम" के तहत पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस अभियान के अंतर्गत बालश्रम और बंधुआ मजदूरी के मामलों पर कड़ी निगरानी रखते हुए एक नाबालिग बालक को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है। पुलिस ने इस कार्रवाई में दुकान मालिक को गिरफ्तार किया है, जिसने बालक से जबरन श्रम करवाया था।
अभियान "मासूम":
जिला पुलिस अधीक्षक श्री ज्ञानचंद्र यादव के निर्देशानुसार, जालोर जिले में बाल श्रमिकों को मुक्त कराने हेतु "मासूम" अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना और बालकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
कार्यवाही का विवरण:
पुलिस इंस्पेक्टर बाबुलाल, मानव तस्करी विरोधी यूनिट जालोर के नेतृत्व में, सहायक उप निरीक्षक श्री अमरसिंह (बाल कल्याण अधिकारी रामसीन), कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार (रामसीन थाना), और सामाजिक संगठनों के सहयोग से, कस्बा रामसीन स्थित खेतेश्वर जोधपुर मिष्ठान भण्डार पर छापा मारा गया। यहाँ एक नाबालिग बालक से जबरन श्रम करवाए जाने की पुष्टि हुई।
बालक ने पूछताछ में बताया कि उसे दुकान के मालिक बाबुसिंह पुत्र चंदनसिंह (राजपुरोहित), निवासी रतरेडी, जिला बाड़मेर द्वारा जबरन काम करने के लिए मजबूर किया गया था। बालक ने यह भी बताया कि उसकी मर्जी के खिलाफ उससे श्रम कराया जा रहा था, और उसे शारीरिक व मानसिक कष्ट भी झेलने पड़े।
मालिक पर कानूनी कार्रवाई:
दुकान मालिक बाबुसिंह के खिलाफ बाल श्रम और बाल संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की गई। पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 146 बीएनएस-2023 और धारा 79 किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए न्यायालय में पेश किया जाएगा।
बालक का पुनर्वास:
पुलिस ने उक्त बाल श्रमिक को मुक्त कर उसे संरक्षण में लिया और बाल कल्याण समिति जालोर के समक्ष पुनर्वास के लिए प्रस्तुत किया गया है। समिति बालक की देखभाल और पुनर्वास की दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी ताकि उसे बेहतर भविष्य की दिशा में सहायता मिल सके।
पुलिस की सख्त मुहिम:
पुलिस की इस कार्यवाही से यह साफ संदेश गया है कि बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी जैसी अमानवीय प्रथाओं के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। इस अभियान की सफलता से पुलिस ने यह दिखा दिया है कि वे बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
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