पुराने जमाने के ट्रैक्टर-ट्रॉली की खासियत और ग्रामीण जीवन में महत्व
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पुराने जमाने के ट्रैक्टर-ट्रॉली की खासियत और ग्रामीण जीवन में महत्व
पुराने जमाने का ट्रैक्टर, विशेष रूप से 1970 के दशक के मॉडल, गांव के परिवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उस समय ये ट्रैक्टर परिवार की कई पीढ़ियों और सामुदायिक गतिविधियों का हिस्सा बनते थे। इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल खेती-किसानी के साथ-साथ बारातों और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भी होता था।
आइए, ऐसे ट्रैक्टर और उनके साथ इस्तेमाल होने वाली ट्रॉलियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. ट्रैक्टर की खासियतें:
कंपनीमेड इंजन:
पुराने मॉडल का इंजन बेहद मजबूत और टिकाऊ हुआ करता था। इन इंजनों को लंबे समय तक बिना किसी बड़े रिपेयर के इस्तेमाल किया जा सकता था। इंजन को बनाने वाली कंपनी ने इसे इतनी मजबूत बनाया था कि यह दशकों तक बिना टूट-फूट के काम कर सकता था।
मूल उपकरण:
उस समय के ट्रैक्टर में नए तरह के हाइड्रोलिक उपकरण नहीं होते थे। आमतौर पर, इसमें मैन्युअल लिफ्टिंग सिस्टम होता था, जिसे मानव श्रम के सहारे काम करना पड़ता था।
टायर बदलना:
अधिकतर ट्रैक्टरों के टायर लंबे समय तक चलते थे, क्योंकि वे उच्च गुणवत्ता के होते थे। गहरे साये में खड़े रहने के कारण टायरों का घिसना भी धीमा होता था, इसलिए उनकी बदलने की जरूरत भी कम होती थी।
2. ट्रैक्टर ट्रॉली का डिज़ाइन और विशेषताएँ:
हाइड्रोलिक पंप की कमी:
उस समय की ट्रॉलियों में हाइड्रोलिक पंप नहीं होते थे, जिससे ट्रॉली को झुकाकर सामग्री निकालने के लिए मैन्युअल श्रम की जरूरत होती थी।
मजबूत संरचना:
पुराने समय की ट्रॉलियाँ भी आज की तरह टिकाऊ और मजबूत होती थीं। आमतौर पर इन्हें कड़ी धातु से बनाया जाता था ताकि भारी भार का सामना कर सकें।
मानव श्रम का उपयोग: हाइड्रोलिक पंप के अभाव में, ट्रॉली खाली करने के लिए परिवार के कई लोग मिलकर झलका खाली करते थे। यह दिखाता है कि तब तकनीकी सहूलियतें कम थीं, लेकिन लोग मिलजुल कर कठिन कार्यों को अंजाम देते थे।
3. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:
गांव का गौरव:
इन ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों का ग्रामीण जीवन में एक खास महत्व था। गांव में हर परिवार के पास ट्रैक्टर नहीं होता था, इसलिए जिनके पास होता था, वे अपने को गौरवशाली समझते थे।
खरीदने में रुचि:
आज भी लोग इन पुराने ट्रैक्टरों को खरीदने में रुचि रखते हैं, क्योंकि उनके पुराने मॉडल की विश्वसनीयता और टिकाऊपन की अपनी खासियत होती है। लेकिन परिवार इनसे जुड़े अपने जज्बातों के कारण इन्हें बेचना नहीं चाहता।
4. रखरखाव और देखभाल:
पुराने जमाने के ट्रैक्टर और ट्रॉली की देखभाल में ज्यादा ध्यान देना पड़ता था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, इनका रखरखाव एक खास किस्म की यादों का हिस्सा बन गया।
JALORE NEWS
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