नियमो का बहाना बना रहे अफसर, नहीं मिल पा रहा जनता को शिविर का लाभ - JALORE NEWS
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नियमो का बहाना बना रहे अफसर, नहीं मिल पा रहा जनता को शिविर का लाभ - JALORE NEWS
जालौर ( 26 दिसम्बर 2021 ) अब अंतिम चरणों में कैम्प होना जा रहा है आज और कल । अब दो दिन का कैम्प दिनाक - 27 - 28 दिसम्बर को हनुमान शाला स्कुल में आयोजित होगा । जालौर मुख्यालय पर प्रशासन शहरों के संग अभियान का पूरा लाभ आमजन को नहीं मिल रहा है। लोग पट्टों के लिए चक्कर निकाल रहे हैं। बिना जोनल प्लान और बिना तैयारी के शुरू हुए अभियान में अब नियमों की आड में पट्टों की फाइलें अटक रही है। अफसर नियमों की आड लेकर पट्टे जारी करने से बच रहे हैं। एेसे में आमजनता को न अभियान का लाभ नही मिल पा रहा है और ना ही उनको अपने आशियानें के पट्टे जारी होने का ख्वाब पूरा हो रहा है। अभियान के दौरान लोग रोज बड़ी संख्या में शिविरों में चक्कर निकाल रहे है। अभियान के दो महिने के बाद में लोगों को पट्टे बनवाने में निराशा ही हाथ लगी है। शिविरों में आमजनता के काम किस प्रकार से हो रहे हैं, यहां इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर परिषद् पहले दो महिने में महज कुछ पट्टे ही जारी कर पाया है। तथा यहां अभियान कागजों में दिखाया जा रहा है । पट्टे कि कार्ईवाही अक्सर कागजों ही कि जा रही है । जिससे समस्या का स्थायी समाधान नही हो पा रहा है ।
एक तरफ से प्रशासन शहरों के संग अभियान का लाभ पहुचाने के लिए कैम्प लगाकर , लाखों का खर्च करके लाभ पहुचाने का दावा कर रही हैै , तो दुसरी वहीं प्रशासन शहरों के संग अभियान का लाभ से वांचित रखा रही है , जनता और सरकार के साथ नगर परिषद् के साथ खिलवाड़ करने में लगी हुआ । जिससे अनुमान लगा जा सकता है । कितना लाभ जनता को सरकार कि ओर से पहुचा रही है । प्रशासन शहरों के संग अभियान यहा अनुमान लगा जा सकता है । जिससे सच्चाई तो कुछ और है। जिसके कारण नगर परिषद् शहर में अब तक बेअसर साबित हूआ है । इस कारण अभियान के दौरान न नगर परिषद् के इस तहत् पट्टा को धरादार पर प्रयास करती नजर नही आ रही है । जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । शिविरों और नगर परिषद् के चक्कर लगा रहा आमजनता , सबसे बडी बात यहां है कि नगर परिषद् के पास में 1980 से 1990 पहले का रिकॅार्ड उपालब्ध नही है । नगर परिषद् के सुत्रों की मानें तो इस दौरान जालोर नगर परिषद् के पुर्व में पंचायत समिति लेटा के पुर्व संरपच पारसमल भण्डारी ने दिनांक 16 मार्च 1983 को शिविर में पंचायत समिति राजस्थान एक्ट 71 नियमानुसार पट्टे जारी कि गया । तथा ग्राम पंचायत लेटा की ओर से पट्टा जारी कि गया वहां परानें पट्टा खारिस कर दिया गया । जिसके चलते शहरवासियों को ऋण के दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ ( वंचित रखा जा रहा ) भी नहीं मिल पाता। वर्तमान में जालोर शहर में यहां हजारों पक्के मकान बना गया। जिसके कारण आमजनता नगर परिषद् के चक्कर काट रही , जिसके दौरान भरी परेशानीयों का सामना करना पडा रहा है । जिसके बाद यहां इनके साथ -़ साथ में जालोर शहरों के मुद्द और कोई प्रकार के काम - काज अटके पडें है । यहां मुद्दें विकास कागजों बताया जा रहा है ।
प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग शिविर में नही मिला न्याय ,पट्टा को लेकर दफ्तारों के चक्कर - JALORE NEWS -- https://www.jalorenews.com/2021/12/rounds-of-offices-regarding-the-lease_01145007715.html
नियमों की में अटके पट्टे नगर परिषद् के पास जालौर शहर है। इसमें यहां हजारों मकान बस्से हूआ । इनमें अधिकतर के पास पुरानें पट्टे ही है। जो 71- के दायरे में आते है। नगर परिषद् अब तक एक भी पट्टा 71 - के तहत जारी नहीं कर पाया है। वहीं कच्ची बस्ती नियमन, स्टेट ग्रांट, कब्जा नियमन, खांचा भूमि आंवटन के पट्टे भी नियमों की आड में अटके हुए हैं। जोनल प्लान और नियमों का हवाला देकर अफसर पत्रावली आगे बढ़ाने से बच रहे हैं। शहरों में जबकि नियमानुसार ऐसा क्षेत्र जहां होदडी , यहां तालाब से 500 मीटर फुट के दरें में पट्टा जारी नही कर सकती है ।
वर्षो बाद भी नहीं मिल रहे पट्टे
अभियान के दौरान कई लोग एेसे भी शिविरों में पहुंच रहे है, जिन्होंने पिछले प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान भी आवेदन किया था, लेकिन पट्टा जारी नहीं हो पाया था। जिससे जनता परेशान दिखाई दे रही है ।
इनका कहना है
( 1 ) वर्षो बाद भी नहीं मिल रहे पट्टे , अभियान के दौरान कई लोग एेसे भी शिविरों में पहुंच रहे है, । जिन्होंने पिछले प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान भी आवेदन किया था, लेकिन पट्टा जारी नहीं हो पा रहा । इस बार भी एेसे लोग फिर से पत्रावली तैयार कर आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि इस बार भी उनको पट्टे मिल जाएंगे, इस पर संशय है।
( 2 ) जनता का इनका कहना है मेरे दृारा पहले किया फाईल नगर परिषद् में जमा कराई गयी थीं । करीब 5 साल पहले नगर परिषद् में आवदेन किया । और पैसे भी जमा कि गया तथा उनकी रसीद भी होने के बावजुद पट्टा जारी नही किया जा रहा ।
( 3 ) बिना अनुमति निर्माण पर कार्रवाई नही होती है तो फिर नगर परिषद् पट्टा धारकों को पट्टा क्यों नही दे सकती | विकास कार्यों में होने वाले भेदभाव क्यों कर रही है , नगर परिषद के अधिकारीयों और अफसर , आयुक्त अन्य कर्मिचारीयों के दृारा
जनता का इनका कहना है
( 4) पार्षदों का कहना है कि नगर परिषद् का बोर्ड बने 3 साल गुजर चुका है । मगर नगर परिषद् में शहर के विकास से जुडें मुद्दों हूआ एक भी काम नही हूआ , सभी काम अटके पडें । जिससे पार्षद इस बोर्ड से नाराज है , पिछली सरकार बनी थी उसमें भी कोई काम नही हूआ है , कहना का मतलब है कि पिछले बोर्ड ने 5 साल बातों में गंवा दिया । और इस बार भी भाजपा का बोर्ड बना हूआ है । राजस्थान में कांगेस सरकार के होने के कारण जालोर शहर में विकास नही हो रहा है । पिछले वर्ग में रखा गया है । हमेशा बोर्ड बैठक होती है परंतु विकास नही होता है । बातों में समय बीत रहा है । जिसके कारण आमजनता परेशान होती है । और पार्षदों पर आरोप भी लगते रहते है ।
पार्षदों का कहना है कि
( 5 ) पंचायत समिति लेटा पुर्व संरपच पारसमल भण्डारी का इनका कहना है कि दिनांक 16 मार्च 1983 को शिविर में पंचायत समिति राजस्थान एक्ट 71 नियमानुसार पट्टे जारी कि गया ।उस समय में कैम्प में लेटा मठ के महाराज के हाथों से पट्टे जारी किया गया थें । जोकि नियम-83 के तहत निःशुल्क आवासीय भूखण्ड का आवंटन पट्टा राजस्थान सरकार के नियमानुसार - बी.पी.एल. में चयनित परिवारों, पंचायती राज नियम 1953 -( 71 ) में संशोधन करते हुए, राज्य सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को भूमि का आवंटन निःशुल्क करने का अधिकार पंचायतों को ही दे दिया है। पहले यह अधिकार राज्य सरकार में निहित था। वर्तमान में नगर परिषद् और पंचायत समिति के अधिन में आता है । मैनें यहां सब रिकॅार्ड सन् 2000 मैं नगर परिषद को सुप्रीता किया गया था । अब मुझे इसके बारे में जानकारी नही है । इसकी जानकारी नगर परिषद् के पास में है ।
पंचायत समिति लेटा पुर्व संरपच पारसमल भण्डारी का इनका कहना है
( 6 ) राज्य सरकार ने लाखों रूपयें का खर्च करके कैम्प लगने ौमें जुठी हूआ परन्तु नगर परिषद् के अधिकारीयों कि मेहरबनी के चलते आमजनता परेशान है । यहां कर्मिचारी और आयुक्त ने अपने स्तर पर कुण्डाली मारकर बैठे है , प्रशासन शहरों के संग’ अभियान में नगर परिषद् की मनमर्जी कर रही है । जनता को लाभ नही पहुंचा रही है ।
जिसके चलतें लाभ से वंचित रहा है । नगर परिषद् बडे लेवर अधिकारियों , दफ्तारो और शिविरों में बैठे कर्मचारीयों और बाबूओं कैम्प में कुर्सी लगाकर , नास्ता करके समय बीत रहा है , जबकि जनता का विकास होना चाहिए । वहां नही हो रहा है जनता को घुमा रहा कर रही है । कागजों में दिखा जा रहा है । प्रशासन शहरों के संग अभियान फोटो खिंवाकर राजस्थान सरकार के आंखों में धुंध तुकनें का काम कर रही है । बडे लेवर के अधिकारी शिविर में आते है फोटो और माला , साफा पहनाकर चले जाता है । आमजनता कि नही सुनतें है । जबकि नगर परिषद् को एक माह का टारगेट ही 2500 पट्टे बांटने दिया हुआ है , जबकि अबतक 10 फीसदी भी पट्टे जारी नहीं किए गए है । प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग’ अभियान
नगर परिषद् लापरवाही बरतने रही है । प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग’ अभियान नाम मात्र का चल है । इसका लाभ नही मिला रहा आमजनता को
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