सिरोही पुलिस ने पकड़ा 1.80 करोड़ की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड, दो साल से फरार था आरोपी - SIROHI NEWS
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सिरोही पुलिस ने पकड़ा 1.80 करोड़ की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड, दो साल से फरार था आरोपी - SIROHI NEWS
रिपोर्ट: श्रवण कुमार ओड़
सिरोही ( 8 दिसंबर 2024 ) SIROHI NEWS सिरोही पुलिस को धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में सफलता मिली है। पिंडवाड़ा थाना क्षेत्र में 1.80 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी विक्रम कुमार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह कार्रवाई तकनीकी सहयोग और लंबे प्रयासों के बाद की।
क्या है मामला?
पिंडवाड़ा थाना क्षेत्र के झाकर निवासी केसाराम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके नवजात बेटे के इलाज के नाम पर भतीजे के लड़के विक्रम कुमार ने एक बड़ी ठगी को अंजाम दिया। 21 मार्च 2020 को उदयपुर के अमर आशीष अस्पताल में केसाराम की पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बेटा जन्म के समय बीमार था, इसलिए डॉक्टरों ने उसे बच्चों के अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी।
केसाराम के रिश्तेदार विक्रम कुमार नवजात को भंडारी अस्पताल ले गया। वहां उसने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करवाई, जिसमें बच्चे की बाईं किडनी छोटी और जननांग में समस्या बताई गई। विक्रम ने दावा किया कि बच्चे को हर महीने ₹1.50 लाख की वैक्सीन लगवानी होगी और दो साल तक यह प्रक्रिया चलेगी।
जालसाजी का तरीका:
विक्रम कुमार ने फर्जी रिपोर्ट और मैसेज का इस्तेमाल कर केसाराम को भरोसे में लिया। उसने बच्चे की जान बचाने के नाम पर हर महीने पैसे ऐंठे। दो साल के दौरान उसने करीब ₹1.80 करोड़ की धोखाधड़ी की। इस दौरान बच्चे को एक भी वैक्सीन नहीं लगी l
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दो साल से था फरार:
मामले की शिकायत के बाद से विक्रम कुमार फरार था। वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। पिंडवाड़ा थाना पुलिस और डीसीआरबी टीम ने तकनीकी सहायता का उपयोग करते हुए आरोपी को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल के निर्देश पर इस मामले को गंभीरता से लिया गया। पिंडवाड़ा थानाधिकारी हमीर सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें एसआई जगदीश सिंह राजपुरोहित, कांस्टेबल अभय सिंह गुर्जर, लोकेश मीणा, कल्याण सिंह और डीसीआरबी टीम के नरेंद्र कुमार शामिल थे। टीम ने विक्रम कुमार को धर दबोचने में अहम भूमिका निभाई।
आरोपी से पूछताछ जारी:
पुलिस ने बताया कि आरोपी से ठगी की गई राशि बरामद करने की कोशिश जारी है। मामले की जांच को गहराई से खंगाला जा रहा है।
आरोपी की चालाकी पर विराम:
विक्रम कुमार ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट, फर्जी संदेश और अन्य दस्तावेजों का सहारा लेकर इस साजिश को अंजाम दिया था। वह दो साल से पुलिस को चकमा दे रहा था, लेकिन सिरोही पुलिस ने उसकी चालाकी को आखिरकार खत्म कर दिया।
पुलिस की चेतावनी:
पुलिस ने इस घटना को अन्य लोगों के लिए चेतावनी बताया है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे चिकित्सा के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों से सतर्क रहें और ऐसी गतिविधियों की तुरंत सूचना दें।
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