गौरवशाली इतिहास की नींव पर सुनहरे भविष्य के लिए संकल्पबद्ध हो जालौर- श्यामसिंह - JALORE NEWS
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गौरवशाली इतिहास की नींव पर सुनहरे भविष्य के लिए संकल्पबद्ध हो जालौर- श्यामसिंह - JALORE NEWS
जालोर ( 6 मई 2022 ) संस्कृति शोध परिषद के तत्वावधान में जालौर के इतिहास, वर्तमान एवं भविष्य की दिशा पर आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने जालौर के इतिहास का विस्तार से वर्णन करते हुए सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ने का संकल्प दिलाया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता आरएसएस के विभाग प्रचारक श्याम सिंह ने कहा कि जालौर का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है और इस सुदृढ ऐतिहासिक नींव पर हम सभी को मिलकर जालौर के सुनहरे भविष्य का निर्माण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों को लेकर जालौर की धरती पर अनेक बलिदानियों ने अपना बलिदान दिया है,उन सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों को सदैव अपने हृदय में संजो कर रखें उन्हें कभी विस्मृत नहीं होने दें, उनकी ऐतिहासिक विरासत की सार संभाल एवं सुरक्षा बनी रहे, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने युग धर्म की चर्चा करते हुए कहा कि जालोर की उभरती नई पीढ़ी शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत करने की आवश्यकता है। इतिहास हमेशा शक्तिशाली लोग ही रखते हैं अतः जालौर को जालौर के युवाओं को शारीरिक और मानसिक दोनों से मजबूत होना अति आवश्यक है और इसी अनुरूप विभिन्न गतिविधियों का संचालन करना नगर की सामूहिक जिम्मेदारी है।
जालौर के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन व्यास ने विस्तार से जालौर पराक्रम पर्व की विभिन्न घटनाओं का उल्लेख किया। महाराजा कान्हड़देव , वीरांगना हीरा दे, वीर वीरमदेव, जैन संत राजेंद्र सूरी जी महाराज, कल्याण विजय जी महाराज आदि के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
जालौर की वर्तमान उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी मुकुंद बिहारी वैष्णव ने कहा कि जालौर का अतीत जितना गौरवशाली है, वर्तमान में भी अनेक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जालौर के युवा विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने विस्तार से कृषि, शिक्षा, साहित्य, चिकित्सा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, आध्यात्मिक जगत, खेल, रंगमंच ,प्रशासनिक सेवाएं आदि के क्षेत्रों में जालौर की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।उन्होंने शहर में शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं परिवार भाव के वातावरण निर्माण के लिए संस्कृति शोध परिषद द्वारा आयोजित गोष्ठी को आदर्श बताते हुए इसकी निरंतरता की आवश्यकता प्रतिपादित की।
जोधपुर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एवं संस्कृति संस्कृत विचारक डॉ हरि सिंह राजपुरोहित ने वर्तमान समय में इतिहास अध्ययन की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए इतिहास की भूलों से सीखने एवं इतिहास की यश गाथाओं से प्रेरणा लेने की बात कही।
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक दृष्टि से इतिहास अध्ययन का व्यापक महत्व है क्योंकि यह मानव मस्तिष्क एवं आचरण को सुसंस्कृत बनाने का प्रमुख एंव प्रभावपूर्ण साधन है। इसके अध्ययन से छात्र अपने देश की अतीत कालीन सभ्यता एवं संस्कृति के आधार पर वर्तमान संस्कृति को समझने में समर्थ होते हैं और उसके क्रमिक विकास का ज्ञान प्राप्त करते हैं। उन्होंने जालौर के इतिहास से जुड़े सोमा जी राजपुरोहित के व्यक्तित्व का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृति शोध परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंह ओपावत ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। उन्होंने जालौर के गौरवशाली इतिहास के बहु आयामी पक्षों पर संक्षिप्त चर्चा करते हुए संगठन की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
● मशाल जलाकर हुआ शुभारंभ- सामान्यतया वैचारिक गोष्ठियों का शुभारंभ दीप प्रज्वलित से होता है किंतु जालौर के इतिहास के पराक्रम पर्व को स्मरण करते हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मशाल प्रज्वलन के साथ हुआ। मंत्रोचार के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ जगतगुरू आदि शंकराचार्य जी की जयंती की पूर्व संध्या होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का शुभारंभ आदि शंकराचार्य स्तुति द्वारा किया गया। संवित साधक अनिल व्यास ने आदि शंकराचार्य स्तुति प्रस्तुत की। मशाल की जगमग रोशनी में इस सस्वर स्तुति गायन ने कार्यक्रम को आध्यात्मिक स्वरूप प्रदान किया।
● कुश्ती प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरण भी - कार्यक्रम में मंचस्थ अतिथियों द्वारा पिछले दिनों संपन्न वीरमदेव स्मृति कुश्ती प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया।
● कार्यक्रम में सहभागी रहे सभी लोगों को जालौर के महापुरुषों एवं स्वर्ण गिरी पर्वत माला का एक आकर्षक स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
● कार्यक्रम का संचालन परिषद के किशोर सिंह राजपुरोहित एवं गजेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया। वही संगठन सचिव संजय राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया
● इनकी रही उपस्थिति
जालौर जौहर स्मृति दिवस पर आयोजित इस विचार गोष्ठी में जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष मोहन परमार, वरिष्ठ अभियंता मदनराज बोहरा, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी धनराज दवे, हिंदू जागरण मंच के प्रांत संयोजक लाल सिंह राजपुरोहित , संस्कृति शोध परिषद के निदेशक संदीप जोशी कल्पेश बोहरा, आदर्श विद्या मंदिर के जिला सचिव अजय गुप्ता, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के परमानंद भट्ट, नगर परिषद के उपसभापति अंबालाल व्यास, संघ के जगदीश सोनी,ठाकराराम,सोहन अग्रवाल, हिंदू युवा संगठन के सुरेश सोलंकी, विप्र फाउंडेशन के अध्यक्ष ललित दवे , विश्व हिंदू परिषद के दिनेश जीनगर, सुरेंद्र नाग, पूर्ण प्रकाश नाग, सरदार सिंह चारण, किशनाराम राम पटेल कल्याण सिंह, रंजीत दवे विनोद कुट्टी, आदर्श विद्या मंदिर की प्रांत उपाध्यक्ष नीलम पवार राष्ट्रीय सेविका समिति की बीना शर्मा, खम्मा प्रजापत, जगदीश प्रसाद , जुगल मोर , हरीश राणावत , बाबूलाल मेघवाल ,चुनाराम बोराणा, शंकर भादरू, कालू राज मेहता नरेंद्र श्रीमाली पारसमल गर्ग प्रमोद राठौड़, मंगल सिंह सिराणा, भगीरथ गर्ग, समेत बड़ी संख्या में जालौर शहर के गणमान्य स्त्री-पुरुष उपस्थित रहे।
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