जालोर में किसानों का महापड़ाव पांचवें दिन भी जारी: समाधान से पहले वार्ता से इनकार - JALORE NEWS
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जालोर में किसानों का महापड़ाव पांचवें दिन भी जारी: समाधान से पहले वार्ता से इनकार - JALORE NEWS
जालौर ( 23 नवंबर 2024 ) जालोर में किसानों का महापड़ाव लगातार पांचवें दिन भी जारी है। अपनी मुख्य मांगों को लेकर अड़े किसानों ने जिला प्रशासन के वार्ता प्रस्ताव को साफ तौर पर खारिज कर दिया। किसान जवाई बांध के पानी पर जालोर का अधिकार सुनिश्चित करने और फसल नुकसान का बीमा क्लेम समय पर दिलाने की मांग को लेकर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि समाधान के बिना वे किसी भी बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं।
मुख्य मांगे और आंदोलन की वजह
1. जवाई बांध के पानी पर अधिकार:
किसानों की प्रमुख मांग है कि जालोर को जवाई बांध के पानी पर एक-तिहाई हिस्सा तय किया जाए। इससे कृषि और पीने के पानी की समस्या हल होगी।
2. फसल नुकसान का बीमा क्लेम:
किसानों का आरोप है कि फसल नुकसान होने पर बीमा क्लेम समय पर नहीं मिल पाता, जिससे वे आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। सरकार इस पर तत्काल कार्रवाई करे।
प्रशासन का वार्ता प्रस्ताव ठुकराया
पांचवें दिन जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने डटे किसानों से वार्ता करने के लिए जालोर विधायक एवं मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित और एडीएम राजेश मेवाड़ा पहुंचे। उन्होंने किसानों से प्रशासन के साथ बैठकर स्थानीय समस्याओं पर चर्चा करने का आग्रह किया।
किसानों ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, "हम समस्याओं पर चर्चा नहीं, समाधान चाहते हैं। पहले हमारी मांगें पूरी करें, फिर हमें खुद पता चल जाएगा कि समाधान हो गया है।"
संगठन के पदाधिकारियों के बिना वार्ता नहीं
किसानों ने प्रशासन को साफ कह दिया कि संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में ही किसी प्रकार की वार्ता की जाएगी। बिना समाधान के आंदोलन खत्म नहीं होगा।
प्रशासन की पहल:
जालोर विधायक व मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने किसानों से वार्ता का अनुरोध किया। एडीएम राजेश मेवाड़ा ने कहा कि स्थानीय समस्याओं पर चर्चा के लिए एक बैठक की जाए।
किसानों का रुख:
किसानों ने स्पष्ट किया कि समाधान के बिना वे वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, "स्थानीय समस्याओं पर बात करने से पहले समाधान जरूरी है। यदि समस्याओं का समाधान होगा, तो हमें खुद पता चल जाएगा।" संगठन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में ही आगे की वार्ता होगी।
जनप्रतिनिधियों की अपील:
आहोर विधायक छगनसिंह ने किसानों से प्रशासन के साथ बातचीत करने का आग्रह किया ताकि समस्याओं को हल करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। हालांकि, किसानों ने दो-टूक कहा कि बिना ठोस परिणामों के वे बातचीत नहीं करेंगे।
नेताओं की अपील और किसान नेताओं का जवाब
आहोर विधायक छगनसिंह ने आंदोलनकारियों से कहा कि प्रशासन से वार्ता के बिना समस्याओं का हल निकालना मुश्किल है। उन्होंने किसानों से निवेदन किया कि वे बातचीत का रास्ता अपनाएं।
इस पर किसानों ने कहा कि प्रशासन और नेताओं की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक ठोस परिणाम नहीं दिखेंगे, आंदोलन जारी रहेगा।
महापड़ाव से बढ़ा दबाव
महापड़ाव के चलते प्रशासन और सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। आंदोलन को किसानों का बड़ा समर्थन मिल रहा है, और यह पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
आगे की रणनीति
किसानों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, प्रशासन ने समाधान का भरोसा दिलाया है, लेकिन अब यह देखना होगा कि दोनों पक्ष कब और कैसे इस गतिरोध को खत्म करेंगे।
जालोर में किसान आंदोलन अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। समाधान में देरी से आंदोलन और तेज होने की संभावना है।
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