भाजपा जिलाध्यक्ष चुनाव: सख्त नियमों से बड़े बदलाव की तैयारी, दो दर्जन जिलों में नए चेहरे तय - JALORE NEWS
![]() |
BJP-District-President-Election |
भाजपा जिलाध्यक्ष चुनाव: सख्त नियमों से बड़े बदलाव की तैयारी, दो दर्जन जिलों में नए चेहरे तय - JALORE NEWS
जयपुर ( 16 जनवरी 2025 ) राजस्थान भाजपा में जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की कवायद तेज हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस बार जिलाध्यक्षों के चयन में सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे मौजूदा जिलाध्यक्षों की राह मुश्किल हो गई है। करीब दो दर्जन जिलों में नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है।
सख्त दिशा-निर्देशों से बदले समीकरण
भाजपा राष्ट्रीय संगठन ने जिलाध्यक्ष चयन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानदंड तय किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को मौका नहीं।
2. लगातार दो बार जिलाध्यक्ष पद पर रहने वाले नेता चयन से बाहर।
3. 2019 से पद पर काबिज जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका नहीं।
इन नियमों के चलते मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तक के निर्वाचन क्षेत्रों के मौजूदा जिलाध्यक्षों का फिर से निर्वाचित होना लगभग असंभव हो गया है।
किन जिलों में बदलाव तय?
इन नियमों की वजह से कई वरिष्ठ नेताओं की वापसी कठिन हो गई है:
1. जयपुर (सांगानेर): मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के क्षेत्र के जिलाध्यक्ष राघव शर्मा की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है।
2. जोधपुर ग्रामीण: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के क्षेत्र के जिलाध्यक्ष जोगाराम विश्नोई।
3. बीकानेर ग्रामीण: अर्जुन राम मेघवाल के क्षेत्र के जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी।
4. अजमेर ग्रामीण: देवी शंकर भूदड़ा।
5. जैसलमेर और बाड़मेर: चंद्रशेखर सराड़ा और दिलीप पालीवाल, दोनों ही लगातार दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं।
6. पाली: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के क्षेत्र के जिलाध्यक्ष मनसा राम परमार।
7. झालावाड़: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले के जिलाध्यक्ष संजय जैन।
मंडल अध्यक्ष चयन का प्रभाव
भाजपा ने मंडल अध्यक्ष चयन में भी सख्त नियम अपनाए हैं। 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को मौका नहीं देने और 2019 से पद पर काबिज लोगों को बाहर करने के निर्देश का पालन किया गया है। अब यही नियम जिलाध्यक्ष चयन में भी लागू किए जा रहे हैं।
नए चेहरों को प्राथमिकता
राष्ट्रीय संगठन ने 45 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को प्राथमिकता देने की योजना बनाई है। कई जिलों में नए चेहरों की एंट्री तय मानी जा रही है।
मौजूदा अध्यक्षों में किनकी वापसी संभव?
हालांकि, कुछ जिलों में मौजूदा जिलाध्यक्षों का प्रदर्शन संगठन के लिए संतोषजनक रहा है। ऐसे जिलों में उनकी वापसी की संभावना है:
1. कोटा शहर: राकेश जैन।
2. अजमेर शहर: रमेश सोनी।
3. धौलपुर: सत्येंद्र पाराशर।
4. चूरू: बसंत शर्मा।
5. सीकर: कमल सिखवाल।
6. जयपुर ग्रामीण उत्तर: श्याम शर्मा।
7. करौली: शिव कुमार सैनी।
राजनीतिक समीकरणों का असर
प्रदेश में मौजूदा 44 जिलाध्यक्षों में से करीब 12 जिलाध्यक्षों को पुनः मौका मिल सकता है। इनमें वे नेता शामिल हैं जो आयु और कार्यकाल की पाबंदियों के दायरे में नहीं आते और जिनके पक्ष में स्थानीय विधायक, वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी खड़े हैं।
निष्कर्ष
भाजपा जिलाध्यक्ष चुनाव इस बार बड़े बदलाव की ओर है। संगठन ने वरिष्ठ नेताओं की जगह युवाओं और नए चेहरों को प्राथमिकता देकर नई ऊर्जा लाने की योजना बनाई है। इन सख्त दिशा-निर्देशों के चलते करीब दो दर्जन जिलों में नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। भाजपा का यह कदम आगामी चुनावों में संगठन को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
राजस्थान से कौन सा जिला से कौन बनेगा भाजपा जिलाध्यक्ष किसको मिलेंगी उपलब्ध जाने
भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर प्रदेश में तकरीबन दो दर्जन जिलों में नये चैहरो को मौका मिलने के चांस है। भाजपा जिलाध्यक्ष निर्वाचन की तीन चार दिन बाद कवायद शुरू होने के आसार हैं। उसमें भाजपा राष्ट्रीय संगठन नेतृत्व द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष निर्वाचन बाबत तय 60 वर्ष उम्र से अधिक नहीं, लगातार दो बार को अभी मौका नहीं,2019 से लगातार भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर के नाम पर विचार नहीं निर्देश नियम की जद में मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, तीनों केंद्रीय मंत्री,भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तक के निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्ष का फिर भाजपा जिलाध्यक्ष निर्वाचित होना खटाई में पड़ गया है।
भाजपा राष्ट्रीय संगठन नेतृत्व ने भाजपा मण्डल अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचन में 45 वर्ष आयू से अधिक को नही, लगातार तीसरे दफे मण्डल अध्यक्ष पद पर नहीं ओर 2019 से भाजपा मण्डल अध्यक्ष पद पर कार्यरत को अब भाजपा मण्डल अध्यक्ष पद पर मौका नहीं देने के निर्देश का प्रदेश में भाजपा संगठन चुनाव प्रदेश चयन कमेटी सदस्यों द्वारा कड़ाई से पालना कर मण्डल अध्यक्ष तय करने की कवायद से ,भाजपा जिलाध्यक्ष चयन में भी शक्ति से शर्तों को अपनाने के खासे आसार नजर आ रहे हैं। यहां तक कि भाजपा सत्ता, संगठन मुखिया द्वारा भाजपा संगठन चुनाव जिला संयोजको को तय उम्र,दो दफे पाबंदी को मद्देनजर रख कर भाजपा जिलाध्यक्ष पैनल तैयार करने के निर्देश देने तथा इस मुताबिक जिलाध्यक्ष पैनल नामों पर रायशुमारी शुरू करने की सुगबुगाहट हैं। इसके मद्देनजर भाजपा राष्ट्रीय संगठन नेतृत्व के निर्देश पाबंदी की जद में आने वाले प्रदेश के मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्षों का फिर इस पद पर चयन, निर्वाचित नहीं होने की संभावना जताई जा रही है।
भाजपा संगठन के गलियारों में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर जयपुर तथा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के विद्यानगर सीट जयपुर के मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्ष राघव शर्मा के 2019 में भाजपा जिलाध्यक्ष निर्वाचित होने के साथ तय उम्र 60 वर्ष आयू से अधिक होने से फिर इस पद उनकी वापसी खतरे में पड़ गई हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र जोधपुर के भाजपा ग्रामीण भाजपा जिलाध्यक्ष जोगाराम विश्नोई, अर्जुन राम मेघवाल के बीकानेर ग्रामीण भाजपा जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी, भूपेन्द्र यादव के अलवर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अलवर भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता, भागीरथ चौधरी के अजमेर लोकसभा क्षेत्र के अजमेर ग्रामीण भाजपा जिलाध्यक्ष देवी शंकर भूदडा के निर्धारित 60 वर्ष से अधिक आयू को पार करने के संकेत मिले हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के जैसलमेर बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के जैसलमेर भाजपा जिलाध्यक्ष चन्द्र शेखर सराडा, बाड़मेर के दिलीप पालीवाल भी 60 वर्ष उम्र से ज्यादा के होने के साथ लगातार दो दफे भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्त हो चुके हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के गृह जिले पाली के भाजपा जिलाध्यक्ष मनसा राम परमार वर्ष 2019 में नियुक्त होने से उनकी फिर जिलाध्यक्ष वापसी मुश्किल में है।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की राजनैतिक कर्म भूमि झालावाड़ जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष संजय जैन ओर पंजाब राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के गृह जिले उदयपुर शहर भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली लगातार दो टर्म से भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर के मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज भारद्वाज तय उम्र 60 वर्ष से कम होने ओर अभी कुछ महीने पहले ही भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्त होने के बावजूद जिले में भाजपा आला नेताओं की पक्ष में राय कम होने के संकेत मिले हैं।
सिरोही भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी के फिर भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्त होने मंशा कम है।इस नाते उनके फिर भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना कम है । भाजपा राष्ट्रीय संगठन नेतृत्व द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित बाबत 60 वर्ष से अधिक की आयू के नहीं होने के निर्देश देने से बारा भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल सुमन, जालोर भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवण सिंह राव ,
झुंझुनूं भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी, दौसा भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभूदाल शर्मा, बून्दी भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, बालोतरा भाजपा जिलाध्यक्ष बाबूसिंह के भी तय उम्र 60 निर्देश,पाबंदी को पार करने की जद में आने के संकेत हैं । प्रदेश में मौजूदा 44भाजपा जिलाध्यक्ष में से तकरीबन एक दर्जन जिलों के भाजपा अध्यक्ष तय उम्र, पाबंदी की सीमा में नहीं आने ओर जिले के भाजपा विधायकों, पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं की पसंद में शुमार होने से फिर भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर मौका मिल सकता है। उसमें भाजपा राष्ट्रीय संगठन नेतृत्व के 60 वर्ष आयू तक को, लगातार दो बार निर्वाचित नहीं,2019 के बाद नियुक्त के निर्देश, शर्तों के मुताबिक़ चयन हो सकने वालों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के कोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा कोटा शहर भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के विधायक निर्वाचन क्षेत्र के अजमेर शहर भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश सोनी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले धोलपुर भाजपा जिलाध्यक्ष सतेन्द्र पाराशर,भाजपा पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ के गृह जिले चूरु भाजपा जिलाध्यक्ष बसंत शर्मा (जांगीड़),
भाजपा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चितौड़गढ़ भाजपा जिलाध्यक्ष मीठूलाल जाट, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर के भाजपा जिलाध्यक्ष कमल सिखवाल, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जिला सवाईमाधोपुर भाजपा जिलाध्यक्ष सुमन दीक्षित, टोंक भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत मेहता,जयपुर ग्रामीण उत्तर भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम शर्मा ,
बांसवाड़ा भाजपा जिलाध्यक्ष लाभ चन्द्र पटेल, करोली भाजपा जिलाध्यक्ष शिव कुमार सैनी का अभी भाजपा संगठन काज संतोष प्रद होने, जिले के आला भाजपा पदाधिकारी, वरिष्ठ नेताओं, विधायको का इस नाते काफी के समर्थन प्राप्त होने के मद्देनजर फिर भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर वापसी करने के चांस नजर आ रहे हैं।
JALORE NEWS
खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें
एक टिप्पणी भेजें