चुनावी प्रक्रिया में बड़ा सुधार: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग के साहसिक कदम - JALORE NEWS
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चुनावी प्रक्रिया में बड़ा सुधार: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग के साहसिक कदम - JALORE NEWS
पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जालौर / नई दिल्ली ( 20 मार्च 2025 ) JALORE NEWS भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने और मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। चुनाव आयोग के अन्य आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मिलकर उन्होंने चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं।
मतदाता सूची को त्रुटि-मुक्त बनाने का मिशन
आयोग ने देशभर में मतदाता पहचान-पत्र (EPIC) नंबरों की डुप्लीकेसी को मात्र 3 महीनों में समाप्त करने का संकल्प लिया है। इसके लिए जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ समन्वय कर मतदाता सूची को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा।
इसके अलावा, 6-10 जनवरी 2025 तक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) प्रक्रिया के तहत सुधार किए गए, जिसके बाद अब तक 89 प्रथम अपील और एक दूसरी अपील दर्ज की गई हैं। चुनाव आयोग अब यूआईडीएआई (UIDAI) के विशेषज्ञों के साथ मिलकर मतदाता सूची को पूरी तरह से त्रुटि-मुक्त करने के लिए तकनीकी परामर्श करेगा।
राजनीतिक दलों के साथ संवाद को प्राथमिकता
चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने देशभर में लगभग 5,000 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं। यह पहल 31 मार्च 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। इस दौरान ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तरों पर राजनीतिक दलों से सीधा संवाद किया जा रहा है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को दिल्ली में बैठक के लिए आमंत्रित किया है और उनसे 30 अप्रैल 2025 तक चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव मांगे हैं।
चुनावी सुधारों की नई दिशा: डिजिटल ट्रेनिंग और बूथ स्तर पर सुधार
चुनाव आयोग ने चुनाव कर्मियों की कुशलता बढ़ाने के लिए एक करोड़ से अधिक अधिकारियों को डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है।
इसके तहत, 4-5 मार्च 2025 को नई दिल्ली में दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ERO) शामिल हुए। इस सम्मेलन में:
✅ 28 हितधारकों की पहचान कर चुनाव तंत्र को सक्रिय करने पर जोर दिया गया।
✅ चुनाव निर्देशों की हैंडबुक और मैनुअल को नए परिवर्तनों के साथ अपडेट करने का निर्णय लिया गया।
✅ फ्रंटलाइन चुनाव अधिकारियों के लिए डिजिटल प्रशिक्षण किट तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया।
✅ एनिमेटेड वीडियो और एकीकृत डैशबोर्ड का उपयोग कर प्रशिक्षण को प्रभावी बनाया जाएगा।
✅ बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है।
मतदान को आसान और सुगम बनाने के लिए ठोस कदम
चुनाव आयोग का मुख्य लक्ष्य 100% पात्र नागरिकों का मतदाता के रूप में नामांकन सुनिश्चित करना और उन्हें बेहतर मतदान अनुभव प्रदान करना है।
इसके लिए आयोग ने:
✔️ किसी भी मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता न होने देने का नियम लागू किया।
✔️ मतदाताओं को 2 किलोमीटर के दायरे में मतदान केंद्र उपलब्ध कराने की योजना बनाई।
✔️ सबसे दूरस्थ ग्रामीण मतदान केंद्रों में भी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।
✔️ शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की पहुंच आसान बनाने के लिए ऊंची इमारतों और कॉलोनियों के भीतर ही मतदान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई।
आगे की रणनीति: राजनीतिक दलों के लिए प्रशिक्षण और सुझावों पर विचार
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) को मतदाता सूची में दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया पर प्रशिक्षित करने की पहल की है।
इसके अलावा, आयोग ने चुनाव संबंधी संचालन और सुधारों को लेकर सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे हैं, जो 30 अप्रैल 2025 तक आयोग को भेजे जा सकते हैं।
चुनावी प्रक्रिया में क्रांतिकारी सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, डिजिटल प्रशिक्षण, मतदाता सूची की शुद्धता और राजनीतिक दलों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जो ऐतिहासिक पहल की है, वह देश में लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाएगी।
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