जवाई बांध के पानी की मांग पर महापड़ाव: 18वें दिन किसानों का धैर्य टूटा, सरकार को जगाने के लिए कुंभकर्ण की प्रतिमा के साथ प्रदर्शन - JALORE NEWS
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जवाई बांध के पानी की मांग पर महापड़ाव: 18वें दिन किसानों का धैर्य टूटा, सरकार को जगाने के लिए कुंभकर्ण की प्रतिमा के साथ प्रदर्शन - JALORE NEWS
जालोर ( 6 दिसंबर 2024 ) JALORE NEWS जवाई बांध के पानी पर जालोर के हक को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव 18वें दिन भी जारी है। किसानों के आंदोलन को अब व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है, लेकिन सरकार की चुप्पी ने उनके आक्रोश को और बढ़ा दिया है। शुक्रवार को शिवसेना और किसानों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर अनूठे प्रदर्शन में कुंभकर्ण की प्रतिमा स्थापित की और सरकार की "कुंभकर्णी नींद" को तोड़ने के लिए ढोल-नगाड़े और भोंपू बजाए।
कुंभकर्ण की प्रतिमा से सरकार पर कटाक्ष
शिवसेना जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित ने कहा कि जवाई बांध के पानी पर जालोर का हिस्सा तय करने की मांग के लिए किसान मजबूरी में सड़क पर उतरने को विवश हुए हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि 18 दिनों के आंदोलन के बावजूद कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। कुंभकर्ण की प्रतिमा लगाकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया और स्पष्ट संदेश दिया कि जालोर के हक की लड़ाई में वे पीछे नहीं हटेंगे।
शहर में गूंजे नारों के साथ विशाल रैली
प्रदर्शनकारी किसानों और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने अस्पताल चौराहा, हरिदेव जोशी सर्किल और वन-वे रोड से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली। "हम हमारा हक मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते" और "मुख्यमंत्री हाय-हाय" जैसे नारों से शहर गूंज उठा। इस दौरान रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिससे जनसमर्थन का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सड़क जाम और बढ़ता आक्रोश
कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम हो गया। किसानों ने सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक जालोर को जवाई बांध के पानी का हक नहीं मिलता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग
किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि जवाई बांध का पानी जालोर के जीवन और खेती के लिए महत्वपूर्ण है और इसे लेकर अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आंदोलन का असर और भविष्य की चेतावनी
किसानों के बढ़ते आक्रोश और प्रदर्शन की गूंज अब प्रदेश भर में सुनाई दे रही है। हर दिन आंदोलन में नए समर्थक जुड़ रहे हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो रही है। यदि सरकार ने समय रहते कोई हल नहीं निकाला, तो यह आंदोलन व्यापक जनजीवन को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
जवाई बांध के पानी को लेकर चल रहे इस संघर्ष ने अब बड़ा रूप ले लिया है। किसानों का कहना है कि सरकार की चुप्पी उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार कब इस मांग को गंभीरता से लेकर उचित समाधान निकालती है।
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