अन्नदाता सड़कों पर: "जालोर मांगे जवाई का हक़", किसानों का धरना प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी - JALORE NEWS
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अन्नदाता सड़कों पर: "जालोर मांगे जवाई का हक़", किसानों का धरना प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी - JALORE NEWS
जालोर ( 4 दिसंबर 2024 ) JALORE NEWS जालोर जिले में अन्नदाता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों का धरना प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी है। कलेक्टर कार्यालय के सामने किसानों ने अनोखे तरीके से विरोध करते हुए अनाज से बने एक कपड़े पर "जालोर मांगे जवाई का हक़" लिखकर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया। लिखकर अपनी मांगों को मजबूती से जाहिर किया। यह अनोखा प्रदर्शन किसानों के गहरे रोष और संघर्ष का प्रतीक बन गया है। यह प्रदर्शन न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर कर रहा है, बल्कि उनकी हताशा और सरकार की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल भी खड़े कर रहा है। वहीं जालोर जिले में किसान अपने अधिकारों और जरूरतों के लिए पिछले 16 दिनों से कलेक्टर कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में यह आंदोलन अब एक बड़े रूप में सामने आ रहा है। किसानों ने बुधवार को अनाज से बने एक कपड़े पर "जालोर मांगे जवाई का हक़" लिखकर मांग कर रहे हैं।
मुख्य मुद्दे और मांगे:
1. जवाई बांध का पानी: किसान जवाई नदी और जल स्रोतों से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।
2. फसल बीमा और प्राकृतिक आपदा की राहत: अब तक किसानों को उनकी फसल बीमा और प्राकृतिक आपदा के मुआवजे की राशि नहीं मिली है।
3. सरकार का ठोस आश्वासन: अब तक सरकार ने किसी भी तरह का लिखित आश्वासन नहीं दिया है।
किसानों का कहना है कि पानी की समस्या के कारण खेत सूख रहे हैं, कुएं खाली पड़े हैं, और जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं होतीं, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होगा।
धरना स्थल पर गूंजा "जालोर मांगे जवाई का हक़"
किसानों द्वारा अनाज से बनाए गए बैनर पर "जालोर मांगे जवाई का हक़" लिखकर अपनी आवाज बुलंद की गई। यह प्रदर्शन किसानों की गंभीर स्थिति और सरकार की निष्क्रियता पर बड़ा सवाल उठाता है।
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
धरना स्थल पर पुरुष किसानों के साथ-साथ महिला किसान भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। वे सरकार से अपने अधिकारों के लिए लड़ाई में पूरी तरह सक्रिय हैं।
किसान-सरकार के बीच टकराव की चेतावनी
किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो सरकार और किसानों के बीच सीधा टकराव हो सकता है। किसान संघ का कहना है कि सरकार की उदासीनता ने अन्नदाताओं को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है।
प्रदर्शन का असर
16 दिनों से जारी इस धरने ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि स्थानीय जनता और किसानों के बीच एकजुटता का संदेश भी दिया है। अब देखना यह है कि सरकार इस गंभीर स्थिति का समाधान कब और कैसे निकालती है।
महिला सशक्तिकरण से बढ़ा आंदोलन का दायरा
बुधवार को दिनांक 4 दिसंबर 2024 को भारतीय किसान संघ ने महिला सशक्तिकरण को लेकर एक नई पहल की। किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने शहर की महिलाओं को पीले चावल बांटकर आगामी किसान महापड़ाव में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
इस अभियान में किसान संघ के साथ कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और नेता शामिल हुए, जिनमें:
इस अवसर पर पार्षद दिनेश कुमार बारोट , दिलीप सोलंकी , सरपंच सांवलाराम दुदवा , जगमालाराम आलवाडा , भंवर सिंह , अधिवक्ता सावलाराम , चेन सिंह बावतरा , उदाराम , करण सिंह थावला सहित अन्य मौजूद थे।
किसान नेताओं ने घर-घर जाकर महिलाओं को पीले चावल देकर महापड़ाव में भाग लेने का अनुरोध किया। उनका कहना है कि महिलाओं की उपस्थिति आंदोलन को और मजबूत करेगी और सरकार पर दबाव बढ़ेगा।
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