भारतीय सेना के मल्टी-एजेंसी आपदा राहत अभ्यास ‘संयुक्त विमोचन 2024’ का हुआ भव्य समापन
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भारतीय सेना के मल्टी-एजेंसी आपदा राहत अभ्यास ‘संयुक्त विमोचन 2024’ का हुआ भव्य समापन
अहमदाबाद, एबीएनएस ( 18 नवंबर 2024 ) भारतीय सेना द्वारा 18 और 19 नवंबर को अहमदाबाद और पोरबंदर में मल्टीलेटरल वार्षिक संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास, ‘संयुक्त विमोचन 2024’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया। आपदा की स्थिति में भारत की प्रतिक्रियात्मक तत्परता को प्रदर्शित करने वाले इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शामिल हुए।
भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के कोणार्क कोर द्वारा इस दो दिवसीय अभ्यास का आयोजन 18 और 19 नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद और पोरबंदर में किया गया। इस अभ्यास की शुरुआत 18 नवंबर 2024 को अहमदाबाद में 'गुजरात के तटीय क्षेत्र में चक्रवात' की थीम पर केंद्रित एक टेबल टॉप अभ्यास से हुई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए), मौसम विभाग और फिक्की के प्रतिनिधियों ने भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ भाग लिया। दूसरे दिन 19 नवंबर 2024 को पोरबंदर के चौपाटी बीच पर बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन आयोजित किया गया।
बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन में विभिन्न एजेंसियों ने एक काल्पनिक चक्रवात परिदृश्य में समन्वित रसद, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रभावी आपदा प्रबंधन रणनीतियों का अभ्यास किया। इस कार्यक्रम में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय तटरक्षक, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के सहयोगात्मक प्रयासों को प्रदर्शित किया गया।
प्रदर्शन की शुरुआत नागरिक प्रशासन से सशस्त्र बलों की मांग के साथ हुई। प्रभावित क्षेत्र का मल्टी एजेंसी सर्वेक्षण किया गया, इसके बाद बचाव अभियान चलाने के लिए कर्मियों को लगाया गया। अभ्यास के दौरान तैनात संसाधनों की सहायता से हताहतों को निकालने और चिकित्सा सहायता का प्रदर्शन किया गया। इसके समापन में प्रभावित नागरिकों का 'पुनर्जीवन और पुनर्वास' भी किया गया।
आत्मनिर्भर भारत की पहल के अनुरूप, प्रदर्शन के साथ-साथ एक औद्योगिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय रक्षा उद्योगों ने आपदा राहत प्रौद्योगिकी में अपने नवाचारों और विनिर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम ने आपदा प्रबंधन में आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सभी प्रतिभागियों को उनके प्रयासों और समर्पण के लिए सराहा और इस पेशेवर रूप से आयोजित अभ्यास को उत्कृष्टता और कुशलता से निष्पादित करने के प्रयासों के लिए बधाई दी। सेना प्रमुख (सीओएएस) ने वैश्विक मानवीय प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जिसमें भारत ने हाल के वर्षों में आपदा राहत कार्यों, खोज और बचाव मिशन, मानवीय सहायता और चिकित्सा समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) ने भारतीय उद्योगों के प्रतिभागियों की भी सराहना की, जिन्होंने सरकार के विकसित, आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी एचएडीआर उपकरणों का प्रदर्शन किया। उन्होंने गुजरात राज्य सरकार और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) सहित औद्योगिक भागीदारों को भारतीय सेना को उनके समर्थन के साथ-साथ इस अभ्यास में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए आभार भी जताया। थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) ने विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी की भी सराहना की, जिन्होंने भारतीय दर्शन "वसुधैव कुटुम्बकम" - "पूरा विश्व एक परिवार है" के को प्रतिपादित किया, जिसका प्रधान मंत्री द्वारा लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।
18 नवंबर 2024 को अभ्यास के उद्घाटन कार्यक्रम में 'गुजरात के तटीय क्षेत्र में चक्रवात' विषय पर केंद्रित एक टेबल टॉप अभ्यास (टीटीएक्स) हुआ। इस अभ्यास में चक्रवात प्रभावित ओखा-पोरबंदर तटीय क्षेत्र को प्रभावित करने वाले आपदा परिदृश्य का अनुकरण किया गया, जहां भाग लेने वाली एजेंसियों ने आपदा राहत रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया और उन रणनीतियों के कार्यान्वयन के लिए प्रभावी संयुक्त तंत्र स्थापित करने का प्रयास किया। इसका उद्देश्य अंतर-एजेंसी एकीकरण और सहयोग में अंतराल को दूर करना था, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के लिए त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। टेबल टॉप एक्सरसाइज (टीटीएक्स) में लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन (सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में एनडीएमए के सदस्यों और सशस्त्र बलों, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अन्य केंद्रीय और राज्य सरकारी एजेंसियों और उद्योग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा नौ मित्र विदेशी देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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खाड़ी सहयोग परिषद, हिंद महासागर क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशिया के नौ मित्र देशों के 15 वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने इस दो दिवसीय महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लिया। उनकी भागीदारी ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया, जिससे आपदा प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं, क्षेत्रीय ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान हुआ। 'संयुक्त विमोचन 2024' अभ्यास ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत की तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने और इसकी तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वार्षिक संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास, 'संयुक्त विमोचन 2024' ने न केवल हमारी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया क्षमता में वृद्धि की है, बल्कि मानवीय सहायता और आपदा राहत पर वैश्विक संवाद में भी बहुमूल्य योगदान दिया है।
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